Galgotias University में “इलैक्ट्रिक व्हीकल” टेक्नोलॉजी पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का हुआ शुभारम्भ

गलगोटिया विश्वविद्यालय में मंगलवार को “इलैक्ट्रिक व्हीकल” टेक्नोलॉजी पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का शुभारम्भ हुआ ।

इस फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का शीर्षक “रीसेंट एडवांसमेंट एंड चैलेंज” अभी तक की प्रगति और आगे की चुनौती है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य “इलैक्ट्रिक व्हीकल” टेक्नोलॉजी को ज़्यादा से ज़्यादा बढावा देना है। इसके दो सबसे बडे लाभ होंगे, पहला पर्यावरण की सुरक्षा बढेगी और दूसरा ग्राहक को इन व्हीकल्स से कम क़ीमत पर अच्छी एवरेज मिलेगी। सुरक्षा की दृष्टि से भी इलैक्ट्रिक व्हीकल्स अच्छा माना जा रहा है। इस पाँच दिवसीय प्रोग्राम को आई एस आई ई इन्डिया प्रा० लि० कम्पनी ने स्पॉन्सर किया है। इस कार्यक्रम मैं इंडस्ट्री व आईआईटी जैसे अनेक महत्वपूर्ण संस्थानों से अपने अपने विषयों के जानकार लगभग 88 विद्वान भारत के अनेक राज्यों से और विदेशों से भी भाग लेने जा रहे हैं जो अपने महत्वपूर्ण अनुभव साँझा करेंगे।
कार्यक्रम के प्रथम दिवस में प्रोफेसर डॉक्टर दिवाकर रक्षित, आई आई टी दिल्ली ने बैटरी टेक्नोलॉजी पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि भारत सरकार भी और राज्य सरकारें भी अपनी एक अच्छी पहल करते हुए “इलैक्ट्रिक व्हीकल्स” की योजना को बढावा दे रही हैं। उन्होंने निःशुल्क रजिस्ट्रेशन का भी प्रावधान रखा है। आगे उन्होंने बताया कि आई आई टी देहली में भी इलैक्ट्रिक व्हीकल्स की बैटरी की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और उसकी कार्य क्षमता को दौगनी करने के लिये रिसर्च की जी रही है। आगे आने वाले समय में इसकी कार्यक्षमता को आठ वर्ष से 16 वर्ष की अवधि तक बढ़ाया जा सकता है। पावर फुल और सुरक्षित बैटरियों का निर्माण किया जा सके इस दृष्टि से भी कई पहलुओं को जाँचा परखा जा रहा है और अनुसंधान कार्य किये जा रहे हैं।

इन पाँच दिनों में हमको अनेक विद्वानों के व्याख्यान सुनने को मिलेंगे जिसमें अनुसंधान, सुरक्षा, गुणवत्ता और पर्यावरण की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल किये जायेंगे।

इन वक्ताओं में मुख्य रूप से आई आई टी बोम्बे से प्रोफ़ेसर संदीप कुमार शाहा, यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया से प्रोफ़ेसर अभिषेक कुमार, पिकक्राफ्ट के वॉइस प्रेसिडेंट अतुल गौड, हैड एकेडमिक इनींसेटिव अलतायर डा० बी० एस० रामेशा, एम्पीरियल सोसायटी ऑफ इनोवेटिव इन्जीनियर सीनियर ई० वी० ट्रेनर श्री कुमार जी विशेष रूप से भाग लेंगे।

गलगोटियास विश्वविद्यालय के चॉसलर सुनील गलगोटिया ने कहा कि तकनीकी तौर पर हम भले ही विकसित हो रहे हैं, लेकिन पर्यावरण को लेकर अब हमें संवेदनशीलता दिखानी होगी, ताकि भविष्य में आने वाली पीढ़ी को एक प्रदूषण मुक्त वातावरण मिल सके और इसमें इलेक्ट्रिक गाड़ियां काफी योगदान दे सकती हैं।

विश्वविद्यालय के सीईओ ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि पर्यावरण की जटिल समस्या को ध्यान में रखते हुए। केन्द्रीय सरकार और राज्यों की सरकारें भी इलैक्ट्रिक व्हीकल को लेकर पूरी तरह से गंभीर है, ताकि लोग पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों का इस्तेमाल कम से कम करें। सरकार के महत्व पूर्ण पहल की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकारें अपने स्तर पर लोगों की सहायता भी कर रही है।

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