आईआईएमटी कॉलेज समूह में आयोजित दीक्षांत समारोह 2019
जब मेधावियों को डिग्री दी गई तो उसकी स्वर्णिम आभा से छात्र-छात्राओं के चेहरे भी दमक उठे। डिग्री पाकर एक ओर मेधावियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा तो उनकी इस उपलब्धि से उनके अभिभावकों का सिर भी गर्व से ऊंचा हो गया। ये मौका था नॉलेज पार्क 3 स्थित आईआईएमटी कॉलेज समूह में आयोजित दीक्षांत समारोह 2019 का । इस दीक्षांत समारोह में 17 टार्पस एवं 372 अन्य छात्रों को डिग्री दी गई।जिसमे इंजीनियरिंग, पोलिटेक्नीक एवं फार्मेसी विद्यार्थियों सामिल थे। इस मौके को और भी खास बनाने के लिए कार्यक्रम समारोह में अतिथि के तौर पर एआईसीटीई के सलाहकार राजीव कुमार, द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंट ऑफ इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट सीएमए बलविंदर सिंह, एंव सिंपलेक्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के ज्वाइंट जनरल मैनेजर एचआर प्रमोद मिश्रा मौजूद थे ।
एआईसीटीई के सलाहकार राजीव कुमार ने कहा कि जब छात्रों को डिग्री दी जाती है तो उसके साथ जिम्मेदारी दी जाती है कि आप समाज व देश हित के लिए कुछ करें। इसके साथ-साथ आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि माता-पिता, गुरु तथा जहां से आपने डिग्री ली है उस संस्थान को कभी ना भूले। अंत में उन्होंने डिग्री लेने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई दी। उन्होने कहा कि दूसरो पर दोषारोपण करने से अच्छा है खुद को सकारात्मक बनाये। साथ ही उन्होने छात्र-छात्राओं से कहा लिखना,पढना और सीखना कभी मत छोडिये।
द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंट ऑफ इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट सीएमए बलविंदर सिंह ने कहा कि आप परीक्षा से कभी मत घबराइए, अपनी तैयारी रखिए। आप स्वंम में विश्वास रखेंगे तो कुछ भी असंभव नहीं है।
सिंपलेक्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के ज्वाइंट जनरल मैनेजर एचआर प्रमोद मिश्रा ने कहा कि डिग्री मिलने वाले छात्रों के जीवन की नई शुरुआत है। उन्होने कहा कि हर एक क्षण महत्वपूर्ण है जो निकल जाने के बाद दुबारा नही आयेगा इसलिये हर एक क्षण को ध्यान से जीओं ।
आईआईएमटी कॉलेज समूह के प्रबंध निदेशक मयंक अग्रवाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह अवसर किसी भी छात्र की जिंदगी का अहम दिन होता है और इस दिन की सभी यादों को वो जीवन भर के लिए संजो कर रख लेता है।
आईआईएमटी कॉलेज ऑफ इन्जीरनियरिंग के निदेशक डॉ.के के सैनी , आईआईएमटी कालेज ऑफ पोलिटेक्नीक के निदेशक उमेश कुमार, एवं आईआईएमटी कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी के डायरेक्टर डॉ मलिकार्जुन बी पी, डॉ. संजय पचौरी, डॉ. एस एन मिश्रा आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।