गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में बौद्धिक संपदा अधिकार (आई० पी० आर०) पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन।

दिनांक 5 मार्च, 2020 को आईपीआर सेल गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय द्वारा बौद्धिक संपदा अधिकार पर कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यशाला काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलजी उत्तर प्रदेश द्वारा प्रायोजित की गई।इस विशेष कार्यशाला का उद्देश्य बौद्धिक सम्पदा अधिकार आईपीआर के महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे पेटेंट, औद्योगिक डिजाइन, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, नवाचार के लिए पेटेंट खोज पर प्रशिक्षण और प्रदर्शन तथा प्रतियोगिता कानून और आईपीआर एवम् कैरियर के अवसरों के बीच परस्पर क्रिया जैसे बिंदुओं एवं नवाचार की बुनियादी बातों पर चर्चा करना था। कार्यशाला के मुख्य अतिथि माननीय श्री सोम प्रकाश, वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री, भारत सरकार ने कहा कि बौद्धिक संपदा एक बाज़ार संचालित अर्थव्यवस्था में उच्च आर्थिक को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।आज की प्रतिस्पर्धात्मक दुनिया में अपने विचारों के रक्षा के बारे में उद्यमियों को जागरूक करना है। यह महसूस किया जाता है कि आईपीआर को उद्योग विशेष कार्य में सभी शिक्षाविदों और स्टार्टअप्स द्वारा अधिक समझ और ध्यान देने की आवश्यकता है। कार्यशाला के संरक्षक प्रो० भगवती प्रकाश शर्मा, कुलपति, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने कहा, ऐसे आयोजन विश्वविद्यालय के अनुकूल माहौल बनाने के दृष्टिकोण से एक अच्छी पहल है। उन्होंने कहा हमें एक दायरे से बाहर सोचने की जरूरत है, कुलपति ने पेटेंट के संदर्भ में भी अवगत कराते हुए कहा कि जब ज्ञान सार्वजनिक डोमेन पर प्रकाशित होता है तो इसे पेटेंट के लिए लागू नहीं किया जा सकता, पेटेंट के लिए उन्होंने जरूरी बातें बतायी जैसे नवीनता, अविष्कार शक्ति,तथा उद्योग की मूलभूत आवश्यकता है। कार्यशाला के मुख्य वक्ता श्री राहुल राय, एडवोकेट, उच्च न्यायलय, श्री अविनाश कुमार, अतिरिक्त निदेशक (पूर्व), आईपीआर, डीआरडीओ, नई दिल्ली, डॉ० यशवंत देव पंवार, टीआईएफएसी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार और डॉ० संजीव के मजूमदार, प्रबंधक आईपीआर एवं इंक्यूबेशन, एनआरडीसी, भारत सरकार ने अपने विचार व्यक्त किए।

श्री राहुल राय ने बताया कि संवेदी करण अभियानों की एक श्रृंखला छात्रों के लिए बेहतरीन अवसर ला रहा है। इस कार्यशाला में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय आईपीआर सेल के सदस्य डॉ ० शक्ति शाही, डॉ० तन्वी वत्स, डॉ० भूपेन्द्र चौधरी, डॉ० राकेश कुमार श्रीवास्तव, डॉ० विनय कुमार लिटोरिया और डॉ० संतोष कुमार तिवारी उपस्थित रहे। कार्यशाला मे विश्वविद्यालय के विभिन्न संकाय के सदस्य उपस्थित रहे। कार्यशाला के अंत सभी प्रतिभागी छात्र छात्रों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।

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