परियोजनाओें को तय समय पर पूरा न करने वाले बिल्डरों के आवंटन निरस्त करेगा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण: सीईओ

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अजनारा रियलटेक को ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित सेक्टर 16 में आवंटित प्लॉट (नंबर जीएच-02) के आंशिक हिस्से के आवंटन को निरस्त कर दिया है। प्लॉट के एवज में बकाया धनराशि का भुगतान न करने और निर्धारित समयावधि में प्रोजेक्ट को पूरा न करने पर प्राधिकरण ने यह कार्रवाई की है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण प्लॉट के एवज में बकाया धनराशि का भुगतान न करने वाले डिफॉल्ट आवंटियों को अब और राहत देने के मूड में नहीं है। प्राधिकरण ऐसे सभी आवंटियों का आवंटन निरस्त करेगा। इसकी शुरुआत कर दी गई है। उद्योग न लगाने पर सेक्टर ईकोटेक वन एक्सटेंशन वन में औद्योगिक भूखंड का आवंटन निरस्त करने के बाद अब प्राधिकरण ने अजनारा रियलटेक को ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित सेक्टर 16 में आवंटित प्लॉट (नंबर जीएच-02) के आंशिक हिस्से के आवंटन को निरस्त कर दिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव ने बताया कि अजनारा रियलटेक ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से 2011 में 72962 वर्ग मीटर जमीन करीब 84.34 करोड़ रुपये में खरीदी थी। 10 फीसदी भुगतान करने के बाद 90 फीसदी रकम की किस्त बना दी गई। छमाही किस्तों में भुगतान करना था। प्राधिकरण ने बिल्डर को निर्धारित समयावधि में प्लॉट पर पजेशन भी दे दिया। इसके बावजूद बिल्डर ने न तो प्राधिकरण की बकाया किस्त का भुगतान किया और 11 साल बीतने के बाद भी न ही प्रोजेक्ट को पूरा किया है। बिल्डर ने बकाया धनराशि का तीन बार री-शेड्यूलमेंट भी कराया। इसके बावजूद बिल्डर ने बकाया प्रीमियम धनराशि, लीज रेंट और कार्य पूर्ति विलंब शुल्क का भुगतान नहीं किया, जिसके चलते ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अजनारा रियलटेक को आवंटित 72962 वर्ग मीटर जमीन में से लगभग 8178 वर्ग मीटर जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ अदिति सिंह का कहना है कि बिल्डर परियोजनाओं के समय से न पूरा होने के कारण फ्लैट खरीदारों को दिक्कत हो रही है। वहीं, बकाया धनराशि न देने से प्राधिकरण की आर्थित स्थिति पर विपरीत असर पड़ रहा है। इसका असर विकास परियोजनाओं पर भी पड़ता है। ऐसे में डिफॉल्टरों के खिलाफ अब इस तरह की सख्त कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।

सुरेन्द्र सिंह, सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व मंडलायुक्त मेरठ ने बिल्डरो को चेतावनी देते हुए कहा कि जमीन आवंटन कराने के बाद प्राधिकरण की बकाया धनराशि न देने वाले और परियोजनाओें को तय समय पर पूरा न करने वाले किसी भी बिल्डर को बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे बिल्डरों के आवंटन निरस्त किए जाएंगे। अपनी गाढ़ी कमाई लगाने वाले फ्लैट खरीदारों को उनके सपनों का आशियाना मिले, प्राधिकरण की यही प्राथमिकता है। इसी तरह संस्थागत, आईटी, उद्योग, वाणिज्यिक व आवासीय की संपत्ति के डिफॉल्टरों को चिंहित कर उनके आवंटन नियमानुसार रद्द किए जाएंगे।

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