Commissioner State GST Shyam Sundar Pathak ने पढ़ाया आचरण का पाठ || St. Joseph School Gr. Noida

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (22 नवंबर 2022): ग्रेटर नोएडा स्थित सेंट जोसेफ स्कूल के वार्षिकोत्सव के अवसर पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में Arch Bishop Of Agra Dr. Raphy Manjaly उपस्थित रहे। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में Commissioner State GST Shyam Sundar Pathak उपस्थित रहे।

इसी क्रम में बच्चों से संवाद करते हुए, उन्हें नैतिकता का पाठ पढ़ाते हुए Commissioner State GST श्याम सुंदर पाठक ने कहा वर्तमान समय की सबसे बड़ी समस्या यही है कि हमें सिखाया तो बहुत कुछ जाता है, लेकिन हम उसे अपने आचरण में नहीं उतारते हैं। वो ज्ञान हमारे आचरण में कैसे उतरे यह कोई नहीं सिखाता है, इसपर किसी का ध्यान नहीं है।

एक उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि एक जगह तीन मूर्तियां बिक रह थी, तीनों मूर्ति एकसमान थी परंतु उनका कीमत अलग अलग था। एक मूर्ति की कीमत 1 हजार, दूसरे की कीमत 10 हजार और तीसरे की कीमत 1 लाख रुपए थी। खरीदने वाले ने आश्चर्य भाव से दुकानदार से पूछा कि तीनों मूर्ति एक जैसे हैं फिर कीमत अलग-अलग क्यों? और कीमत में 10 गुना का अंतर। तो दुकानदार ने समझाते हुए कहा कि तीनों में क्या अंतर है अभी बताता हूं और दुकानदार ने एक धागा लेकर पहली मूर्ति के कान में डाला तो धागा दूसरे कान से बाहर हो गया। दूसरी मूर्ति के कान में धागा डाला तो वो धागा उसके मुंह से बाहर आ गया। और फिर जब तीसरे के कान में धागा डाला तो धागा उसके पेट में चला गया। ठीक इन्ही मूर्तियों की भांति अधिकांश लोग अच्छे चीजों को सुनते है और दूसरे कान से निकाल देते हैं। और बचे हुए अधिकांश लोग सुनकर प्रवचन देने लगते हैं। समस्या की जड़ ये है कि यहां सिखाने वाले बहुत हैं परंतु आचरण में कितने लोगों ने उतारा, आत्मसात किया ऐसे लोगों की संख्या काफी कम है।

 

आज के बच्चों का उदाहरण देते हुए कहा उन्होंने कहा कि आज के बच्चे खूब पढ़ते हैं, उनके शानदार नंबर आते हैं लेकिन कमी कहां है? अनुभव हमेशा ज्ञान से बड़ा होता है। पढ़ाने के लिए स्कूल हैं एक से एक बड़े शिक्षक हैं। उनकी जड़ों में पानी डालिए, उनको अच्छा संस्कार दीजिए। हमलोग कहते हैं कि बच्चे काफी तेजी से सीखते हैं नहीं बच्चे अनुकरण करते हैं। जो आप करते हैं वहीं आपके बच्चे करते हैं। जब आप मोबाइल चलाते हैं, टीवी देखते हैं। बच्चे को आप कैसे कहेंगे कि आप टीवी मत देखो। सबसे पहले आपको बदलना पड़ेगा, पहले आप पढ़िए बच्चे खुद पढ़ेंगे।

नैतिकता का पाठ पढ़ाते हुए श्री पाठक ने कहा कि आप बच्चे के एजुकेशन की चिंता मत करिए, उसके संस्कार अच्छे होंगे वो खुद समझ जाएगा कि शिक्षा जरूरी है। वो अपना रास्ता खुद बना लेगा। आप चाहते हैं कि बच्चे मोबाइल नहीं चलाए तो क्या आपने उसके हाथ में कोई विज्ञान का यंत्र दिया?, आप चाहते हैं वो कोल ड्रिंक नहीं पिए तो क्या आपने कभी उसके हाथ में छाछ, लस्सी और जूस दी?

अपने वक्तव्यों को विराम देते हुए आखिरी में श्याम सुंदर पाठक ने कहा कि अगर आप अपने बच्चे को सफल मनुष्य के रूप में देखना चाहते हैं तो आप अपने बच्चे को अच्छे संस्कार दीजिए और बच्चे को अच्छे संस्कार देने के लिए आपको स्वयं उस अच्छे संस्कार को अपने आचरण में उतारना होगा।

इस कार्यक्रम में फ़ादर सिबैस्टीयन, गोस्वामी सुशील जी महाराज , गजानन माली , प्रिन्सिपल फादर थोमस , प्रिन्सिपल सिस्टर प्रमिला वत्स और ग्रेटर .. नोएडा के अन्य गणमान्य हस्तियों ने भी कार्यक्रम को ख़ूब सराहा ..

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