डॉ. अवधेश कुमार श्रोत्रिय
लेक्चरर, शारीरिक शिक्षा, फिजी नेशनल यूनिवर्सिटी, फिजी आइलैंड
किसी भी देश के विकास के वास्तविक परिचायक देश के स्वस्थ नागरिक, विशेषकर स्कूली बच्चे और युवा है। विश्व बैंक की हालिया रिपोर्ट “मोटापा: एक आसन्न वैश्विक चुनौती का स्वास्थ्य और आर्थिक परिणाम” बताती है कि मोटापे से संबंधित बीमारियां अब दुनिया भर में शीर्ष तीन हत्यारों में से हैं। पिछले कई वर्षो से निरंतर बढ़ते गैर संचारी रोग न केवल हमारे स्वास्थ्य को खराब कर रहे हैं बल्कि देश की अर्थव्यस्था को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं इसलिए वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री द्वारा “फिट इंडिया मूवमेंट” की शुरुआत की गयी थी। जिसके कारण लोगो में स्वास्थ्य के प्रति एक नई चेतना ने जन्म लिया हैं।
जहां कभी कहा जाता था की पढोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब लेकिन वर्तमान दौर में बढ़ती बीमारियों ने इस कहावत के मायने ही बदल दिए हैं। अब शिक्षण संस्थानों में खेल सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं बल्कि स्वस्थ रहने का जरिया बन चूका हैं। वर्तमान दौर में आज अधिकांश स्कूली बच्चे मोटापे और डायबिटीज जैसे गंभीर रोगों की चपेट में हैं। इसलिए शारीरिक शिक्षा और खेलो को अब पहले के मुकाबले शिक्षण संस्थानों में वरीयता दी जा रही हैं।
शिक्षण संस्थानों में खेल की सुविधाएँ बढ़ रही हैं। मस्तिष्क को सक्रिय रखने के साथ साथ खेल गतिविधियां न केवल आपसी सोहाद्र ,नेतृत्व शैली एवं त्वरित निर्णय लेने की क्षमता को विकसित करती हैं। बल्कि स्वस्थ एवं रोग मुक्त रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाती हैं। कई अंतर्राष्ट्रीय शोध यह साबित कर चुके हैं कि शारीरिक गतिविधियां कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के रोकथाम में कारगर सिद्ध हो रही हैं।
विश्व स्वास्थ संगठन समय-समय पर लोगो को गैर संचारी रोगो से दूर रहने के लिए शारीरिक गतिविधिया करने के लिए जोर देता हैं, उनके मानकों के अनुसार जरूरी नहीं की सिर्फ व्यायाम, खेल और जिम्नेजियम में ही जाकर पसीना बहाया जाये, आप घरेलु कार्यो में भी हाथ बांटकर अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। भाग दौड़ की जीवन शैली में स्वस्थ और फिट रहने के विकल्प कम ही मिल पाते हैं। इसलिए काम को बाधित किये बिना शारीरिक गतिविधियों को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए बीते कई वर्षो से कॉर्पोरेट घराने अपने कर्मचारियों के लिए काम के साथ साथ फिटनेस सेशन जारी रखने का प्रयोग कर ही रहे थे।
अब रेल मंत्रालय ने भी कुछ ऐसे ही प्रयोग कर जनमानस को फिट रखने का बीड़ा उठाया हैं। हाल ही में आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर एक ऐसी मशीन लगाई हैं जिसके सामने उठक -बैठक करने से आप मुफ्त में ही प्लेटफार्म टिकट प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रयोग सोशल मीडिया के मंच पर काफी सुर्खिया बटोर रहा हैं।
लोगो ने इस प्रयोग को अन्य प्लेटफार्म पर शुरू करने की सलाह सरकार को दी हैं। बढ़ते रोगों के रोकथाम के लिए पिछले कई दिनों से मैराथन और साइकिलिंग जैसी शारीरिक गतिविधियों का ग्राफ भी बढ़ता जा रहा हैं। हर उम्र का व्यक्ति इनसे जुड़ रहे हैं। कई सार्वजनिक पार्कों में ओपन जिम्नेजियम लोगो को फिट रहने के लिए रुझाते हुए प्रधानमंत्री के “फिट इंडिया” सपने को पूरा करने के लिए कदम -कदम से बढ़ा रहे हैं।
Tags: स्वस्थ भारत की ओर बढ़ते कदम…..