ग्रेनो के नॉलेज पार्क स्थित शारदा यूनिवर्सिटी में गुरुवार को एनुअल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। मुख्य अतिथि रोड्रिगो डियाज कोंचा माइक्रोसॉफ्ट क्षेत्रीय निदेशक, हेंक बोएलमैन माइक्रोसॉफ्ट में वरिष्ठ क्लाउड एडवोकेट एआई और एमएल, जोसेफ गुआडाग्नो नेट फाउंडेशन बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के प्रेसिडेंट, जनार्थानन सेल्वराज सीनियर विशेषज्ञ, मोहम्मद अजहरुद्दीन सर्विस नाउ एविडेन के डेवलपर, यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस चांसलर परमानंद और डायरेक्टर पीआर डॉ अजीत कुमार ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कॉन्फ्रेंस में माइक्रोसॉफ्ट क्षेत्रीय निदेशक रोड्रिगो डियाज कोंचा ने स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि एआई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैट जीपीटी के आने से ब्लॉग लिखने वाले लोग एक एक दिन में 15-20 ब्लॉग आसानी से लिख पा रहे हैं। जबकि पहले वह 5-10 ब्लॉग ही लिख पाते थे। चैट जीपीटी से लोग सोशल मीडिया कैंपेन तैयार कर बढ़िया कमा रहे हैं। इसके अलावा एआई टूल्स पलक झपकते पावर प्वाइंट्स स्लाइड भी तैयार कर रहे हैं। आप सिर्फ टॉपिक का नाम बता दें और आपका काम आसान हो जाएगा। उन्होंने चैट जीपीटी, बिंग एआई, गूगल बार्ड, क्लाउड के बारे में बताया। जिसका इस्तेमाल करके आप कंटेंट जनरेट, सोशल मीडिया पोस्ट, एसईओ, वेबसाइट कोडिंग आदि कर सकते हैं। क्लाउडे+ इसे चैट जीपीटी का विकल्प माना जा रहा है।
हेंक बोएलमैन माइक्रोसॉफ्ट में वरिष्ठ क्लाउड एडवोकेट एआई और एमएल ने बताया कि बिग डेटा और मशीन लर्निंग की बेहतर क्लाउड सुविधाओं का इस्तेमाल शुरू करें. इससे तेजी से जवाब मिलता है. साथ ही, बेहतर प्रॉडक्ट बनाने और ऐप्लिकेशन की जरूरतें पूरी करने में मदद मिलती है। क्लाउड की बेहतर तरीके से काम करने वाले क्लाउड स्टोरेज और नेटवर्क से जुड़ी सेवाओं की मदद से, नए तरह के काम किए जा सकते हैं. ज़्यादा सवाल पूछें, तेज़ी से जवाब पाएं। जब लोगों को क्लाउड कंप्यूटिंग की सेवा पसंद आने लगी और बिजनेस कंपनियों को इसकी आवश्यकता पड़ने लगी तब गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, ऐमेज़ॉन जैसी बड़ी कंपनी द्वारा क्लाउड कंप्यूटिंग की सेवाएं चालू की गई।
समय के साथ क्लाउड कंप्यूटिंग को विकसित किया गया और इसका इस्तेमाल सभी क्षेत्रों में होने लगा, आज के इस युग में जितने भी सेवाएं इंटरनेट से ली जाती है वह सेवा क्लाउड कंप्यूटिंग के द्वारा उपलब्ध कराई जाती हैं। आसान शब्दों में कहें तो हर वो सेवा जो हम ऑनलाइन उपयोग करते हैं वह क्लाउड कंप्यूटिंग है। यूट्यूब में वीडियो देखना, ऑनलाइन गेम खेलना या फिर ऑनलाइन एग्जाम दिलाना ये सब क्लाउड कंप्यूटिंग पर निर्भर है।
शारदा यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस चांसलर परमानंद ने सभी स्पीकर का स्वागत कर धन्यवाद किया और इस तरह कार्यक्रम सबसे पहले हमारी यूनिवर्सिटी में हुआ। इस स्टूडेंट्स को नई चीजें सीखने को मिलेगी और कैरियर बनाने में मदद करेगी।