ग्रेटर नोएडा: RTE योजना का दुरुपयोग कर निजी विद्यालय पर दाख़िला देने का बना रहे हैं दबाब । जानें क्या है पूरा मामला

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (5 अगस्त 2022): सरकारी सुविधाओं एवं योजनाओं का दुरुपयोग कर निजी विद्यालयों पर नामांकन देने हेतु दबाब बनाने का मामला संज्ञान में आया है। ग्रेटर नोएडा के कई प्रसिद्ध निजी विद्यालयों के प्रबंधकों ने टेन न्यूज से बात करते हुए कहा कि ” आर्थिक रूप से सम्पन्न व्यक्ति जिनका मासिक आमदनी 70 हजार से 1 लाख तक है, वो लोग भी कम मासिक आमदनी का आय प्रमाण पत्र बनवाकर निजी विद्यालयों में “शिक्षा का अधिकार” (RTE) के तहत नामांकन देने का दबाब बनाते हैं।

आगे उन्होंने कहा कि “RTE के तहत नामांकन का नियम है कि छात्र 3 किलोमीटर के दायरे का निवासी हो लेकिन लोग कई किलोमीटर दूर से आते हैं और किसी मित्र और रिश्तेदार का पते का गलत तरीके से उपयोग कर नामांकन करने के लिए दबाब बनाते हैं।”

आपको बता दें कि ” शिक्षा का अधिकार” (RTE) के तहत निजी विद्यालयों को 25 फीसदी सीट पर सामाजिक एवं आर्थिक रूप से वंचित बच्चों को दाखिला देना अनिवार्य है।इस श्रेणी के बच्चों की पहचान आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र समेत कई अन्य प्रकार के कागजातों से की जाती है। हलाकि कई बार निजी विद्यालयों पर भी इस प्रकार के बच्चों को दाखिला देने में आनाकानी करने की खबरें आती रहती है।

इस बाबत गौतमबुद्ध नगर जिलाधिकारी सुहास.एल.वाई ने टेलीफोनिक बातचीत में कहा कि ” इसके दो पहलू हैं, यदि कोई अपात्र बच्चे के परिजन गलत तरीके से नामांकन दाखिल करवाने का प्रयास कर रहे हैं तो स्कूल को पूर्व में भी कहा गया है कि आप लिखित रूप में विभागीय कार्यालय को सौंपे उनपर जाँच कराई जाएगी। परंतु जो पात्र बच्चे हैं उन्हें तो विद्यालय को नामांकन देनी होगी।”

इस बाबत हमने संबधित जिले के अन्य अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि ” स्कूल को यदि इस प्रकार की कुछ गलतियां दिख रही है तो वह उस प्रमाण पत्र की जाँच करवा लें, लेकिन इसके आड़ में आप उस योजना के लाभ प्राप्त करने योग्य बच्चों को भी नामांकन नहीं दें यह तो उचित नहीं है।”

वहीं टेन न्यूज की टीम ने बेसिक शिक्षा अधिकारी ‘स्वरा लक्ष्मी’ से बात की तो उन्होंने कहा कि यह तहसीलदार के कार्यक्षेत्र में आता है, वही इसपर जानकारी मुहैया करा पाएंगे।।

Share