गांधी का दर्शन मानवता पर आधारित है: डॉ एच चतुर्वेदी, निदेशक, BIMTECH

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (3 अक्टूबर 2022): बिमटेक संस्थान के 35 वें स्थापना दिवस के अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ एच चतुर्वेदी ने टेन न्यूज से खास बातचीत में बिमटेक के स्थापना से अबतक के सफर को लेकर बात की। बिमटेक की स्थापना 1988 में कुशविहार साकेत, नई दिल्ली में हुई। शुरुआत में बेसमेंट में इसकी क्लासेज शुरू की गई थी, और फिर कलांतर में फुल कोर्स पीजी डिप्लोमा शुरू की गई। पहले संस्थान के डायरेक्टर डॉ सी.बी. गुप्ता थे जो श्री राम कॉलेज के प्रिंसिपल थे। बाद में आवासीय परिसर शुरू करने की योजना बनी तो दिल्ली में जमीन की तलाश हुई, लेकिन दिल्ली में इंस्टीट्यूशनल लेंड उपलब्ध नहीं थी, इसलिए दिल्ली के बाहर लेंड तलाश की गई। और जब ग्रेटर नोएडा में ऐसी व्यवस्था उपलब्ध थी तो हमने यहां पर अप्लाई किया एप्लीकेशन सबमिट की।

जिसके बाद हमें ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क- 2 में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी द्वारा हमें 7 एकड़ भूमि आवंटित की गई। लेकिन हमें पोजिशन 2003 में मिला जबकि लेंड हमने 2001 में ही परचेज कर लिया था।

टेन न्यूज से बातचीत में डॉ चतुर्वेदी ने कहा कि ग्रेटर नोएडा में नागरिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लोगों के मन में यह डर बना था कि दिल्ली से ग्रेटर नोएडा जाते हुए उनके साथ कुछ अनहोनी ना हो जाए। लगभग 10 वर्ष के बाद स्थिति समान्य हुयी, और बिमटेक को आज राष्ट्रीय स्तर का संस्थान बनाने में ग्रेटर नोएडा के लोगों का, हमारे फेकल्टीज का, मैनेजमेंट का और कर्मचारियों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। आज 35वें स्थापना दिवस के अवसर पर उन सभी कर्मचारियों को जो पिछले 10 वर्षों से बिमटेक में कार्यरत हैं, उन्हें सम्मानित किया गया।

 

गांधी जयंती के विषय में बताते हुए डॉ चतुर्वेदी ने कहा कि मैं एक शिक्षक हूं, और मैं तो यही कहना चाहूंगा कि महात्मा गांधी ने मेसेज दिया है कि सर्व धर्म समभाव के बिना भारत जैसे इतने विशाल लोकतंत्र को संचालन नहीं किया जा सकता। औद्योगिक क्षेत्र के लोगों को गांधी ने यह मेसेज दिया कि आप इस उद्योग के केवल ट्रस्टी हैं और समाज ने आपको यह जिम्मेदारी दी है। तो बकौल ट्रस्टी आपकी यह जिम्मेदारी है कि आप इसकी देखभाल करें। देश के कई प्रतिष्ठित उद्योगपतियों ने गांधी के साथ मिलकर काम किया, गांधी जी देश के लिए काम कर रहे थे, उन्होंने मेसेज दिया कि समाज के प्रति भी उद्योगपतियों की जिम्मेदारी है। उद्योगपतियों को यह सोचना चाहिए कि उनके कारखाने से जो प्रदूषित पानी निकलता है, वह जलाशय और नदियों को प्रदूषित ना करें।

अंत में बिमटेक के निदेशक डॉ एच चतुर्वेदी ने कहा मूलत: अगर हम देखेंगे तो गांधी का दर्शन मानवता पर आधारित है।।

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