ITS Engineering College के छात्रों का माइक्रोसॉफ्ट कैंपस भ्रमण, तकनीकी नवाचारों की ओर एक कदम

आईटीएस इंजीनियरिंग कॉलेज, ग्रेटर नोएडा के बी.टेक सीएसई विभाग के छात्रों को नोएडा स्थित माइक्रोसॉफ्ट कैंपस का भ्रमण करने का एक अनूठा अवसर मिला। यह औद्योगिक दौरा, कॉलेज द्वारा सावधानीपूर्वक आयोजित, छात्रों को अकादमिक शिक्षा और औद्योगिक प्रथाओं के बीच संबंध स्थापित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। कॉलेज के निदेशक डॉ. मयंक गर्ग के प्रेरणादायक नेतृत्व में और सीएसई विभाग के डीन डॉ. विष्णु शर्मा और एचओडी डॉ. जया सिन्हा के समर्थन से, यह दौरा छात्रों के लिए तकनीकी क्षेत्र में गहन ज्ञान प्राप्त करने का मंच बना। भ्रमण के दौरान, छात्रों ने माइक्रोसॉफ्ट द्वारा आयोजित एज़्योर डेवलपर डे कार्यक्रम में भाग लिया, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और एज़्योर क्लाउड तकनीकों में नवीनतम प्रगति पर चर्चा की गई।

पहला सत्र: माइक्रोसॉफ्ट के वरिष्ठ सलाहकार विनय प्रताप सिंह भदौरिया ने AI की परिवर्तनकारी क्षमताओं और इसके वास्तविक दुनिया में अनुप्रयोगों पर चर्चा की। दूसरा सत्र: वरिष्ठ सलाहकार हेपेंद्र राजावत ने माइक्रोसॉफ्ट एज़्योर की प्रमुख विशेषताओं जैसे मापनीयता, सुरक्षा और एंटरप्राइज़ समाधान पर व्यावहारिक जानकारी प्रदान की।

इन सत्रों ने छात्रों की सैद्धांतिक समझ को व्यावहारिक निहितार्थों से जोड़ने का कार्य किया। साथ ही, एक इंटरैक्टिव क्विज़ सत्र ने छात्रों को अपने ज्ञान का प्रदर्शन करने का अवसर दिया। विजेताओं को माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विशेष रूप से सम्मानित किया गया। एक छात्र ने कहा, “Microsoft का भ्रमण मेरे लिए तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा बना। AI और Azure के बारे में उद्योग के विशेषज्ञों से सीखने का अवसर अद्वितीय था।”

वहीं, माइक्रोसॉफ्ट टीम ने आईटीएस इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के उत्साह, जिज्ञासा और सक्रिय भागीदारी की सराहना करते हुए उनकी तकनीकी समझ और तैयारी की प्रशंसा की। इस दौरे के समन्वय में सहायक प्रोफेसर दीप्ति जायसवाल और मानिक चंद्र पांडे का विशेष योगदान रहा, जिन्होंने छात्रों के लिए एक समृद्ध और सहज अनुभव सुनिश्चित किया। यह औद्योगिक भ्रमण कॉलेज अपने छात्रों को उद्योग-अनुकूल शिक्षा प्रदान करने और उन्हें तेजी से बदलते तकनीकी परिदृश्य में सफलता के लिए तैयार करने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। माइक्रोसॉफ्ट के साथ यह सहयोग न केवल छात्रों के तकनीकी ज्ञान को बढ़ाने में सहायक साबित हुआ, बल्कि कॉलेज की उद्योग-शैक्षणिक उत्कृष्टता में अग्रणी भूमिका को भी सुदृढ़ किया।

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