पत्रकारों से बातचीत करते हुए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तरी पूर्वी दिल्ली के लोकसभा प्रभारी दिलीप पांडे ने कहा कि भाजपा दिल्ली में बुरी तरह से हार रही है और उसी हार की दर की बौखलाहट के कारण दिल्ली में उल्टी सीधी हरकतें कर रही है। जिसका प्रमाण यह है कि बीते दिनों भाजपा ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिलकर दिल्ली में 10 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से कटवा दिए। जबकि जांच करने पर पता चला कि उनमें से बहुत सारे लोग उसी पते पर रहते हैं जहां से उडने शिफ्टिड दिखाया गया है।
दिलीप पाण्डे ने कहा कि कल सिग्नेचर ब्रिज के उद्घाटन में भाजपा के उत्तरी पूर्वी दिल्ली से सांसद एवं दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष मनोज तिवारी और उनके साथियों ने जो निंदनीय हरकत की है उससे उनकी बौखलाहट साफ जाहिर होती है। पहले तो सांसद तिवारी जी ने कहा कि मुझे मेरे ही लोकसभा क्षेत्र में न्योता क्यों नहीं दिया गया। बाद में जब उन्हें मंच पर आने की सहमति भी मिल गई तो माननीय सांसद महोदय कहते हैं कि मेरा अच्छी तरह से स्वागत क्यों नहीं कर रहे हैं। हमने आपको अतिथि की तरह बुलाया और आप गुंडों की तरह प्रोग्राम में प्रवेश कर रहे हैं, उस पर फिर यह भी चाहते हैं कि आप की पूजा अर्चना की जाए, आओ भगत की जाए।
उन्होंने कहा कि मनोज तिवारी नैतिकता का पाठ पढ़ाने से पहले खुद नैतिकता सीखनी चाहिए। संघीय ढांचे को ताक पर रखकर आप ही की भाजपा ने दिल्ली में कई उद्घाटन के बड़े कार्यक्रमों में दिल्ली के मुख्यमंत्री तक को न्योता नहीं दिया। दिल्ली की मेट्रो लाइन का उद्घाटन हुआ और दिल्ली के मुख्यमंत्री को ही नहीं बुलाया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय से महज़ आधा किलोमीटर की दूरी पर स्काई वॉक का उद्घाटन किया गया जिसको बनाने में दिल्ली सरकार का पूरा पूरा योगदान था, उस प्रोग्राम में भी भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को बुलाना उचित नहीं समझा। माननीय तिवारी जी यह रिवायत आप ही की पार्टी के द्वारा शुरु की गई है। हमने तो केवल मोदी जी द्वारा शुरु की गई इस परंपरा को आगे ले जाने का काम किया है।
प्रेस वार्ता में कुछ वीडियो क्लिप दिखाते हुए दिलीप पांडे ने कहा कि तिवारी जी और उनके गुंडे वहां पर हंगामा करने और उस कार्यक्रम को खराब करने के इरादे से ही आए थे। उस का सबूत यह वीडियो जो कि 3:00 बजे के आसपास लिया गया है। जबकि उस समय पर न तो वहां पर मुख्यमंत्री थे, और न हीं हमारी पार्टी का कोई भी नेता वहां पर मौजूद था, केवल और केवल जनता थी। सांसद महोदय और उनके गुंडे साथी वहां आए और कुर्सियां तोड़ना शुरु कर दिया। जोर जोर से मोदी मोदी के नारे लगाना शुरु कर दिए, जय श्रीराम के नारे लगाना शुरु कर दिए। मनोज तिवारी जी से पूछना चाहता हूं कि यह तो एक सरकार का कार्यक्रम था, इस कार्यक्रम में कुर्सियों की तोड़फोड़ करना क्या दर्शाता है।
कल की घटना एक और बड़ी बात को दर्शाता है कि भारतीय जनता पार्टी कानून और कानून का पालन करने वालों को अपनी जेब में रखती है। जहां एक तरफ इसी दिल्ली में थप्पड़ मारने की मात्र शिकायत पर मुख्यमंत्री समेत बार विधायको पर FIR दर्ज कर ली जाती है, मुख्यमंत्री आवास पर पुलिस छापा मारती है, जबकि उस घटना का एक भी साक्ष्य मौजूद नहीं है। वहीं भाजपा के माननीय सांसद मनोज तिवारी एडिशनल DCP साहब को भरी सभा में हजारों लोगों के सामने थप्पड़ मारते हैं, उनका कॉलर पकड़ते हैं, और गंदी गंदी गालियां देते हैं, बावजूद उसके उन पर कोई FIR नहीं होती। उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाती।
भारतीय जनता पार्टी इलाके की पुलिस को एक राजनीति हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। पुलिस की मौजूदगी में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की जनता द्वारा चुने हुए मुख्यमंत्री पर भाजपा के सांसद मनोज तिवारी एवं उनके गुंडे पानी की बोतल सकते हैं और दिल्ली की पुलिस जो कि भाजपा के अधीन आती है उनको सुरक्षा देने में नाकाम सिद्ध होती है, यह दर्शाता है कि कल की घटना को एक षड़यंत्र के तहत अंजाम दिया गया।
प्रेस वार्ता में मौजूद पूर्वी दिल्ली से आप लोकसभा प्रभारी आतिशी ने कहा कि कल की जो घटना है वो दर्शाती है कि एक सोची समझी साजिश के तहत इस घटना को अंजाम दिया गया। जो पांच वीडियो हमने अभी आप सब को दिखाए उन वीडियो को देखने के बाद सवाल उठता है कि अगर मनोज तिवारी किसी गलत नीयत से नहीं आए थे तो 3:00 बजे जब वहां पर कोई भी मौजूद नहीं था, तो उनके लोगों ने कुर्सियां क्यों तोड़ी, वहां पर मौजूद जनता को गंदी गंदी गालियां दे ना क्यों शुरु कर दिया। यह सब हरकतें दर्शाती है कि वह लड़ाई और झगड़े के इरादे से ही वहां पर आए थे।