टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (30/01/2023): ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की स्थापना के 32 वर्ष हो गए हैं। शुक्रवार, 28 जनवरी को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अपना 32वां स्थापना दिवस मनाया। टेन न्यूज नेटवर्क की टीम ने ग्रेटर नोएडा के 32वें स्थापना दिवस के अवसर पर ग्रेटर नोएडा की उपलब्धियों और आज की चुनौतियों पर ग्रेटर नोएडा शहर के गणमान्य नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और उद्यमियों से बातचीत की। जिसमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा किए गए विकास एवं लोक कल्याण कार्यों के साथ शहर को बेहतर बनाने के दिशा में और भी क्या विकास के कार्य किए जाएं, इसपर चर्चा हुई।
टेन न्यूज नेटवर्क की टीम से टेलिफोनिक बातचीत करते हुए शहर के जाने-माने अधिवक्ता आदित्य भाटी ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के 32वें स्थापना दिवस पर शहर की उपलब्धियों और आज की चुनौतियों के बारे में बात करते हुए कहा कि “ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 32 सालों की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि प्राधिकरण ने अपना कार्यकाल एक छोटी बिल्डिंग से शुरू किया आज एक आलीशान बिल्डिंग में बना लिया है। जिसको देखते ही आम आदमी अंदर जाने में झिझकता है, और सोचता है कि शायद वह गलती से किसी भव्य इमारत में तो नहीं आ चुका है। साथ ही प्राधिकरण में कर्मचारियों की कमी होने के कारण अपने कार्य को कराने में असमर्थ महसूस करता है। जिस प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी को दो प्राधिकरणों का कार्यभार सौंपा गया हो ऐसे में मुख्य कार्यपालक के द्वारा किसी समस्याओं पर गहन से अध्ययन और निस्तारण कैसे समय पर कैसे किया जा सकता है और यही हाल पूरे प्राधिकरण के हर एक कर्मचारी का है। क्योंकि प्राधिकरण में कर्मचारियो की कमी होने के चलते एक कर्मचारी पर कई विभागों का कार्यभार होता है। साथ ही प्राधिकरण ने जिन किसानों की जमीनों को अधिग्रहण कर शहर को बसाया, उन किसानों की समस्याओं का निस्तारण करने में प्राधिकरण आज तक असफल रही है। आगे उन्होंने कहा कि मैं एक जाना माना वकील हूं इसके बावजूद मैं आज तक अपनी समस्याओं के निस्तारण के लिए प्राधिकरण के चक्कर काट रहा हूं। अब आप स्वयं ही इस बात पर विचार किजिए कि जिन गरीब किसानों ने प्राधिकरण को अपनी जमीन दी है और इन किसानों की कहीं कोई पहुंच भी नहीं है, तो इन किसानों की समस्याओं का समाधान कैसे होगा। प्राधिकरण ने मेरे पैतृक गांव मायचा को एक स्मार्ट विलेज घोषित किया है, लेकिन हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि प्राधिकरण की निग़ाह में स्मार्ट विलेज का मापदंड क्या है। और इससे तो हम पहले ही अच्छे थे क्योंकि इस स्मार्ट विलेज को जोड़ने वाली सड़कें पूरी तरह विकसित नहीं की गई है। साथ ही कभी कभी स्मार्ट विलेज में सफाईकर्मी दिखाई देता है उस दिन पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ पड़ती है और फिर हम सभी ग्रामवासी सोचते हैं कि शायद अब प्राधिकरण सफाई एवं कूड़े निस्तारण की सुचारू व्यवस्था करेगा। लेकिन अगले दिन फिर निराशा ही हाथ लगती है।”
इसलिए “मेरा सभी पाठकों से अनुरोध है कि एक बार प्राधिकरण द्वारा स्मार्ट विलेज बनाए गए मेरे गांव मायचा में अवश्य आए और प्राधिकरण के विकास के कार्यों का अवलोकन करें।”
