भारतीय मूल्यों के साथ वैश्विक नागरिक बनाएंगे: एन.पी. सिंह, पूर्व आईएएस अधिकारी। भारतीय शिक्षा बोर्ड

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (05 दिसंबर 2022): योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि समूह द्वारा भारतीय संस्कृति , वेदों और साहित्यों पर आधारित, भारतीय मूल्यों पर केंद्रित शिक्षा पद्धति को लागू करने के उद्देश्य से भारत सरकार के अनुमति के अनुरूप ‘भारतीय शिक्षा बोर्ड’ का गठन किया गया है। इस बोर्ड की पूरी रूप रेखा, और शैक्षणिक व्यवस्था को तैयार करने की जिम्मेदारी पूर्व आईएएस अधिकारी एन.पी सिंह को सौंपी गई है।

टेन न्यूज से खास बातचीत में भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष एन.पी.सिंह ने टेन न्यूज नेटवर्क से बातचीत में विस्तार पूर्वक भारतीय शिक्षा बोर्ड के गठन, उद्देश्य एवं पूरी रूप रेखा के बारे में बताया।

एन.पी सिंह ने बातचीत में कहा कि भारतीय शिक्षा बोर्ड के गठन का उद्देश्य है आधुनिक शिक्षा, ज्ञान, विज्ञान के साथ भारत के समूचे सांस्कृतिक बोध को उसमें समन्वित करे। यह बोर्ड प्राइवेट बोर्ड है लेकिन भारत सरकार ने इस बोर्ड का गठन एक आदेश का पालन करते हुए किया है, और भारत सरकार ने इस बोर्ड को उन समस्त बोर्ड के समकक्ष रखा है। इसका उद्देश्य यही है कि आज के छात्र विज्ञान में, प्रौद्योगिकी में एवं अन्य विषयों में निष्णात हो जाते हैं लेकिन उनका जो व्यक्तित्व और दृष्टिकोण है वह भारत के साथ नहीं है।

 

श्री सिंह ने कहा कि इसीलिए हम कई बार कहते हैं कि मैकाले के शिक्षा नीति का कामोबेस छाया हमारे समूचे शैक्षणिक व्यवस्था पर दिखाई पड़ती है। और हम सभी लोग सुनयोजित रूप से या प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से भारतीय युवाओं को पाश्चात्य विचारों एवं उत्पादों का उपभोक्ता बना देते हैं। हम चाहते हैं की बच्चे शुरू से ही भारत के सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े और वो युवा आधुनिक युग के सभी ज्ञान-विज्ञान से निष्णात हो लेकिन दृष्टिकोण उनका भारतीय मूल्यों से संतृप्त हो।

भारत के वेदों, रामायण, तमिल के संगम लिट्रेचर से जो उपजे हुए भारत के मूल्य हैं जो भारत की आत्मा है, उसके साथ उनके व्यक्तित्व का विकास और शिल्प हो ताकि वो वैश्विक नागरिक तो बने लेकिन भारत के बोध के साथ बने।

 

भारतीय शिक्षा बोर्ड की शुरुआत के विषय में जानकारी देते हुए श्री सिंह ने बताया कि साल 2019 में भारत सरकार ने इसे अप्रूव किया और अगस्त 2022 में इसके पाठ्यक्रम आदि को मान्यता दी गई है और समस्त बोर्ड के समक्ष हमें संचालन के लिए अधिकृत किया।

साथ ही उन्होंने इसके विस्तार को लेकर कहा कि हमारी पुस्तके तैयार हो रही है , अगले साल तक हम देश के कई प्रमुख स्थलों पर मॉडल स्कूल के तौर पर भी खोलेंगे। जिससे की जो उद्देश्य भारत सरकार और योग गुरु रामदेव ने जो शैक्षणिक साधनों के माध्यम से भारत का परिवर्तन का संकल्प लिया है , उसे हम युवाओं में हस्तांतरित करेंगे।

 

सेलेबस के विषय में बात करते हुए एन.पी. सिंह ने कहा कि गीता में को श्लोक, बौद्ध एवं जैन का को दर्शन है या फिर सिख की को गुरुवाणी है। इन सभी के मूल्यों के सम्मुच्चय है उसे नर्सरी कक्षा के बच्चों ही शिल्प करेंगे। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि हैं न्यूटन और डाल्टन को तो पढ़ाएंगे हो साथ ही हम महर्षि कणाद के विषय में भी पढ़ाएंगे। ताकि हमारे बच्चें उन ऋषियों पर गर्व करें। दिल्ली केंद्रित भारत के इतिहास को नहीं पढ़ाकर हम देश के सभी हिस्सों का इतिहास को पढ़ाएंगे जहां का एक ऐतिहासिक महत्व है। हम भारत के सभी हिस्सों को समान स्थान देंगे।

बातचीत के आखिरी पड़ाव पर श्री सिंह ने कहा की हम युवाओं को भारत सरकार के नई शिक्षा नीति के साथ साथ पूज्य स्वामी रामदेव जी का जो विजन है योग का आध्यात्म का उसको पिरोते हुए वैश्विक नागरिक बनाने की दक्षता प्रदान करेंगे। सरकार ने हमारा गठन शिक्षा का भारतीयकरण करने के उद्देश्य से किया गया है।।

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