टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (13/06/2022): “रोटी कपड़ा और मकान यह है जीवन के तीन आधार लेकिन जो शिक्षा से होगे अज्ञान तो जीवन होगा कठिन और मोहताज। सर्व शिक्षा का होगा नारा तो होगा हमारे देश का भविष्य प्यारा। आओ हम सब मिलकर यही करे प्रयास अपने घर के साथ साथ कुछ वंचित बच्चों को भी दे ज्ञान का प्रकाश।
बता दें कि 12 जून विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। बालश्रम को बाल मजदूरी भी कहा जाता है। बालश्रम कराना भारत के साथ कई देशों में गैर कानूनी है।
बालश्रम एक कठोर अपराध है जिसे बच्चों को खेलने-कूदने के उम्र में उनसे काम करवाया जाता है। किसी भी बच्चे के बाल उम्र के दौरान पैसों या अन्य किसी भी लोभ के बदले में करवाया गया किसी भी तरह के काम को बालश्रम कहा जाता है।
इस प्रकार की मजदूरी पर अधिकतर पैसों या जरूरतों के बदले काम कराया जाता है।
बाल श्रम हमारे समाज के लिए एक अभिशाप बन चुका है। क्योंकि भारत देश की ज्यादातर आबादी गरीबी से पीड़ित है।
कुछ परिवारों के लिए भर पेट खाना भी एक सपना सा लगता है। गरीबी की वजह से गरीब माता-पिता अपने बच्चों को घर-घर और दुकानों में काम करने के लिए भेजते हैं।
बालश्रम कराने से देश का आने वाला कल अंधकार की ओर जाने लगता है।
शिक्षा का अधिकार एक मूल अधिकार होता है। शिक्षा से किसी भी बच्चे को वंचित रखना बड़ा अपराध माना जाता है। बच्चों का कारखाने में काम करवाते है ऐसे लोगों पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।
जिस दिशा में भारत में कई कड़े क़ानून भी बनाए गए है बाल श्रम कानून सन 1986 में पारित हुआ था, इस अधिनियम के तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से श्रम कराना गैर-क़ानूनी घोषित किया गया है।
सबसे ज़्यादा बाल श्रमिक यूपी और बिहार उसके बाद क्रमशः राजस्थान , महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश के बच्चे बाल मज़दूरी के लिए मजबूर है।
यह हमारे देश की विकास को आगे बढ़ने से रोक देता है। बालश्रम रोकने के कई उपाय है जैसे बालश्रम का अंत करने के लिए सबसे पहले अपने घरों या दफ्तरों में किसी भी बच्चे को काम पर नहीं रखना चाहिए।
अपने आस पास कम से कम एक बच्चे का स्कूल में दाख़िला अवश्य करवाए, रोज़गार के अवसर बनाए ।
यह एक सामाजिक ज़िम्मेदारी है जिसका हम सभी को निर्वहन करना चाहिए। EMCT -EthoMart charitable Trust की टीम यह कार्य बहुत अच्छी तरह से कर रही है।