ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की पहल, एक्सप्रेसवे पर हादसे कम करने के लिए लगवाएगा बैरियर

ग्रेटर नोएडा। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर हादसों को रोकने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एक और पहल की है। प्राधिकरण एक्सप्रेसवे पर अपने हिस्से में सेंट्रल वर्ज पर रस्सी नुमा तार वाले बैरियर (वायर रोप फ्लेक्सिबल वैरियर ) लगवा रहा है। शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने फीता काटकर व नारियल फोड़कर इसकी शुरुआत की। चार माह में यह काम पूरा हो जाएगा। इस पर करीब 2.5 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे करीब 25 किलोमीटर लंबा है, जिसमें परी चौक की तरफ से लगभग सवा तीन किलोमीटर लंबाई ग्रेटर नोएडा के हिस्से में हैं। शेष हिस्सा नोएडा प्राधिकरण के पास है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अपने हिस्से के एक्सप्रेसवे पर रस्सीनुमा तार वाले बैरियर लगवा रहा है। इसकी शुरुआत शुक्रवार से हो गई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने शुक्रवार को परी चौक की तरफ से सेंट्रल वर्ज पर इसे लगाने की शुरुआत की। सीईओ ने फीता काटा और नारियल फोड़कर इसका शुभारंभ किया। उन्होंने इस काम को जनवरी 2022 से पहले पूरा करने का लक्ष्य दिया है। इस पर करीब 2.5 करोड़ रुपये खर्च होंगे। ये तार इतने मजबूत होंगे कि लगभग 18 टन लोड वाले वाहन भी अगर इससे भिड़ जाते हैं तो भी ये नहीं टूटेंगे। लचीले होने की वजह से हादसाग्रस्त वाहन सेंट्रल वर्ज या उसे पार करके दूसरे तरफ की रोड पर नहीं जा सकेंगे। इससे सड़क हादसे भी रुकेंगे और अगर कोई हादसा हो जाता है तो ये तार उसका जोखिम भी कम करेंगे। इससे वाहन पर सवार लोगों के जानमाल का नुकसान कम होगा।

अब तक एक्सप्रेसवे पर सेंट्रल वर्ज पर कंटीले तार लगे हुए है, जिसके चलते हादसा होने पर जोखिम की आशंका अधिक रहती है। साथ ही कंटीले तारों की चोरी होने की शिकायत भी मिलती रहती है। अब ये दिक्कत भी कम हो जाएगी, क्योंकि रस्सी नुमा मजबूत तार होने के कारण इसे काटना आसान नहीं होगा। कंटीले तारों के कट जाने पर लोग उसी जगह से रोड क्रॉस लगने लगते हैं, जिससे हादसे की आशंका और बढ़ जाती है। इन रस्सी नुमा लचीले तार वाले बैरियर से यह समस्या भी कम हो जाएगी। सीईओ ने इन रस्सी नुमा तारों को और भी मार्गों के सेंट्रल वर्ज पर लगवाने की बात कही। सीईओ नरेंद्र भूषण ने ने सेंट्रल वर्ज को हरा-भरा व सुंदर बनाने के भी निर्देश दिए।

इस आयोजन के दौरान महाप्रबंधक नियोजन मीना भार्गव, महाप्रबंधक परियोजना एके अरोड़ा, डीजीएम केआर वर्मा, वरिष्ठ प्रबंधक सलिल यादव, कपिलदेव सिंह व एके सक्सेना, प्रबंधक जितेंद्र यादव आदि अधिकारी मौजूद रहे।

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