आउट कम बेस्ड शिक्षा को बढ़ावा देने से छात्रों को मिलेगी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा: सुनील गलगोटिया

गलगोटियास विश्वविद्यालय और एनआई टीटीटी चैनई मिनिस्ट्री ऑफ़ एजुकेशन (भारत सरकार) के सौजन्य से चल रही “आउटकम बेस्ड शिक्षा पर आधारित पाँच दिवसीय कार्यशाला का आज समापन किया गया। इस कार्यशाला में लगभग 90 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को केन्द्र बिन्दु मानकर खोज पूर्ण शिक्षण मैथड को ध्यान में रखते हुए प्रतिभागियों को शिक्षण पद्धति के साथ प्रशिक्षित करना है। ताकि व्यवसायिक शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जा सके।

नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ टैक्निकल टीचर ट्रेनिंग एण्ड रिसर्च (मिनिस्ट्री ऑफ़ एजुकेशन) भारत सरकार संस्थान से आये मुख्य वक्ता के रूप में डा० ई० एस० एम० सुरेश ने क्वालिटी एजुकेशन पर बात की और उन्होंने एन ए ए सी, एन बी ए, एन ए बी एल के महत्व को बहुत बारीकी से समझाया। डा० जनार्दन ने न्यू एजुकेशन टेक्नोलॉजी और उसके टूल्स के बारे में जानकारी दी और उन्होंने बताया कि स्किल लैवल को कैसे बढाया जा सकता है।

उन्होंने विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण की भी बात कही। डा० शानमुगा निधि और डा० दिनेश कुमार ने अलग-अलग विषयों पर बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारियाँ अपने-अपने लैक्चर के माध्यम से दी। उन्होंने परिक्षा-सुधार विषय पर बोलते हुए कहा कि विद्यार्थियों को परिक्षा के समय में डरना नहीं चाहिए। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री की बात को याद दिलाते हुए कहा कि अभी पिछले दिनों में प्रधानमंत्री जी ने भी परिक्षा के समय में विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा था कि परिक्षा के समय अपको अपने धैर्य का परिचय देना है। और बहुत ही सावधानी के साथ अपनी परिक्षाएँ देनी चाहिए ताकि उत्कृष्ट परिणाम आ सकें।

गलगोटियास विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के० मल्लिकार्जुन बाबू ने कहा कि आप सभी प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला में जो सीखा है उसे पूरी मेहनत और लग्न के साथ एम्लीमैंट भी करना है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी मेहनत से दुनिया में अपने गलगोटिया विश्वविद्यालय का नाम रोशन करना है। यह कार्यशाला सीखने के लिये और अपने स्किल लैवल को बढाने के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण थी और आगे भी इस प्रकार के आयोजन होते रहेंगे।

विश्वविद्यालय के प्रो० वाइस चॉसलर अवधेश कुमार ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षण में प्रौद्योगिकी उपकरणों का प्रयोग और नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अनुसरण करते हुए गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करना ही हमारा सबसे बड़ा उद्देश्य है।
विश्वविद्यालय के चॉसलर सुनील गलगोटिया ने कहा कि आउटकम बेस्ड एजुकेशन सिस्टम को बेहतर ढंग से लागू करने के लिये जहां एक तरफ शिक्षक को शिक्षण पद्धतियों के प्रति अत्यंत संवेदनशील होने की ज़रूरत है, वहीं दूसरी तरफ़ विद्यार्थियों को भी अपने लर्निंग लेवल्स पर अधिक फ़ोकस करना होगा। ताकि वो किसी भी प्रोफ़ेशनल पाठ्यक्रम को उत्तीर्ण करने के बाद अपनी अपनी क़ाबिलियत के अनुसार रोज़गार हासिल कर सकें।

विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ध्रुव गलगोटिया ने इस वर्कशॉप के महत्व को बताते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को शिक्षण पद्धति के साथ प्रशिक्षित करना है ताकि व्यवसायिक शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिये सभी शिक्षकों को बँधायी दी।

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