GL Bajaj में विघटनकारी प्रौद्योगिकियों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ICDT-2023) का हुआ शुभारम्भ

ग्रेटर नॉएडा स्थित जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग में (IEEE ) यूपी अनुभाग के सहयोग से विघटनकारी प्रौद्योगिकियों पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ICDT-2023) का भव्य शुभारम्भ किया गया। उद्घाटन सत्र में डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ के पूर्व कुलपति प्रो० डीएस चौहान ने मुख्य अथिति और मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान प्रयागराज के प्रोफेसर एमएम गोरे एवं प्रोफेसर आशीष कुमार सिंह ने विशिष्ट अथिति के रूप में भाग लिया। कॉलिज के निदेशक डॉ० मानस कुमार मिश्रा ने अथितियों का स्वागत करते हुए कहा कि सम्मेलन में आईआईआईटी और एनआईटी जैसे प्रमुख संस्थानों से शोध पत्र प्राप्त हुए, जो इसकी उच्च क्षमता और सफलता को दर्शाता है। कार्यशाला के मुख्य वक्ता नुएवा एसीजा यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, फिलीपींस के प्रोफेसर एलन पॉल एस्टेबन और इंदिरा गांधी महिला दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग के डीन डॉ० अरुण शर्मा ने सम्मलेन में विघटनकारी प्रौद्योगिकियों पर विस्तार से चर्चा की। दिन के दूसरे सत्र में माइक्रोसॉफ्ट, जूम इंडिया, स्विगी और हार्नेस जैसी बड़ी कंपनियों के उद्योग विशेषज्ञों ने प्रौधिगिकी पर प्रकाश डालते हुए प्रतिभागियों को अपने अनुभवों से अवगत कराया। सम्मलेन में देश विदेश से आये शिक्षाविदों ने एआई, ब्लॉकचैन, एआर/वीआर, थ्रीडी प्रिंटिंग और आईओटी सहित पांच विषय में कुल ८२७ शोध पत्र शामिल किये जिनमें से निर्णायक पैनल के द्वारा केवल १५७ पत्रों को प्रस्तुति के लिए स्वीकार किया गया। सम्मेलन में प्रस्तुत किए गए सभी स्वीकृत शोध पत्र आईईईई (IEEE) के एक्सप्लोर और स्कोपस में शामिल करने के लिए पात्र होंगे। समापन समाहरोह में एबीवी-आईआईआईटीएम ग्वालियर (एमपी) के निदेशक प्रो० एस० एन० सिंह मुख्य अथिति और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के प्रो० जनकराजन रामकुमार एवं आईएसटीई के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर पी० के० देसाई विशिष्ट अथिति के रूप में शामिल हुए। अंत में डीन स्ट्रेटेजी प्रो० शशांक अवस्थी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस दौरान जीएलबीआईटीएम के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डॉ० संसार सिंह चौहान, ऐसीएसई विभाग के डीन डॉ० नरेश कुमार ढुल और सभी विभागीय अध्यापक मौजूद रहे।

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