जेवर के 350 से अधिक परिवारों ने एयरपोर्ट के दूसरे चरण में भूमि अधिग्रहण से किया इन्कार, जानिए पूरा मामला

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (22/08/2022): ग्रेटर नोएडा के जेवर क्षेत्र में एशिया का सबसे बड़ा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने जा रहा है। एयरपोर्ट का विस्तार अधिक होने के कारण सरकार ने किसानों व ग्रामीणो की अधिक भूमि को अधिग्रहण किया गया है और बदले में सरकार द्वारा किसानों व ग्रामीणो को मुआवजा राशि वितरण किया जा रहा है। ऐसे में किसानों व ग्रामीणो ने मुआवजा राशि को नहीं लेने का ऐलान किया है।

बता दें कि जेवर के छह गांवों के निवासी अपनी जमीन तब तक नहीं देने पर अड़े हैं और वहीं करौली बांगड़ के नंगला हुकुम सिंह में ग्रामीण अपनी जमीन को बिल्कुल भी नहीं छोड़ना चाहते हैं।

वही जेवर के करौली बांगर गांव में नंगला हुकुम सिंह के 350 से अधिक परिवारों ने कहा है कि वे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए यूपी सरकार को उन्हें विस्थापित करने की अनुमति नहीं देंगे।

साथ ही ग्रामीणों ने सरकार द्वारा दिए जा रहे मुआवजे को नहीं लेने का फैसला किया है और उन्होंने अपनी जमीन से विस्थापित करने के किसी भी प्रयास का विरोध करने का संकल्प लिया है।

नंगला हुकुम सिंह निवासी विनय चौधरी का कहना है कि यह ”हमारी मांग जायज है, इसकी एक वजह है। हमारा गांव एक कोने में स्थित है और किसी भी तरह से परियोजना के आड़े नहीं आता है। करौली बांगड़ में लगभग 250-300 हेक्टेयर भूमि हैं और हम मांग कर रहे हैं कि नंगला हुकुम सिंह में 35 हेक्टेयर भूमि को अधिग्रहण प्रक्रिया से बाहर रखा जाना चाहिए।

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा है। अभी तक सरकार 2,300 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से जमीन अधिग्रहण कर रही है। बढ़ी हुई दर के अलावा, ग्रामीणों ने यह भी मांग की है कि प्रतिपूरक भूमि का आकार घर की लागत के अलावा मौजूदा भूमि के बराबर होना चाहिए। जबकि अधिग्रहण के पहले चरण के दौरान, ग्रामीणों को आवासीय भूमि के आकार का 50% दिया गया था।

बता दें कि नोएडा एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए करौली बांगर, दयानतपुर, कुरेब, रणहेरा, मुंद्रा और बीरमपुर गांवों में करीब 1,185 हेक्टेयर निजी जमीन का अधिग्रहण करना होगा और इसके अलावा 124 हेक्टेयर सरकारी जमीन है।

Share