जी.एल. बजाज काॅलेज ग्रेटर नोएडा मे ं ‘‘जापान की व्यवसायिक नीतियों और प्रथाआ ें का भारतीय प्रबंधको के लिए इसका परिज्ञान’’ विषय पर आयोजित किया गया। सिम्पोसियम का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना, दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण से हुआ।
सिम्पोसियम क े आरम्भ में संस्थान के वाईस चेयरमैन पंकज अग्रवाल ने आमंत्रित अतिथि प्रो. डाॅ. जस्टिन पाॅल प्रोफेसर यूनिवर्सीटी आॅफ प्य ूर्टो रिका ेयू0एस0ए0 का स्वागत किया तथा प्रबंधन के छात्रों को बताया कि यदि जापान में प्रयोग किय ेजाने वाल े नवाचार, व्यवसायिक नीतियां, कार्यकुशलता, दक्षता जैसे गुणों का समावेश छात्र अपने व्यवसायिक जीवन में करता है ता े सफलता उसके कदम चूमेगी। सिम्पोसियम में प्रबंधन संस्थान के डीन प्रो0 डाॅ0 मुकुल गुप्ताजी ने अपने संबोधन में प्रबंधन के छात्रों को व्यवसायिक संस्कृति के अभिज्ञान एवं उसके सूक्ष्म विश्ल ेषण के द्वारा विपणन की नीतियों के निर्धारण की चर्चा की।
प्रो0 डाॅ0 जस्टिन पाॅल ने सिम्पोसियम का प्रारंभ जापान की सांस्कृतिक विरासत और
व्यवसायिक व आद्या ेगिक विकास से किया। प्रबंधन के छात्रों का े संबोधित करते हुए बताया
कि जापान की अर्थव्यवस्था पिछले कई दशकों स े विश्व की सबसे तेज गति से विकास करन े
वाली दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। किन्तु आज चीन की अर्थव्यवस्था विश्व के लिए
अतिप्रासंगिक होती जा रही है। जापान आज गुणवत्ता पूर्ण उत्पादन में विश्व मानस पटल पर
प्रथम है ता े वहीं अम ेरिका विपणन में अपना प्रथम स्थान रखता है तथा अमेरिका मे ं सबसे
ज्यादा जापान की कारों का व्यवसाय है। जापान की कंपनीयों जैसे सोनी, टा ेयटा, होंडा,
केनन, सार्क, कावासाकी, सुजुकी, हिताची, केनवास आदि विश्व की सबसे सफल व श्रेष्ठ
गुणवत्ता पूर्ण उत्पादक कम्पनीयां हैं। जापान की अर्थव्यवस्था की श्रेष्ठता का मूलमंत्र हमेशा
नवाचार व उत्कृष्ट उत्पाद का उत्पादन करना है।
प्रो. पाॅल ने जापान की संस्कृति की चर्चा करते हुए छात्रों को बताया कि जापान के
ला ेगों को अंग्रेजी बोलना कम आता है लेकिन वे अति विनम्र स्वभाव के होत े ह ैं अपने
कार्यस्थल पर कभी भी भेदभाव नहीं करते, आपसी सहयोग व ग्र ुप की भावना से काम करते
हैं। अपने व्यवसायिक जीवन में अपने कार्य को प्राथमिकता प्रदान करते हैं ना कि परिवार का े
तथा व्यवसायिक परिचर्चा में बहुत कम व केवल अतिमहत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करते हैं तथा
समय के बहुत पाबन्द होत े हैं।
जापान के व्यवसायिक नवाचारों की चर्चा करते हुए प्रो. पाॅल ने बताया कि जापान में
एक वर्ष मे ं दो बार बोनस दिया जाता है तथा टी.क्यू.एम., काईजन, जस्ट इन टाईम, 5एस,
ग्रुप मेन ेजमेन्ट, लीन प्राॅडक्शन जैसे आधुनिक प्रबन्धन के सिद्धान्त जापान की देन ह ै।
सिम्पोसियम के अन्त में प्रबन्धन संस्थान की विभागाध्यक्ष प्रो0 डाॅ0 दीपा गुप्ता जी ने आमंत्रित
अतिथि का आभार व्यक्त किया तथा छात्रों को सिम्पोसियम के महत्व पर प्रकाश डालत े हुए
बताया कि नवाचार, सामंजस्य, वैल्य ू सिस्टम, अनुशासन, कार्य के प्रति समर्पण तथा समय
की पाबंदी प्रबंधकों के लिए अनिवार्य गुण होत े हैं। इस सिम्पोसियम क े प्रबंधन विभाग क े
समस्त छात्र व अध्यापकगण उपस्थित थे।