दिनांक 05.03.2020, आई० टी० एस० मोहन नगर में विद्यार्थियों के लिए एडवेचंर कैम्प का आयोजन किया गया। जिसमें फ्लाइंग फोक्स, रेप्लिंग, वॉल क्लाइम्बिंग, जिप लाइन, कमांडो नेट, डबल रोप ब्रिज, ऐअर रोलर, ब्लाइंड फोल्ड तथा टॅग ऑफ वॉर जैसी कुल 10 रोमांचकारी क्रियाएं आयोजित की गई। इस आयोजन का उद्देश्य छात्रों द्वारा आपस में मिलकर कार्य करने की भावना को उजागर करना तथा मुश्किलों का सामना करने के लिए हौसला पैदा करना था। जिससे छात्र-छात्राएं भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो सकें।
एडवेंचर कैम्प कI उट्घाटन सुबह 11:00 बजे संस्थान के क्रीड़ा स्थल में यू० जी० परिसर के निर्देशक डा० सुनील कुमार पांडेय द्वारा रिबन काट कर किया गया I डा० पांडेय ने बताया कि आज का युवा काफी सजग है और वो जानता है कि केवल किताबी ज्ञान ही सफलता पाने के लिए काफी नही है बल्कि किताबों के साथ-साथ प्रयोगात्मक ज्ञान भी आवश्यक है इस प्रकार के आयोजनों से निश्चय ही छात्र अनेक प्रकार से जीवन में उन्नति पाने के नये आयामों को ढूँढ पातें है क्योंकि एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग और मन का निवास होता है इसीलिए शरीरिक तौर पर इस प्रकार के रोमांचकारी खेल छात्र- छात्राओं में एक नई ऊर्जा का संचार करते हैं।
शिविर में कुल १० रोमांचक खेल सम्मिलित किये गए, जौ इस प्रकार है
फ्लाइंग फॉक्स में छात्र-छात्राएं बचाव पोशाक पहन कर एक रस्सी के द्वारा हवा में फिसलते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान तक गये। यह क्रिया बहुत ही रोमांचकारी रही तथा छात्रों ने इसका भरपूर आनंद लिया । फ्लाइंग फॉक्स के दौरान छात्र- छात्राओं ने एक स्सी पर लटक कर, हवा में लहराते हुए खेल का आनंद उठाया। विद्यार्थियों ने एक ऊँची इमारत की छत से जमीन तक स्वयं को इस प्रकार उडता हुआ महसूस किया, मानो वो एक पक्षी है और यही रोमांचकारी क्षण छात्र-छात्राओं को बहुत पसंद आये ।
रेप्लिंग में छात्रों ने रस्सी के द्वारा ऊचाँई पर चढ़ना सीखा, इस क्रिया के द्वारा कोई भी व्यक्ति बहुत ऊंचाई तक सिर्फ एक रस्सी के द्वारा चढना व उतरना सीख सकता है। यह एक बहुत ही रोमांचकारी क्रिया है। रैप्लिंग के दौरान विद्यार्थी एक ऊँची ईमारत से रस्सी के जरिये जमीन पर उतरे। रैप्लिंग का मकसद छात्र – छात्राओं में आत्मविस्वाश पैदा करना था ताकि वो अपने जीवन में हौसला रखें और चुनौतियों का सामना कर सकें ।
डबल रोप ब्रिज में छात्र छात्राओं को एक रस्सी के पुल पर चढ़ना था, जिससे वो शारीरिक संतुलन को बनाना सीख पाए। इस क्रिया को करने के लिए शारीरिक रूप से दक्ष होना आवश्यक है।
वाल क्लाइम्बिंग क्रिया में छात्र- छात्राएं एक दीवार पर बिना किसी सहायता के चढें। जिसमें शारीरिक बल और बुद्धिमत्ता दोनों की ही आवश्यकता होती है । वाल क्लाइम्बिंग में विद्यार्थी बिना किसी सहारे के दीवार पर चढे व उतरे। इन सबके अलावा छात्र छात्राओं ने कुछ समूह में मिलकर कार्य करना सीखने हेतू, सामूहिक खेल भी खेले जिनमें रस्सा खींच शामिल रहें।
ऐअर रोलर में विद्यार्थियों ने एक बड़े हवा से भरे रोलर में स्वंय को लुढ़काते हुए रोलर को लुढकाने का प्रयास किया। यह एक अत्यन्त कठिन क्रिया है जिसमें सम्पूर्ण शारीर का व्यायाम हो जाता है। ऐअर रोलर में एक हवा से भरे रोलर के बीव दो तीन छात्रों ने समूह में सामूहिक बल का प्रयोग करते हुए रोलर को लुढ़काया तथा मैदान को पार किया।
कमाण्डों नेट के दौरान भारतीय सेना के जवानों की तरह छात्र-छात्राओं ने भी नेट (जाल) पर चढ़ना तथा उतरना सीखा। यह एक बहुत ही मनोरंजक क्रिया है जिसमें व्यक्ति को अपने शरीर को संतुलित बनाते हुए जाल के मोटे धागों पर पैर रखते हुए आगे बढना होता है। कमाण्डों नेट में विद्यार्थियों ने भारतीय सेना के जवानों की तरह जाल पर चढ़ने व उतरने का अभ्यास किया ।
इनके अलावा टीम बिल्डिंग, टग ऑफ़ वॉर तथा ब्लाइंड फोल्ड जैसे मनोरंजक खेलों में भी छात्र- छात्राओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया ।
इस शिविर में बी० बी० ए० तथा बी० सी० ए० पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों ने भाग लिया । शिविर का आयोजन क्लाइंब अप कम्पनी के दक्ष कर्मचारियों के समूह की निगरानी में किया गया।
यू० जी० कैंपस की वाईस प्रिंसिपल प्रो. नैँसी शर्मा ने खुशी जाहिर करते हुए इस अवसर पर सभी विद्यार्थियों को इतने मुश्किल खेलों को सफलतापूर्वक पूर्ण करने के लिए बधाई दी तथा उनके सुखद भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर आई०टी०एस० एजूकेशन गुप के चेयरमैन डॉ० आर० पी० चड्डा, वाईस चेयरमैन श्री अर्पित चड्ढा, मुख्य सचिव श्री भूषण कुमार अरोड़ा, निर्देशक (पी० आर०) श्री सुरेन्द्र सूद, आई० टी० एस० (यू० जी०) कैंपस के निर्देशक डॉ० सुनील कुमार पांडेय, वाइस प्रिंसिपल (यू० जी०) प्रो. नैंसी शर्मा, सभी अध्यापकगण तथा हज़ारों की संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।