‘गांधी एवं लोहिया’ के विचार एवं प्रासंगिकता पर प्रबंधन गुरु एवं बिमटेक के निदेशक डॉ एच चतुर्वेदी से टेन न्यूज की खास बातचीत। लेखकीय संवाद। BIMTECH

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (02 जनवरी 2023): राज्यसभा के उपसभापति, वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक हरिवंश द्वारा लिखित तीन अद्यतन पुस्तकों को लेकर ग्रेटर नोएडा के बीमटेक ने शुक्रवार को लेखकीय संवाद का आयोजन किया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश एवं चर्चाकर्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ शुक्ल और जाने माने प्रबंधन गुरु एवं बिमटेक के निदेशक डॉ एच चतुर्वेदी मंच पर उपस्थित रहे।

बिमटेक संस्थान के निदेशक एवं प्रसिद्ध प्रबंधन गुरु डॉ एच चतुर्वेदी से टेन न्यूज की खास बातचीत

टेन न्यूज से खास बातचीत में जाने माने प्रबंधन गुरु एवं बिमटेक के निदेशक डॉ एच चतुर्वेदी ने लेखकीय संवाद कार्यक्रम को लेकर बातचीत करते हुए कहा कि “प्रबंध संस्थान में हमलोग इस तरह के कार्यक्रम करते हैं जिसमें पत्रकार, लेखक, दार्शनिक, प्रशासनिक अधिकारी, राजनेताओं को आमंत्रित करते हैं और प्रबंध से इतर मुद्दो पर संवाद करते हैं। प्रबंध एक समुद्र है, और इसमें जो जरूरी चीजें हैं वो यहां पढ़ाई जाती है। लेकिन जो कम जरूरी चीजें उसे भी हम छोड़ते नहीं हैं। मैनेजमेंट के जो ग्रेजुएट्स हैं उनको साहित्य, दर्शन, कला और अर्थशास्त्र के विषय में भी ज्ञान होना चाहिए और ये मालूम होना चाहिए कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या मुद्दे समाज और दुनिया के सामने उभर कर आ रहे हैं।”

मनुष्य का स्थान मशीन लेगा ये एक गलत अवधारणा है: डॉ एच चतुर्वेदी

बढ़ते मशीनीकरण एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर जवाब देते हुए प्रसिद्ध प्रबंधन गुरु एवं बिमटेक के निदेशक डॉ एच चतुर्वेदी ने कहा कि ” अभी जो ये चर्चा हो रही है कि मनुष्य का स्थान मशीनें ले लेगी, ये एक गलत अवधारणा है। बहुत ऐसे काम हैं जो AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) नहीं कर पाएगा, और वो आदमियों को ही करने पड़ेंगे,और मनुष्य से आगे मशीन नहीं जा सकता है। मनुष्य के पास जो सोचने की क्षमता है, क्रिएटिविटी है वो मशीनों के पास नहीं है। AI बहुत काम करेगा आने वाले भविष्य में भी परंतु मनुष्य की जो कल्पनाशीलता है मशीन उसको मैच नहीं कर सकती है। इसलिए ये सोचना कि मशीन मनुष्य का स्थान ले लेगा ये गलत है।”

आगे डॉ चतुर्वेदी ने कहा कि “मशीन पर लोग निर्भर हैं और इससे मनुष्य की उत्पादकता बढ़ी है। उदाहरण देते हुए कहा कि मोबाइल या लैपटॉप से मनुष्य की उत्पादकता बढ़ी है लेकिन इन गैजेट्स के साथ लोगों में इसके प्रति एडिक्शन (लत) की समस्या भी बढ़ी है। इसलिए उस एडिक्शन से सचेत करना और रहना भी बहुत जरूरी है, टेक्नोलॉजी आपका टूल बने आप टेक्नोलॉजी के टूल नहीं बनने चाहिए।

 

