यदि भारत की सर्वोत्तम प्रतिभा भारत की सेवा करे तो भारत अगले 5 साल में ही विश्वगुरु बन जाएगा: मुकुल कनिटकर, राष्ट्रीय आयोजन सचिव, भारतीय शिक्षण मंडल

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (13 नवंबर 2022): भारतीय शिक्षण मंडल द्वारा आयोजित “युवा शोधवीर समागम 2022” कार्यक्रम का उद्घाटन भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। ग्रेटर नोएडा स्थित गलगोटिया विश्वविद्यालय में इस शानदार सामाजिक एवं शैक्षिक महोत्सव का आयोजन हुआ । कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय शिक्षण मंडल के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर सच्चिदानंद जोशी ने की । विशिष्ट अतिथि के रूप में सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर महेश शर्मा , स्थानीय विधायक धीरेंद्र सिंह , गलगोटिया विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सुनील गलगोटिया, सहित कई अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।

युवा शोधवीर समागम में टेन न्यूज नेटवर्क की संवाददाता मेघा सिंह राजपूत से भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय आयोजन सचिव मुकुल कनिटकर ने बातचीत करते हुए इस आयोजन के विषय में विस्तृत जानकारी दी और साथ ही संगठन के उद्देश्य से भी अवगत कराया।

मुकुल कनिटकर ने बातचीत करते हुए कहा कि “भारतीय शिक्षण मंडल का काम शिक्षा के क्षेत्र में चलता है। शिक्षा के क्षेत्र में खास करके उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण बात है शोध। और आज देश जिस प्रकार से आगे बढ़ रहा है उस समय बौद्धिक संपदा भारत के लिए बहुत बड़ी संपदा है। भारतीय शिक्षण मंडल ने जुलाई से प्रारंभ कर सुभाष-स्वराज-सरकार इस नाम से शोधपत्र लेखन प्रतियोगिता की शुरुआत की। पूरे देश के युवाओं को आवाह्न किया की वो विभिन्न विषयों पर शोध करके शोध पत्र लिखे। 11 हजार युवाओं ने इस मुहिम में हिस्सा लिया और भारत के सभी प्रांतों में सभी भाषाओं में इस शोधपत्र को एकत्रित किया गया और उनका मूल्यांकन कर प्रतिभागियों को शोधवीर के रूप में सम्मानित किया गया। ऐसे जो विजेता छात्र हैं, प्रांत स्तर पर जिन्होंने इसे जीता है उन छात्रों का यह कॉन्क्लेव है इसी कारण इस कॉन्क्लेव का नाम “युवा शोधवीर समागम” रखा गया है। इस कार्यक्रम में 378 शोधवीर यहां पर एकत्रित हुए हैं, जिसमें 168 महिला शोधवीर हैं। ढाई दिवसीय शोधवीर समागम में विभिन्न विषयों पर इन शोधवीरों की संकल्पनाएं स्पष्ट की जाएगी ताकि ये जीवन में भारत को और अधिक गौरव प्रदान करने और बौद्धिक संपदा को बढ़ाने योग्य रिसर्च करें। यही इस शोधवीर समागम का उद्देश्य है।”

 

टेन न्यूज नेटवर्क से बातचीत करते हुए मुकुल कनिटकर ने कहा कि ” भारत कई मामलों विश्व में प्रथम पायदान पर खड़ा है। आज भारत में विश्व का सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है, सबसे बड़ी रेल नेटवर्क है। हमारे पास सबसे अधिक बैंक की शाखाएं हैं। लेकिन हमारे युवाओं को भारत की इस उपलब्धियों के विषय में बताया ही नहीं गया। दुग्ध उत्पादन में, हीरे उत्पादन में भारत प्रथम पायदान पर खड़ा है। लेकिन युवाओं को इन उपलब्धियों के विषय में बताया ही नहीं गया। इसीलिए भारतीय शिक्षण मंडल के युवा आयाम का ये काम है कि देश के युवाओं को उनके देश के शक्ति से उन्हें परिचित कराए। भारतीय शिक्षण मंडल सत्य को तथ्य के साथ सामने रखती है।”

युवाओं का देश से बाहर पलायन पर बात करते हुए श्री कनिटकर ने कहा कि ” हमारी पुरानी पीढ़ी ने बच्चों के भीतर अपने गौरव को उत्पन्न नहीं किया,और जिन्होंने उत्पन्न किया उन्होंने केवल इतिहास की बात बताई। इतिहास की बात से युवा आकर्षित नहीं होंगे बल्कि युवाओं को आज की बतानी पड़ेगी। हमने ये नहीं बताया इसीलिए युवा विदेशों की तरफ आकर्षित है।”

आखिरी में उन्होंने कहा कि “यदि भारत के सर्वोत्तम प्रतिभा भारत की सेवा करे तो भारत अगले 5 साल में ही विश्वगुरु बन जाएगा।”

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