ग्रेटर नोएडा: रोजगार की तलाश में दूरदराज से आने वाले गरीब युवक-युवतियों और बेघर गरीबों को खुले आसमान के नीचे रात नहीं गुजारनी पड़ेगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ऐसे जरूरतमंदों के लिए श्रमिक आश्रय स्थल और रैन बसेरा बनाने का निर्णय लिया है। इसकी निविदा शीघ्र ही जारी होने जा रही है।
औद्योगिक नगरी होने के नाते ग्रेटर नोएडा में रोजगार की तलाश में प्रदेश के दूरदराज एरिया और दूसरे प्रदेशों से गरीब युवक-युवतियां आते हैं। उनके सामने रोजगार के साथ ही सिर छिपाने के लिए जगह तलाशना भी चुनौती भरा होता है। वे उस समय आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे होते हैं। ज्यादा पैसे देकर किराए का घर लेने में सक्षम नहीं होते। कई बार ऐसे गरीब-मजदूरों को खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ जाती है। शासन की मंशा पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने ईकोटेक थ्री में श्रमिक (मजदूर) छात्रावास और उसी के पास रैन बसेरा बनाने का निर्णय लिया। करीब 3500 वर्ग मीटर में इसे बनाया जाएगा। प्राधिकरण के नियोजन विभाग ने इसकी डिजाइन तैयार हो गई है। इसका एस्टीमेट बन रहा है। उस पर अप्रूवल के बाद टेंडर जारी होगा। प्राधिकरण की मंशा है कि इसे जल्द बना दिया जाए, जिससे कि जरूरतमंदों को सहारा मिल सके। गरीब-मजदूर लोग इसमें समय गुजार सकें। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि परियोजना विभाग इन दोनों प्रोजेक्ट का एस्टीमेट तैयार कर रहा है। उसके बाद निविदा के जरिए कंपनी का चयन कर निर्माण शुरू कराया जाएगा। इसे बहुत जल्द बनाने की कोशिश की जाएगी।
श्रमिक आश्रय स्थल पर एक नजर
श्रमिक छात्रावास में बाहर से नौकरी की तलाश में आने वाले युवक रह सकेंगे। नौकरी करने वाले लोग किराया दे पाने में असमर्थ होते हैं। उनको यहां पर बहुत ही कम शुल्क पर रहने के लिए बेड मिल जाएगा। श्रमिक आश्रय स्थल दो हिस्सों में होगा। एक हिस्से में पुरुष ब्लॉक और दूसरे में महिला ब्लॉक होगा। पुरुष ब्लॉक में 48 और महिला ब्लॉक में 36 महिलाएं रह सकेंगी। इसमें डाइनिंग एरिया, किचन, केयर टेकर ऑफिस, रिकॉर्ड रूम, कॉमन रूम और प्ले एरिया होगा। महिलाएं और पुरुषों के लिए अलग शौचालय होंगे। किचन में ढाबा खुलेगा, जहां पर छात्रावास में रहने वाले लोग खाना भी खा सकेंगे। इसके कुछ हिस्से में ग्रीन एरिया भी होगा। इसके अलावा सिक्योरिटी ऑफिस, चेक पोस्ट और बरामदा भी रहेगा।
रैन बसेरा पर एक नजर
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण हर साल सर्दी के मौसम में रैन बसेरा बनवाता है। अब प्राधिकरण ने स्थायी रैन बसेरा बनाने का निर्णय लिया है। इस रैन बसेरा महिलाएं और पुरुषों के लिए 48-48 बेड होंगे। उनके लिए अलग-अलग शौचालय बने होंगे। पीने का पानी, स्टोर रूम आदि बनाए जाएंगे। ये एक मंजिला इमारत होगी।