गांधी के बारे में गलत धारणा फैलाने वाले निहित स्वार्थ के लोग हैं: डॉ एच चतुर्वेदी

गांधी की प्रासंगिकता और युवाओं का गांधी के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित एवं नकारात्मक होने को लेकर बिमटेक के निदेशक डॉ एच चतुर्वेदी ने कहा कि ” गांधी की जो प्रासंगिकता है, और आज भी उनके विचार उतने ही उपयोगी है। भारत का संवैधानिक ढांचा गांधी के विचारों को बिना माने हुए अस्तित्व में नहीं रह सकता है। गांधी ने जो कहा कि लोकतंत्र में सब को सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार है। महिलाओं को भी बराबर का हक मिलना चाहिए, और जिन जातियों को हम अस्पृश्य कहते थे,जो गरीबी और सामाजिक उत्पीड़न का शिकार रही, जिन्हें लोग समाज की मुख्य धारा में नहीं रखते थे तो उनको भी गांधी ने उठाया उनका उत्थान किया। गांधी के बारे में जो लोग गलत धारणा फैलाते हैं वो निहित स्वार्थ के लोग हैं, जो लोग समाज में एकता, सद्भाव नहीं देखना चाहते क्योंकि भारत एक बहुधर्मी देश है, यहां सभी धर्मों को लोग मानते हैं, मत-मतांतर को लोग मानते हैं। यहां भाषा, जाति, धर्म में कई विविधताएं हैं,तो ऐसे में किसी एक वर्ग का प्रभुत्व स्वीकार्य नहीं हो सकता। ये जो बहुसंख्यक बनाम अल्पसंख्यक का जो झगड़ा है, वो किसी भी देश के समग्र विकास के लिए ठीक नहीं है। यदि आप आर्थिक विकास करना चाहते हैं तो समाज में शांति और सद्भाव स्थापति करना होगा तभी विदेशी निवेशक यहां निवेश करेंगे। गांधी का यही मानना था कि दुनिया में अहिंसक तरीके से परिवर्तन ही संभव है, एक सभ्य समाज में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। जब हम सामूहिक तौर पर सोचेंगे, सामूहिक विकास की सोचेंगे तभी समाज प्रगति कर सकेगा।”

समाजवाद से पूंजीवाद की यात्रा पर भारत

समाजवाद और पूंजीवाद को लेकर बिमटेक के निदेशक एवं प्रबंधन गुरु डॉ एच चतुर्वेदी ने कहा कि “समाजवाद तो एक कल्पना थी और सोवियत क्रांति भी हुई और कई देश समाजवाद के श्रेणी में चले गए लेकिन सिस्टम फेल हो गई। भारत जैसे देश जहां रेलगाड़ी या बसें जो सरकार द्वारा संचालित की जाती है,और गरीब लोगों के लिए कई छूटें दी जाती है। निजीकरण के विषय में जो चीजें चर्चा में निकलकर सामने आ रही है तो कुछ हद तक वो ठीक है क्योंकि जो हवाई जहाज से यात्रा करते हैं उनके लिए आरामदायक (कंफर्टेबल) ट्रेनें चलें लेकिन गरीबों के लिए भी गरीब रथ जैसी ट्रेनें चलती रहनी चाहिए। और दूसरा सवाल यह भी है कि रेलवे में लाखों लोग काम करते हैं, तो उसकी फाइनेंशियल वाइबेलिटी जरूरी है। उसमें भ्रष्टाचार को चिन्हित किया जाना चाहिए, उत्पादकता बढ़ाई जानी चाहिए और कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए कि वो और अच्छा कर सकें।”

बता दें कि बिमटेक के लेखकीय संवाद कार्यक्रम में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश द्वारा युवा छात्रों, पत्रकारों एवं शिक्षाविदों से अपनी पुस्तक कैलास मानसरोवर, कलश और पथ के प्रकाश पुंज को लेकर लेखकीय संवाद किया।।

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