बकाएदारों के आवंटन रद्द कर भूखंड अपने कब्जे में लें, सीईओ ग्रेटर नोएडा ने विभागवार समीक्षा कर दिए निर्देश

Ritu Maheshwari

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का बकाया भुगतान जमा नहीं करने वाले आवंटियों के भूखंड आवंटन जल्द ही रद्द किए जाएंगे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने संपत्ति से जुड़े सभी विभागों की समीक्षा कर आवंटन शीघ्र रद्द करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही अब तक जिन आवंटियों के भूखंड आवंटन निरस्त हुए हैं, उन भूखंडों पर तत्काल कब्जा प्राप्त कर नई स्कीमों के जरिए आवंटित करने को भी कहा है।

सीईओ रितु माहेश्वरी ने मंगलवार को औद्योगिक, संस्थागत, आईटी, बिल्डर और वाणिज्यिक विभाग की समीक्षा की।प्राधिकरण का बकाया न जमा करने वाले आवंटियों के आवंटन रद्द करने के निर्देश पूर्व में भी दिए थे, उसके बाद से अब तक कितने आवंटन रद्द किए गए हैं, सीईओ ने इसकी भी जानकारी ली। बकाएदारों के खिलाफ अब तक की कार्रवाई से असंतुष्टि जाहिर करते हुए सीईओ रितु माहेश्वरी ने विभागाध्यक्षों को कड़ी फटकार लगाई। सीईओ ने बिल्डर विभाग से कहा कि बकाया भुगतान न देने वाले बिल्डरों की सभी अनसोल्ड प्रॉपर्टी जब्त करें। उनसे बकाया धनराशि की रिकवरी करें। अगर प्लॉट पर निर्माण नहीं हुआ है तो आवंटन रद्द कर कब्जा प्राप्त कर लें। इसी तरह जो उद्यमी उद्योग लगाने के नाम पर भूखंड लेकर बैठे हैं। उद्योग लगाने की समयसीमा बीत चुकी है। प्राधिकरण का बकाया भी नहीं जमा कर रहे हैं। उनका आवंटन रद्द कर उन भूखंडों को नई योजनाओं में शामिल करें, ताकि उनका नए सिरे से आवंटन हो सके। वहां उद्योग लग सकें और लोगों को रोजगार के अवसर मिलें। सीईओ ने बोर्ड से अप्रूव्ड री-शेड्यूलमेंट पॉलिसी का कार्यालय आदेश शीघ्र जारी कर लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर बकाएदार री-शेड्यूलमेंट पॉलिसी के अंतर्गत भी आवेदन नहीं कर प्राधिकरण का बकाया भुगतान नहीं करते हैं तो उनका आवंटन तत्काल निरस्त कर दिया जाए। सीईओ ने ग्लोबल इनवेस्टर समिट के लिए हुए एमओयू की भी समीक्षा की। सभी विभागों को और अधिक एमओयू कराने के निर्देश दिए। साथ ही इन एमओयू को अब निवेश में कनवर्ट कराने के लिए भी कहा है। बैठक के दौरान एसीईओ अदिति सिंह, प्रेरणा शर्मा, अमनदीप डुली व आनंद वर्धन, ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव, जीएम वित्त विनोद कुमार, ओएसडी संतोष कुमार व ओएसडी नवीन कुमार सिंह सहित सभी वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।

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