सामाजिक कार्यकर्ता आलोक सिंह ने टेलीफोनिक बातचीत में कहा कि “ग्रेटर नोएडा शहर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शहर का स्वरूप देने में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का बहुत बड़ा योगदान है। क्योंकि प्राधिकरण द्वारा ग्रेटर नोएडा शहर एक अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के अनुसार विकसित किया गया है और यहां की सड़को, उद्यान और इंडस्ट्री को भविष्य की जरूरतों के अनुसार विकसित किया गया है। शहर के हर सेक्टर को सेक्टरों वासियों के आवश्यकता अनुसार हर सेक्टर में स्कूल, धर्मस्थल, अस्पताल और बाजार बनाए गए हैं। साथ ही हर सेक्टर के मेन गेट से निकलने वाली सड़को एक सर्विस रोड द्वारा मेन रोड से जोड़ा गया है। ताकि भविष्य में दुर्घटनाएं कम हो सके।” साथ ही “ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा शहर को इस तरह बनाया गया है कि यहां पर एजुकेशन हब, इंडस्ट्री एरिया और बेहतर अस्पतालों के साथ-साथ सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है। साथ ही शहर में चारों ओर हरा भरा वातावरण है।”
आगे उन्होंने कहा कि ” लेकिन जहां दीया होता है वहीं उस दीए के नीचे अंधेरा भी होता है। शहर में अच्छाईयां भी है वहीं शहर के सौंदर्यीकरण को बर्बाद करने के लिए अनाधिकृत कब्जे, हर चौराहों पर रेड्डियों की भरमार, तथा अविकसित यातायात पार्किंग शहर में पूर्णिमा के चांद में लगे धब्बे के सामान नजर आते हैं। इन सभी समस्याओं का समाधान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को सख्ती के साथ करना चाहिए। ताकि शहर का सौंदर्यीकरण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बना रहे।”
टेन न्यूज नेटवर्क की टीम से टेलिफोनिक बातचीत में सामाजसेवी साधना सिन्हा ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के 32वें स्थापना दिवस पर ग्रेटर नोएडा की उपलब्धियों और आज की चुनौतियों पर बात करते हुए कहा कि “ग्रेटर नोएडा शहर जिन वादों के साथ बसाया गया था आज वो सारे वादे झूठे लगते हैं, और राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण शहर का पूर्ण विकास नहीं हो पाया। लोगों ने अपनी जमा पूंजी का निवेश कर शहर में प्रवेश किया था लेकिन यहां कालेजों और स्कूलों को छोड़कर उद्योगों का विकास एवं अन्य आवश्यक जरूरतों का विकास नहीं हो पाया और कालेजों से निकलने वाले छात्र-छात्राओं को आजीविका चलाने के लिए दूसरे शहरों का सहारा लेना पड़ा रहा है। अंत में उन्होंने कहा कि वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शहर में किए जाने वाले कार्यों से ग्रेटर नोएडा शहर वासियों के मन में कुछ आशा जाग्रति हुई है, लेकिन यह तो ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा शहर के विकास कार्य ही बताएंगे कि प्राधिकरण और वर्तमान सरकार के बीच समन्वय कितना है।”
लघु उद्यमी व IEA प्रेसिडेंट पी.के तिवारी ने टेलीफोनिक बातचीत में कहा कि “जिन छोटे उद्योगों ने अपनी पूंजी निवेश कर इस शहर को एक नई पहचान और नाम दिया है। प्राधिकरण द्वारा उन लघु उद्योगों पर ध्यान न देकर बड़े उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। साथ ही बड़े उद्योगों की जरूरतों को कार्यालय में बैठकर सुना जाता है, तुरंत समाधान किया जाता है। वहीं पर लघु उद्योग लगने वाले भूखंड का नीलामी के द्वारा आवंटन किया जाता है और एकमुश्त धनराशि मांगी जाती है। जिस कारण बहुत से लघु उद्योग इसमें भाग नहीं ले पाते हैं, क्योंकि अगर वह पूरी धनराशि एक मुश्त जमा करते हैं तो उनके पास उद्योगों को लगाने के लिए धनराशि नहीं बचती है। साथ ही बड़े उद्योगों के विकास में मुख्य भूमिका लघु उद्योगों की होती है। यदि प्राधिकरण को शहर के विकास के लिए उद्योगों का साथ चाहिए तो बड़े उद्योगों के साथ लघु उद्योगों को बराबर बढ़ावा देना होगा। लघु उद्योगों में आनी वाली समस्याओं का समाधान करना होगा।”
टेन न्यूज नेटवर्क की टीम ने ग्रेटर नोएडा के 32वें स्थापना दिवस पर ग्रेटर नोएडा की उपलब्धियों और आज की चुनौतियों पर ग्रेटर नोएडा शहर के गणमान्य नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और उद्यमियों से बातचीत की।
टेन न्यूज नेटवर्क के सभी पाठकों से अनुरोध है कि कॉमेंट बॉक्स में आप अपने विचार एवं सुझाव अवश्य साझा करें, साथ ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के इस 32 वर्षों की यात्रा पर आपका क्या विचार है अवश्य news@tennews.in पर साझा करें।।