अवैध निर्माण – सभी मुकदमों की पूरी पैरवी क रेगा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

अथार्टी-क्षेत्र के अधिसूचित क्षेत्र में बिना नक्शा पास कराये building-byelaws का उल्लंघन करके
व unregistered builders ने मनमाने तरीके से फ्लैट्स बना-बनाकर बेचकर अवैध कमाई करके खतरनाक भवनों में लोगों को बसा दिया है, जबकि जमीन के अधिग्रहण-प्रक्रिया पर हाईकोर्ट का status quo का आदेश 16.10.2014 से लागू है, इन अवैध बिल्डर्स ने हाईकोर्ट के आदेशों की अवज्ञा करके विधिविरुद्ध आचरण किया है । यही कारण है कि जमीन पर अथार्टी का स्वामित्व न रहने के बावजूद इन अवैध 208 बिल्डर्स/व्यक्तियों के खिलाफ गत 2017 से अब तक कुल 45 FIR थाने में अथार्टी ने अथार्टी ने दर्ज कराये हैं, अब तक 13 ऐसे अपराधी बिल्डर्स के खिलाफ गैगेस्टर ऐक्ट के अधीन भी कार्यवाही की जा चुकी है, आपराधिक मुकदमें न्यायालय में चल रहे हैं, जिनमें अथार्टी पैरवी कर रही है । आज बायर्स को ठगकर खतरनाक अधोमानक फ्लैट्स उन्हें अवैध तरीके से बेचकर उन्हें जान-माल के खतरे से भरे माहौल में रहने के लिए मजबूर करने के असली दोषी ये अवैध बिल्डर्स ही हैं । ग्रेटर नोएडा अथार्टी ने शाहबेरी के फ्लैट-बायर्स को, जो आज वहाँ धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, गत एक सप्ताह पूर्व बुलाकर उनसे सभी बिन्दुओं पर विस्तार से दो घण्टे तक वार्ता करके सभी की वेदना सुनी गई व उनके भ्रम का निवारण कराते उन्हें भी यह सलाह दी गई है कि उनके साथ जिन बिल्डर्स/विक्रेता-पक्ष ने ठगी/cheating करके उन्हें खतरनाक व अधोमानक भवन बेचकर उनकी गाढी कमाई लूट कर रख लिया है, इस विषय को लेकर वे भी अपने बैनामे के सापेक्ष ठगे गये सम्पूर्ण धनराशि को ब्याज सहित अवैध बिल्डर्स से वापस पाने हेतु सिविल कोर्ट में दावा दायर करें व उन सब बिल्डर्स के खिलाफ धारा 420 IPC इत्यादि सुसङ्गत अनुच्छेदों के अधीन थाने में जाकर FIR दर्ज करायें, उन सभी मुकदमों की पूरी पैरवी अथार्टी अपने पूरे खर्चे पर वकीलों के अच्छे पैनेल के जरिए खुद कराकर पीड़ित बायर्स को पूरी मदद District Legal Authority के जरिए करेगी, जिस पर बायर्स को कोई पैसा नहीं खर्च करना होगा । अथार्टी ने पूर्व में अधोमानक/विधिविरुद्ध एवं जान-माल के लिए खतरनाक सात भवनों को ध्वस्त भी कराया है और आगे अधोमानक/अवैध भवनों की बारीकी से जाँच कराने के लिए देश की जानी-मानी प्रामाणिक संस्थाओं को अधिकृत करने जा रही है, जो जाँच कर अपनी रिपोर्ट देंगे, तदनुसार भवनों के ध्वस्तीकरण की अग्रेतर प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी जायगी ।

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