टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (01/11/2022): उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार, 31 अक्टूबर को जनपद गौतमबुद्धनगर के नॉलेज पार्क, ग्रेटर नोएडा में स्थापित देश के सबसे बडे़ डाटा सेंटर (योट्टा डाटा सेंटर) का लोकार्पण किया। यह प्रदेश का पहला डाटा सेण्टर है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार एवं हीरानन्दानी ग्रुप के मध्य राज्य में निवेश के लिए 39 हजार करोड़ रुपये का एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित किया गया।
मुख्यमंत्री ने हीरानन्दानी ग्रुप व उनकी टीम को बधाई देते हुए कहा कि डाटा सेंटर की जब चर्चा होती है, तो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की ओर सभी का ध्यान जाता है। दुनिया में भारत के 150 करोड़ मोबाइल फोन और लगभग 65 करोड़ इण्टरनेट के उपयोगकर्ता हैं। दुनिया का लगभग 20 प्रतिशत डाटा भारत से प्राप्त होता है। हमारे पास अब तक डाटा संग्रह की क्षमता मात्र 02 प्रतिशत थी। हमारे यहां उपभोगकर्ता भारत का था, लेकिन मोबाइल फोन तथा इण्टरनेट के डाटा स्टोरेज के लिए हमें दुनिया में भूमि तलाशनी पड़ती थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रेटर नोएडा में देश का सबसे बड़ा डाटा सेंटर बना रहे हीरानन्दानी ग्रुप (एन0आई0डी0पी0 डेवलपर्स) द्वारा योट्टा डाटा सेंटर पार्क के दो और टावरों का निर्माण जनवरी 2022 में शुरू करने की घोषणा की गई थी, इसका पहला टावर जुलाई, 2022 में पूर्ण हो चुका है। पहले टावर की क्षमता 30 मेगावॉट डाटा स्टोर करने की है। हीरानन्दानी ग्रुप ने बीते साल पहली बार मुम्बई से बाहर निकलते हुए उत्तर प्रदेश में डाटा सेण्टर स्थापित करने का निर्णय लिया। इनवेस्ट यू0पी0 के अन्तर्गत कम्पनी ने डाटा सेण्टर के लिए ग्रेटर नोएडा को चुना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस डाटा सेंटर में आगामी पांच वर्षों में कुल छह टावरों का निर्माण होना है। इस योट्टा डाटा सेंटर पार्क को बनाने में लगभग 7,000 करोड़ रुपये के निवेश का आकलन है और लगभग 1,000 युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। अगर अप्रत्यक्ष रोजगार को भी जोड़ लें, तो यह संख्या और भी बढ़ जाएगी। इसके बाद से डाटा सेण्टर क्षेत्र की कई और कम्पनियां भी ग्रेटर नोएडा में निवेश की इच्छा जता रही हैं। डाटा सेण्टर क्षेत्र में ग्रेटर नोएडा और भी बड़ा मुकाम हासिल करेगा और प्रदेश में सोशल मीडिया (फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब आदि) प्लेटफॉर्म के ही करोड़ों उपभोक्ता हैं, उनका डाटा सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी। इसके अलावा बैंकिंग, व्यापार, स्वास्थ्य सेवा, यात्रा, पर्यटन व आधार आदि का डाटा भी इस डाटा सेण्टर में सुरक्षित रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हीरानन्दानी ग्रुप द्वारा उत्तर भारत में स्थापित पहले डाटा सेण्टर ने न केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल भारत की संकल्पना को मजबूती प्रदान करने का कार्य किया है, बल्कि इस क्षेत्र में कोई भारतीय भी निवेश करने की हिम्मत कर सकता है, उसको साकार भी किया है। उत्तर प्रदेश, भारत का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है। राज्य में डाटा स्टोरेज, डाटा माइनिंग, डाटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्र में कार्य करने वाली कम्पनियों के लिए अपार अवसर हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जनपद में नोएडा अथॉरिटी, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी, यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी का पूरा क्षेत्र आई0टी0 उद्योग का एक प्रमुख केन्द्र है। देश-विदेश के अनेक निवेशकों ने यहां पर आई0टी0 क्षेत्र में निवेश किया है और निवेश करने में अपनी रुचि भी ले रहे हैं। यहां प्रदेश सरकार एवं अथॉरिटीज ने मिलकर वर्ल्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ दुनिया का सबसे अच्छा मैन पावर भी मौजूद है। यहीं का युवा आई0टी0 के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा और ऊर्जा का उपयोग कर दुनिया में डिजिटल क्रान्ति ला रहा है। उसे जब अवसर मिलेगा, तो उससे दोगुनी क्षमता के साथ वह अपने को साबित करेगा, जैसे डबल इंजन की सरकार आज भारत और उत्तर प्रदेश में अपनी क्षमता का उपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था को आगामी 05 वर्ष के अन्दर 05 ट्रिलियन यू0एस0 डॉलर की इकोनॉमी बनाने का संकल्प किया है।
इस अवसर पर केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चन्द्रशेखर, प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री अजीत पाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविन्द कुमार, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा हीरानन्दानी ग्रुप के पदाधिकारीगण उपस्थित थे।