ग्रेटर नोएडा – 18 मार्च 2023 – इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, आईएचजीएफ दिल्ली मेला-स्प्रिंग 2023 में 16 विशाल हॉल में 14 अच्छी तरह से विस्तृत और वर्गीकृत उत्पाद श्रेणियों के साथ, अपने संरक्षकों और पहली बार व्यापार आगंतुकों को प्रेरित और उत्साहित करना जारी रख रहा है। भारत के विभिन्न भौगोलिक स्थानों ने अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान और प्रचुर कच्चे माल के आधार से बने उत्पादों को इस आयोजन में पेश किया है।
ईपीसीएच के अध्यक्ष राज के मल्होत्रा ने इस अवसर पर कहा, “आईएचजीएफ दिल्ली मेले में प्रदर्शित उत्पादों में होम, जीवन शैली, फैशन, कपड़ा और फर्नीचर उत्पादों में व्यापक विविधता के साथ पर्यावरण के अनुकूलता, स्थिरता हमारे उत्पादों की पेशकश की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। आपको ऐसे प्रदर्शकों और आपूर्तिकर्ताओं आसानी से मिल जाएंगे जो अधिक टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल नैतिक प्रथाओं से हम सभी का भविष्य सुनिश्चित करने के लिए अपनी भूमिका निभाने का प्रयास कर रहे हैं। कई निर्माताओं के चुनिंदा उत्पादों के साथ एक सस्टेनेबिलिटी थीम बूथ को थीम क्षेत्र में रखा गया है। कई क्षेत्रीय प्रदर्शकों को जीवंत पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद की पेशकश मिली है,” अपनी बात को विस्तार देते हुए उन्होंने यह भी कहा, “वे मेले में कपास और जूट जीवन शैली के सामान, प्राकृतिक रंगों का उपयोग करके हाथ से पेंट किए गए कलात्मक परिधान, कागज के साथ बेकार कपड़े का उपयोग करके गुथना शिल्प, फैशन से बने सामान लाए हैं। प्रकृति के चक्रीय परिवर्तनों के दौरान प्राप्त पौधे के रेशे, अहिंसा (अहिंसक) रेशम के स्कार्फ, स्टोल और बैग, नदी की रीड (कौना घास) टेबल के सामान और बहुउद्देश्यीय बैग, बांस की कुप्पी और बांस के तिनके के साथ यात्रा मग, बेंत और बांस के घरेलू सजावटी सामान और फर्श मैट, आदि बहुत सारे खरीदारों को आकर्षित कर रहे हैं।”
इस अवसर पर ईपीसीएच के महानिदेशक और आईईएमएल के अध्यक्ष राकेश कुमार ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा, “स्थायी, समावेशी और भविष्य की दिशा में बढ़ते सर्कुलर अर्थव्यवस्था और हरित आपूर्ति श्रृंखलाओं पर ध्यान देने के साथ, ईपीसीएच भारतीय हस्तशिल्प उद्योग को जिम्मेदार मैन्यूफैक्चरिंग और हरित मूल्य श्रृंखलाओं की ओर ले जा रहा है। ये उत्पाद न केवल दुनिया के प्रमुख होम और लाइफस्टाइल ब्रांड्स की खुदरा दुकानों तक पहुंचते हैं, बल्कि प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मेलों में भी इन्हें सराहा जाता है।”
मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (MHEA); युवा उद्यमी सोसायटी (YES); जोधपुर हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स फेडरेशन (JHEF), हैंडीक्राफ्ट्स एंड कार्पेट सेक्टर स्किल काउंसिल (HCSSC), और श्रीनगर कार्पेट ट्रेनिंग सेंटर, हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (HHEWA), बाइंग एजेंट एसोसिएशन (BAA); फेडरेशन ऑफ राजस्थान टेक्सटाइल्स एंड हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (FORHEX); सहारनपुर वुड कार्विंग मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन; मुरादाबाद एसईजेड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन; उत्तर प्रदेश ग्लास एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन, फोर्टे जयपुर ने हस्तशिल्प और संबंधित व्यापार निकायों के दूरदर्शी और मुखिया डॉ. राकेश कुमार को मानद डॉक्टरेट की उपाधि मिलने पर संयुक्त रूप से एक समारोह में सम्मानित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि निर्यातक बिरादरी से प्राप्त प्यार और स्नेह दिल को छू लेने वाला है और यह सराहना ही है जो उन्हें नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने की दिशा में प्रयास करते रहने के लिए प्रेरित करती है। यह एक टीम वर्क है जिसके परिणामस्वरूप हस्तशिल्प क्षेत्र का समग्र विकास हुआ है। उन्होंने इस सम्मान के लिए पूरी निर्यातक बिरादरी को धन्यवाद दिया और आने वाले वर्षों में भी उनकी सभी अपेक्षाओं को पूरा करने की उम्मीद की।
ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर के वर्मा ने आगे बताया, “ईपीसीएच का वृक्ष प्रमाणन – ‘सस्टेनेबिलिटी थ्रू लीगैलिटी’ को विश्व स्तर पर एक मानक के रूप में मान्यता प्राप्त है, जो सभी लकड़ी प्रजातियों के स्थायी व्यापार को सुनिश्चित करता है। एमएसएमई सस्टेनेबल (जेडईडी) सर्टिफिकेशन जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट (जेडईडी) प्रथाओं के बारे में एमएसएमई के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए एक व्यापक अभियान है और उन्हें एमएसएमई चैंपियन बनने के लिए प्रोत्साहित करते हुए जेडईडी प्रमाणन के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करता है। इसके साथ, ईपीसीएच का जनादेश संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के पर्यावरण, सामाजिक और आर्थिक पहलुओं से जुड़े हुए सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) के अनुरूप है।”
दिलीप बैद, उपाध्यक्ष, ईपीसीएच, ने सूचित किया, इस विषय के महत्व को ध्यान में रखते हुए, ‘सस्टेनेबिलिटी, सर्कुलैरिटी एंड नेट ज़ीरो इन हैंडीक्राफ्ट सेक्टर’विषय पर इस आयोजन में आयोजित एक पैनल चर्चा में पर्यावरण से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके साथ ही इस पर भी विमर्श किया गया कि कैसे हस्तशिल्प उद्योग संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करने और होने वाले अपव्यय को न्यूनतम करने के लिए स्थिरता लक्ष्यों के साथ काम कर सकता है। भारतीय वन अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञों ने ‘न्यू वुड स्पीशीज- अवेलेबल फॉर हैंडीक्राफ्ट सेक्टर’ विषयक एक अन्य संगोष्ठी में एक नई लकड़ी की प्रजाति – मेलिया दुबिया (मालाबार नीम) के बारे में चर्चा की, जो लकड़ी के शिल्प,लकड़ी के बर्तन और फर्नीचर में प्रयोग होने के लिए उपयुक्त विशेषताओं के साथ आसानी से उपलब्ध और निर्यात योग्य है। भारत के हालिया मुक्त व्यापार समझौतों का लाभ उठाने, एमएसएमई के लिए बैंकिंग समाधान और निर्यात ऋण योजनाओं विषयों पर सेमिनारों में भी प्रतिभागियों और दर्शकों की अच्छी संख्या में भागीदारी रही।
हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के वाइस चेयरमैन नीरज खन्ना ने इस अवसर पर कहा, “अब तक आयोजन में आने वाले आगंतुकों और ग्राहकों की संख्या बहुत अच्छी तादाद में है। और वो बड़े स्टेटमेंट पीस के साथ ही होम डेकोर, होम टेक्सटाइल, ज्वैलरी और यहां तक की गिफ्ट पैकेजिंग में छोटे थीम कलेक्शन पर भी ध्यान दे रहे हैं।” घर की सजावट के उत्पादों की सोर्सिंग के लिए फ्रांस से आए हेर्वे, ने कई अच्छे उत्पादों को देखा और उन्हें शार्ट लिस्ट किया है। उन्होंने कहा कि वह भारतीय आपूर्तिकर्ताओं के साथ काम करना पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें यूरोपीय बाजारों की बेहतर समझ है। वह पहले से ही गार्डन सामग्री के लिए अपनी अगली यात्रा की योजना बना रहे हैं। अमरीका से पहली बार आए इलियट मेले का आनंद ले रहे हैं और सोर्सिंग के लिए कॉफी टेबल और बेंच पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि “ये उत्पाद प्यारे हैं और अमेरिकी उन्हें बहुत सराहते हैं”। आईएचजीएफ दिल्ली फेयर-स्प्रिंग 2023 की स्वागत कमेटी के अध्यक्ष अवधेश अग्रवाल ने कहा, “कारीगरों, क्षेत्रीय समूहों और छोटे उद्यमियों को भी घरेलू वॉल्यूम खरीदारों से बहुत सारे ऑर्डर मिले हैं।” रोजाना होने वाले रैंप शो आगंतुकों के बीच आकर्षण का केंद्र लगातार बने हुए हैं।
भारत सरकार से आए विशिष्ट अतिथि, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की बात की जाय तो मेरठ (उत्तर प्रदेश) से संसद सदस्य राजेंद्र अग्रवाल; राजस्थान से राज्य सभा के सांसद राजेंद्र गहलोत; सहारनपुर से संसद सदस्य हाजी फजलुर रहमान; न्यूज 18 पर ‘भैया जी कहिन’ के एंकर प्रतीक त्रिवेदी; वी. शोभना आईएएस, प्रबंध निदेशक, तमिलनाडु हस्तशिल्प विकास निगम लिमिटेड; अनिल अग्रवाल, अतिरिक्त डीजीएफटी, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार; राजीव कुमार, संयुक्त सचिव, विदेश मंत्रालय; अमिताभ कुमार, संयुक्त सचिव, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय; सुरेश लोंधे निदेशक, महाराष्ट्र सरकार के उद्योग निदेशालय; हरमीत सिंह, अति. पुलिस आयुक्त, दिल्ली पुलिस (साइबर क्राइम); सोहन कुमार झा, वरिष्ठ निदेशक, कार्यालय विकास आयुक्त हस्तशिल्प, कपड़ा मंत्रालय; यशवीर सिंह, आर्थिक सलाहकार, वाणिज्य विभाग, भारत सरकार ने मेले का दौरा किया।
इस अवसर पर ईपीसीएच के महानिदेशक डॉ राकेश कुमार ने सूचित किया कि ईपीसीएच दुनिया भर के विभिन्न देशों में भारतीय हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि बनाने के लिए जिम्मेदार एक नोडल संस्थान है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान हस्तशिल्प निर्यात 33253.00 करोड़ (4459.76 मिलियन अमेरिकी डॉलर) रहा। वहीं वित्तीय वर्ष 2022-23 के अप्रैल से फरवरी तक की अवधि में यह आंकड़ा 28727.91 करोड़ (3505.84 अमेरिकी डॉलर) रहा।