नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्वा लाइन मेट्रो ” सुविधा या दुविधा “

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्वा लाइन मेट्रो " सुविधा या दुविधा "
Greater Noida (30/03/19) : परीचौक को ग्रेटर नोएडा की शान कहा जाता है, अब यहाँ पर मेट्रो आ जाने से शहर की छवि में चार चाँद और लग गए हैं। पिछले कुछ वर्षों से यहां के सभी निवासी मेट्रो का इंतजार कर रहे थे और सबका सपना पूरा हो गया। ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसी वर्ष 25 जनवरी को नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच एक्वा लाइन मेट्रो का उद्घाटन किया था।
दरअसल, नॉएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन के तहत आने वाली ये मेट्रो नॉएडा को ग्रेटर नॉएडा से जोड़ती है। इस मेट्रो रेल लाइन के अन्दर कुल 21 स्टेशन हैं,  जिनमें 15 नॉएडा और 6 ग्रेटर नॉएडा में हैं। नोएडा में मेट्रो स्टेशन सेक्टर-50, 51, 76, 101, 81, NSEZ, 83, 137, 142, 143, 144, 145, 146, 147, 148, ग्रेटर नॉएडा नॉलेज पार्क 2, परी चौक, अल्फा 1, डेल्टा 1, GNIDA ऑफिस और डिपो मेट्रो स्टेशन आते हैं।
वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगो का मानना है कि एक्वा लाइन मेट्रो उनकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है, जितनी अपेक्षाएं उनको इस मेट्रो से थी वो पूरी नहीं हो पा रही हैं।
ओमीक्रॉन निवासी व निजी इंजीनियरिंग कॉलेज की प्लेसमेंट हेड दिव्या दीक्षित ने टेन न्यूज़ से फ़ोन पर बात की, आपको बता दें की दिव्या दीक्षित ने ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क क्षेत्र में साइकिल ट्रैक बनाने की मुहीम छेड़ी थी, जिसके नतीजतन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने छात्रों की सुविधाओं के लिए साइकिल ट्रैक का निर्माण कराया था। जिसका आज नॉलेज पार्क में सभी छात्रों को फायदा मिल रहा है। मेट्रो तक पहुँचने के लिए छात्र साइकिल ट्रैक का इस्तेमाल करते है, जिससे कि वे सुरक्षित रह सकें। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मान रहे थे, मेट्रो लोगों के लिए सुविधाजनक होगी उस तरह से मेट्रो का परिचालन सफल नहीं हो पाया है। लेकिन इस खुशी के बावजूद भी हम ओमिक्रोण के निवासी अभी भी उसी स्थिति में हैं कि जैसे व्यक्ति समुद्र के बीच में होने के बावजूद भी पानी नहीं पी सकते है। उन्होंने कहा कि आखिरी मेट्रो स्टेशन यानी डिपो स्टेशन पर ऑटो वाले मनचाहे पैसे वसूलते हैं। उसके बाद भी अकेली लड़की वहाँ पर सुरक्षित नहीं रहती है, अकेली लड़की को देख लड़के उसका पीछा करते हैं।
उन्होंने कहा कि इससे बेहतर है कि हम सीधे परीचौक से ऑटो लेकर निर्धारित स्थान पर पहुँच जाए, हालांकि ग्रेटर नोएडा में डेल्टा के बाद किसी भी जगह पर सवारी ले जाने के लिए ऑटो रिक्शा चालक अपनी मन मर्जी से पैसे मांगते हैं। उनका कहना है कि ओमिक्रोण जैसे सेक्टरों के लिए ग्रेटर नोएडा में ई -रिक्शा या किसी अन्य विकल्प के रूप में सीट या प्रति सीट ऑटो चलाया जाना चाहिए ताकि हम महिलाएं अपने शहर में मेट्रो के आने की खुशी को भी साझा कर सकें। उन्होंने एनएमआरसी से आग्रह करते हुए कहा कि अगर हम महिलाओं और स्कूल के लिए कुछ एक शटल प्रदान करते हैं या बच्चों के जाने के लिए सावधानी बरतते हैं तो यह वास्तव में फायदेमंद साबित होगा। मैं इस संबंध में गंभीरता से देखने के लिए संबंधित प्राधिकरण से अनुरोध करूंगी।
बीटा-2 निवासी प्रवीण महाजन ने फ़ोन पर बताया कि ग्रेटर नोएडा के लोग जिस बेसब्री से नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच चलने वाली एक्वा लाइन मेट्रो का इंतजार कर रहे थे, उसके हिसाब से मेट्रो का यह रुट लोगों को सुविधाजनक नहीं लगा। परीचौक से एनएमआरसी की बसें नोएडा बोटैनिकल गार्डन के लिए जाती थी। बोटैनिकल गार्डन से यात्री कही भी जा सकता है। चलाई गई मेट्रो में भी अपेक्षानुसार सवारी यात्रा नहीं कर रहे हैं। जिसके चलते मेट्रो के रुट कम भी किए गए थे।
उन्होंने बताया कि मेट्रो के पहले और कुछ समय बाद तक भी एनएमआरसी की बसें सेक्टर के बाहर खड़ी रहती थी, और परीचौक होते हुए नोएडा बोटैनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन पर उतारती है। उनका कहना है कि मेट्रो आने के बाद एनएमआरसी की बसो की सुविधा को अब कम कर दिया गया है। अब लोगों को बोटैनिकल जाने के लिए परीचौक पर भी बस का इंतजार करना पड़ता है। लोग मेट्रो के बजाय परीचौक से बस लेकर बोटैनिकल गार्डन जाना पसंद करते हैं। हालांकि अब परीचौक पर निजी बसें भी चलाई जा रही है जिनकी सुरक्षा की कोई जिम्मेदारी नहीं है। उनका कहना है कि एनएमआरसी को परीचौक से पहले की तरह बसों का संचालन कराया जाना चाहिए।
गामा-2 निवासी जी पी गोस्वामी का भी यही कहना है कि पहले परीचौक से बस मिलती थी जिससे एक्सप्रेस वे से होकर बस नोएडा बोटैनिकल गार्डन तक जाती थी। मेट्रो के चलने के बाद परीचौक से एनएमआरसी ने बसों का संचालन बिलकुल कम कर दिया है। मेट्रो के चलने से पहले पुरानी अथॉरिटी के सामने से एनएमआरसी की बसें सभी सेक्टरों के सामने से गुजरती थी, तो लोगों को सुविधा रहती थी। लेकिन अब बस का संचालन बंद करने के बाद से लोगों को ऑटो रिक्शा चालकों की मनमानी सहनी पड़ती है।
उन्होंने कहा कि उनका बेटा नोएडा की एक निजी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहा है। पहले परीचौक से बस जाती थी तो यूनिवर्सिटी तक पहुंचने में कोई परेशानी नहीं होती थी। उन्होंने कहा कि एनएमआरसी को ग्रेटर नोएडा में बसों का संचालन सुचारु रूप से कराना होगा तब ही ये मेट्रो सुविधा दे पाएगी।
इस मामले में एनएमआरसी के कार्यकारी निदेशक / महाप्रबंधक पी डी उपाध्याय से फोन कर बात करने की कोशिश की गई, हालांकि उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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