लॉयड लॉ कॉलेज के विधिक सहायता केंद्र ने ती न कैदियों को रिहा करवाया.

आज लॉयड लॉ कॉलेज के विधिक सहायता केंद्र ने तीन कैदियों को रिहा करवाया. इन तीनो कैदियों के नाम थे –
१-सूरज
२-पवित्र महतो
३- राजेश
प्रथम कैदी का नाम सूरज है .इसके पिता का नाम सुरेश है .यह मजदूरी करता था .यह लोनी ग़ज़िआबाद का रहने वाला है .यह धारा ३८० तथा ४११ भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत सजा काट रहा था .यह अपनी सजा पूरी करने के बावजूद कागज़ी कमी ,विधिक सहायता के आभाव में एवं आर्थिक कमी के कारण जेल में अतिरिक्त सजा काट रहा था .
द्वितीय कैदी पवित्र महतो है .इसके पिता का नाम शंकर महतो है .यह नेपाल का मूल निवासी है .नॉएडा में यह कम्पनी में मजदूर कार्यरत था .यह भारतीय दंड संहिता की धारा ४२० ,४६७ ,४६८ तथा ४७१ में सजा काट रहा था .आर्थिक तथा विधिक सहायता के आभाव के कारन अतिरिक्त सजा काट रहा था .

तृतीय कैदी राजेश है .इसके पिता का नाम भारत झा है .यह नॉएडा का रहने वाला है .यह भारतीय दंड संहिता की धारा ३९२ तथा ४११ के अंतर्गत जेल की सजा पूरी कर चुका था .इस कैदी को ज्ञात भी नहीं था की वो किस धारा के अंतर्गत सजा काट रहा है तथा कभी रिहा भी होगा की नहीं .

लॉयड कॉलेज के विधिक सहायता केंद्र ने पिछले साल भी अतिरिक्त सजा काट रहे पांच कैदियों की विधिक एवं आर्थिक मदद कर उन्हें आजाद करवाया था .विधिक सहायता केंद्र का उद्देश्य जरूरतमंद असहाय व्यक्तियों की मुफ्त में सहायता करना है .इस केंद्र से बहुत से असहाय लोग मुफ्त सहायता प्राप्त कर लाभान्वित होते रहते हैं .इन सभी कैदियों की उम्र २० से २६ वर्ष की थी .विधिक सहायता केंद्र के हेड पियूष शर्मा, उनके साथियों एवं छात्रों ने कैदियों की अच्छी तरह कॉउंसलिंग कर के उन्हें एक नया एवं सकारात्मक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया .कैदियों ने भी आभार प्रकट करते हुए अच्छा नागरिक बनने एवं कभी गलत काम न करने की कसम खाई .

लॉयड कॉलेज के विधिक सहायता केंद्र ने इस कार्य में डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी, एवं जेल प्रशाशन का भी सहयोग लिया .कैदियों की रिहाई के समय नीलू मेनवाल (जिला सचिव ,डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी),विपिन मिश्रा (सुपरिटेंडेंट ,जिला जेल ),प्रदीप (डिप्टी जेलर),मोहमद सलीम (डायरेक्टर ,लॉयड कॉलेज ),पियूष शर्मा (हेड ,विधिक सहायता केंद्र ,लॉयड कॉलेज ) उपस्थित थे .

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