एक वर्ग ऐसा है जहां संतानोत्पति अधिक करने का चलन है : अनिल चौधरी । टेन न्यूज लाइव | सच्ची बात | राष्ट्र चिंतना |

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (17 सितंबर 2023): टेन न्यूज नेटवर्क की खास पेशकश सच्ची बात: प्रोफेसर विवेक कुमार के साथ कार्यक्रम के 80वें एपिसोड में ग्रेटर नोएडा के फादर एगनल स्कूल में ‘असंतुलित जनसंख्या विस्फोट -जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता’ पर व्यापक चर्चा आयोजित की गई। उक्त कार्यक्रम का संचालन एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, एमिटी के प्रमुख प्रो. विवेक कुमार ने किया। इस चर्चा गोष्ठी कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रचिंतना के अध्यक्ष, पूर्व कुलपति, प्रो. बीएस राजपूत ने किया। वक्ता के तौर पर अनिल चौधरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जनसंख्या समाधान फाउंडेशन उपस्थित रहे। चर्चा में श्रोता के तौर पर कई प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के प्रारंभ में संचालक प्रो. विवेक कुमार ने कहा कि “जनसंख्या विस्फोट एक गंभीर चिंता का विषय है। आपस में समन्वय नहीं है, एकतरफ हम हम दो हमारे दो’ करते हैं और दूसरी तरफ ‘हम चार और उनके सोलह’ हैं। इससे असंतुलित जनसंख्या विस्फोट होगा और इसीलिए जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता है।” प्रो. विवेक कुमार ने आगे बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि ” वो जहां भी बहुसंख्यक हो जाते हैं फिर ‘जिहाद’ करने लगते हैं। इसीलिए बीते दिनों आरएसएस के सर संघसंचालक मोहन भागवत ने कहा सभी के लिए दो बच्चे होने चाहिए ये अनिवार्य हो और सरकार इसपर कानून लाए।”

मुख्य वक्ता अनिल चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि “भारत में अभी G20 की सफल बैठक हुई , दुनियाभर में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है।भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। वहीं इसके दूसरे पहलुओं को देखें तो बेरोजगारों की सबसे बड़ी फौज भी भारत में ही है। वहीं भारत में ही सर्वाधिक भ्रूण हत्या होती है।” आगे उन्होंने कहा कि “भारत में इतने मजबूत नेतृत्व के बाद भी यदि कई समस्याएं हैं तो इसका कारण भी भारत की बढ़ती बेतहासा जनसंख्या है। हम जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़कर पहले स्थान पर आ गए हैं। दिलचस्प बात ये है कि साल 1952 में ही भारत में परिवार नियोजन कार्यक्रम लागू किया गया। विश्व में परिवार नियोजन लागू करने वाला पहला देश है भारत और फिर भी हम विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है तो ये हमारी असफलता है। मानवीय सूचकांक में हम पिछड़ रहे हैं इसका कारण है कि विश्व के कुल क्षेत्रफल का 2.5 फीसदी भूभाग है जबकि कुल आबादी का लगभग 18 फीसदी जनसंख्या का भार भारत पर है। तो इससे आप अनुमान लगा सकते हैं यह कितनी बड़ी समस्या है।”

आगे उन्होंने कहा कि ” भारतीय समाज का एक वर्ग है जिसकी आबादी का लगभग 50 फीसदी ऐसे लोग हैं जो एक संतान के बाद रोक लेते हैं , वहीं एक वर्ग ऐसा है जहां संतानोत्पति अधिक करने का चलन है। अंधाधुंध संतान पैदा करने के लिए वो अपने लोगों को धार्मिक दलीलें देकर उन्हें उकसाते हैं। 1947 में जिस वर्ग की आबादी 8 फीसदी थी साल 2011 के जनसंख्या के मुताबिक उसकी आबादी बढ़कर 15 फीसदी ही गई।

कार्यक्रम में उपस्थित कई प्रबुद्धजनों ने सवाल पूछे और अपने सुझाव व्यक्त किए। इसी कड़ी में गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में अध्यापक नीरज कौशिक ने अपने सुझाव व्यक्त करते हुए कहा कि ” किसी भी प्रांत में तुष्टिकरण का प्रभाव नहीं पड़े इस दिशा में कार्य किए जाने चाहिए।” वहीं कार्यक्रम में उपस्थित रहे डॉ आरती शर्मा ने चंद पंक्तियों के साथ जनसंख्या विस्फोट एवं नियंत्रण को लेकर अपनी बात रखी। कार्यक्रम में उपस्थित सीनियर टाउन प्लानर आर. श्रीनिवास ने अपने सुझाव व्यक्त करते हुए कहा कि ” जो विषय है जनसंख्या विस्फोट , यह दक्षिण एवं पूर्वी राज्यों के लिए चिंता का विषय नहीं है। वहां जनसंख्या नियंत्रित हो चुका है, चिंता करने की जरूरत है बिहार, उत्तरप्रदेश, झारखंड और मध्यप्रदेश के लिए है। जिसे हम पहले ‘बीमारू राज्य’ कहते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि “यदि केरला, तमिलनाडु और दक्षिण के अन्य राज्य में यदि जनसंख्या नियंत्रण हो सकता है तो दूसरे राज्यों में क्यों नहीं? यह पूरा मामला एजुकेशन का है।”

उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व कुलपति प्रो. बीएस राजपूत ने अपने संबोधन में कहा कि “जनसंख्या नियंत्रण तो हो रहा है लेकिन मूल समस्या जनसंख्या संतुलन का है। और उसे इन तरीकों से जागरूक नहीं किया जा सकता है। मुख्य बिंदु जनसंख्या नियंत्रण के बजाय जनसंख्या असंतुलन की है। जर्मनी ने भी विश्व युद्ध के बाद जनसंख्या वृद्धि पर विचार किया ताकि देश का मानव संसाधन बना रहे। देश में मानव संसाधन सीमित है, ये अलग बात है कि एक समय में प्रधानमंत्री ने कह दिया था कि इस देश के संसाधनों पर पहला अधिकार एक खास वर्ग का है।” उन्होंने अपने संबोधन में जनसंख्या नियंत्रण और विशेष तौर पर जनसंख्या संतुलन पर अपने विचार साझा किए।

बता दें कि उक्त अवसर पर शहर के कई प्रबुद्ध जन मौजूद रहे और उन्होंने ‘जनसंख्या विस्फोट एवं असंतुलन’ को लेकर अपने अपने विचार साझा किए।।

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