गौतमबुद्ध नगर: टोक्यो ओलिंपिक्स पैरालिंपिक्स में बैडमिंटन प्रतियोगिता में रजत पदक लाकर देश का नाम रोशन करने वाले गौतमबुद्ध नगर के डीएम सुहास एलवाई को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रीय खेल समिति ने इसकी संस्तुति दी है | इसी के साथ डीएम सुहास एलवाई अर्जुन अवार्ड पाने वाले देश के पहले सिविल पद के अधिकारी होंगे।
इससे पहले भी कई खिताबों को जीत कर अपने नाम किया
डीएम सुहास एलवाई ने 2016 चीन के बीजिंग में हूए एशियाई पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में पेशेवर अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने वाले पहले भारतीय अधिकारी बने।
साल 2016 में ही उन्हें यूपी के सर्वोच्च नागरिक सम्मान यश भारती से सम्मानित किया गया।
इसके बाद मार्च 2018 में वाराणसी में आयोजित दूसरी पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में पुरुष सिंगल्स में गोल्ड मेडल जीतने के बाद नेशनल चैंपियन बने।
और इस वर्ष 2021 में टोक्यो पैरालिंपिक में चैंपियनशिप में रजत पदक जीतकर अपने नाम किया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीएम सुहास एलवाई को बधाई दी और कहा कि जिलाधिकारी के गुरूतर दायित्व का निर्वाह करते हुए, खेल (पैरा बैडमिंटन) में सफलता करना सभी युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, इससे प्रदेश का गौरव बढ़ेगा।
कर्नाटक में हुआ था जन्म
सुहास एलवाई का जन्म कर्नाटक के जिले शिमोगा हुआ है और अधिकांश शिक्षा डीवीएस इंडिपेंडेंट कॉलेज से प्राप्त की है इसके बाद उन्होंने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी सुरथकल कर्नाटक से कंप्यूटर सांइस और इंजिनियरिंग की। वह साल 2007 बैंच के यूपी कैडर के आईएएस हैं। सुहास की पत्नी रितु सुहास पीसीएस अफसर हैं। रितु सुहास को आम चुनावों में जनजागरूकता अभियान में योगदान के लिए पुरुस्कृत भी किया गया था।
वाकई ही डीएम सुहास एलवाई आज की युवा पीढ़ी के लिए एक नई सोच बन कर सामने आये हैं। डीएम सुहास एलवाई के नौकरी से अर्जुन अवॉर्ड तक के सफर को देखकर लगता है अगर मनुष्य मन में एक बार द्रढ़निश्चय कर लें, तो वह अपने जीवन में भी कुछ नहीं करता है।