स्वतंत्रता दिवस के दिन प्राधिकरण के CEO सुरेन्द्र सिंह ने इन 5 सेवाओं का ऑनलाइन किया शुभारंभ

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के औद्योगिक आवंटियों के लिए एक और खुशखबरी है। अब उनको मोर्टगेज परिमिशन व उसे बंद करने, फंक्शनल सर्टिफिकेट, संयुक्त नाम को खत्म करने व दस्तावेजों का सत्यापन कराने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण दफ्तर आने से आजादी मिल गई है। प्राधिकरण ने ईआरपी (इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) सिस्टम के अंतर्गत इन ऑनलाइन सेवाओं को भी शुरू कर दिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व मेरठ मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह ने इनका ऑनलाइन शुभारंभ किया।

दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में ईआरपी के जरिए सबसे पहले ई-ऑफिस मॉड्यूल को लागू किया गया। ऑनलाइन ही फाइलें बनाई व स्वीकृत की जाती हैं। इसी साल जनवरी में कुछ सेक्टरों के उद्यमियों को नो-ड्यूज सर्टिफिकेट खुद से जनरेट करने और प्रिंट करने की सुविधा शुरू की गई। ईआरपी के जरिए ही उद्यमी घर बैठे चेंज इन डायरेक्टर्स, पते में बदलाव, मोर्टगेज परमिशन, नाम जुड़वाना, मॉर्टगेज परमिशन कॉलेट्रल, टाइम एक्सटेंशन फॉर लीज एंड कंस्ट्रक्शन , भुगतान से संबंधित सूचना आदि सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं। ग्रेटर नोएडा के सामुदायिक केंद्रों की ऑनलाइन बुकिंग और विजिटर पास मैनेजमेंट सिस्टम भी शुरू हो चुका है। यहां के निवासी घर बैठे सामुदायिक केंद्रों की बुकिंग कर सकते हैं। वहीं, विजिटर पास मैनेजमेंट सिस्टम से भी आगंतुक घर बैठे अपना फोटो सहित विजिटर पास जनरेट कर सकते हैं। इस सिस्टम में बार कोड के जरिए आगंतुक की पहचान का प्रावधान भी है।

वहीं, अब प्राधिकरण ने औद्योगिक आवंटियों के लिए पांच और सेवाएं सोमवार से शुरू कर दी हैं। इनमें क्लोजर ऑफ मोर्टगेट सर्विस, फंक्शनल सर्टिफिकेट जारी करना, मोर्टगेट परमिशन, संपत्ति से संयुक्त नाम को हटाना और दस्तावेजों का सत्यापन करना शामिल हैं। इसके शुभारंभ के मौके पर मेरठ मंडल कार्यालय से ऑनलाइन जुड़े सीईओ सुरेन्द्र सिंह ने औद्योगिक आवंटियों से इन सेवाओं का लाभ लेने दफ्तर आने के बजाय ऑनलाइन सिस्टम को अपनाने की अपील की। साथ ही ईआरपी तैयार कर रही फर्म टेक महिंद्रा को आवंटियों से जुड़ी अन्य सेवाओं को भी शीघ्र शुरू कराने के निर्देश दिए। पहली बार प्रोजेक्ट विभाग को भी ईआरपी से जोड़ने की शुरुआत हो गई है। सबसे पहले वर्क सर्किल तीन को जोड़ा गया है। अब प्रोजेक्ट की स्वीकृति से लेकर एस्टीमेट तक के कार्य ऑनलाइन ही किए जाएंगे। इस दौरान एसीईओ दीप चंद्र, एसीईओ प्रेरणा शर्मा व एसीईओ अमनदीप डुली, जीएम वित्त विनोद कुमार, जीएम प्रोजेक्ट केआर वर्मा व आरके देव, डीजीएम मोनिका चतुर्वेदी, डीजीएम सलिल यादव आदि अधिकारीगण मौजूद रहे।

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