योगी जी द्वारा सुपरटेक एमरोल्ड कोर्ट मामले में गठित एसआईटी जांच एक छलावा

आज दिनाँक 6 अक्टूबर 2021 को आम आदमी पार्टी गौतमबुद्ध नगर ने मीडिया क्लब नोएडा में प्रेस कॉफ्रेंस का आयोजन किया।प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए पार्टी के जिला प्रवक्ता प्रो ए के सिंह ने बताया कि सुपरटेक एमरोल्ड कोर्ट के सियान व एपेक्स टावर मामले में मा. सुप्रीम कोर्ट के ध्वस्तीकरण आदेश और नोएडा प्राधिकरण के भ्रष्टाचार पर तल्ख टिप्पणी के बाद योगी सरकार ने एसआईटी जांच के आदेश दिए थे जिसकी रिपोर्ट दो दिन पहले ही मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक हुई है जिसमें लगभग 26 लोगों पर कार्रवाई किये जाने की संस्तुति है जिसमे कई ऐसे लोगो का नाम भी नहीं है जिन पर कार्यवाई होनी चाहिए थी इसलिए यह रिपोर्ट एक बड़ा छलावा है।

एसआईटी जांच में वर्तमान सीईओ रितु माहेश्वरी पर कार्रवाई की कोई संस्तुति नही की गई है इसलिए इस जांच पर सबसे बड़ा प्रश्न चिन्ह है?? इनके कार्यकाल में कोर्ट में प्राधिकरण द्वारा बिल्डर के सपोर्ट में डाक्यूमेंट्स लगाए गए जो भ्रष्टाचार साबित करने के पूर्ण प्रमाण है जिससे इनकी संलिप्तता है और इन पर भी निलंबन कि कार्रवाई बनती है। जिन प्रमुख लोगो पर कार्रवाई करने कि संस्तुति एसआईटी ने डी है या तो रिटायर हो चुके है या तो वे पूर्वर्ती सरकारों के चहेते है l यही नहीं पूर्व के सीईओ जिसमे बलविंदर कुमार, राकेश बहादुर, रमा रमन, दीपक अग्रवाल सहित कई अन्य के भ्रष्टाचार पर भी कोई जांच नहीं की गई केवल मोहिन्दर कुमार पर ही सारा दोष मढ़ दिया गया l चूकि मोहिन्दर कुमार के समय में कई घोटाले हुए थे इसलिए इनका नाम रजिस्टर्ड घोटालेबाजों मे था इसलिए एसआईटी ने भ्रष्टाचार का सारा ठीकरा इनके सिर पर फोड़ दिया बाकी को छोड़ दिया l यही नहीं उस समय के कई ऐसीईओ, डीसीईओ के नाम भी गायब है जिनको जांच के परिधि में आना चाहिए l

ज्ञातव्य हो कि प्राधिकरण के अंतर्गत 250 से ज्यादा ग्रुप हाउसिंग सोसायटी का विकास हो रहा है और अधिकतर के निर्माण में भारी अनियमितताएं हैंl कई ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी में टावरों के बीच की दूरी मानकों के हिसाब से कम होने के बाद अलग से एक टावर को दूसरे टावर में जोड़कर प्राधिकरण द्वारा रफा-दफा करने के मामले संज्ञान में है जिस पर कार्रवाई बनती है।

अतः योगी सरकार को यदि में सच में भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करने की नियत है तो 2000 से लेकर 2012 तक ग्रुप हाउसिंग के लिए भूखंडों के आवंटन प्रक्रिया के बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए बोर्ड में नियमों के बदलाव, एफएआर के नाम पर कैसे फायदा पहुंचाया गया, नक्शे मैं बदलाव व अनुमोदन का खेल से लेकर अन्य नियमों में बदलाव कर बिल्डरों को फायदा पहुंचाया गया इसकी संपूर्ण जांच होनी चाहिए। इस खेल मे जो अधिकारी शामिल रहे हैं सबकी जांच माननीय उच्चतम न्यायालय के जस्टिस श्री डी वाई चंद्रचूड़ जी की देखरेख में सीबीआई से कराई जाए नहीं तो यह जांच एक छलावा है सिर्फ प्रदेश को गुमराह करने का योगी सरकार द्वारा काम किया जा रहा है।

प्रेसवार्ता में पार्टी के जिलाध्यक्ष भूपेन्द्र जादौन,जिला महासचिव व पार्टी प्रवक्ता संजीव निगम,नोएडा विधानसभा अध्यक्ष नितिन प्रजापति, नोएडा महानगर अध्यक्ष एडवोकेट प्रशांत रावत,नोएडा प्रत्याशी पंकज अवाना,दादरी प्रत्याशी संजय राणा,जेवर प्रत्याशी पूनम सिंह , जेवर अध्यक्ष मुकेश प्रधान मौजूद रहे।

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