टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (11 नवंबर 2024): नॉलेज पार्क स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट में भारत शिक्षा एक्सपो 2024 का शुभारंभ हुआ, जिसने देशभर के शिक्षा, नवाचार, और रोजगार के अवसरों को एक मंच पर लाकर गहन चर्चा का वातावरण तैयार किया। उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने इस आयोजन का उद्घाटन करते हुए ग्रेटर नोएडा को शिक्षा का प्रमुख केंद्र बताया, जहाँ देश-विदेश के छात्र नवाचार और रचनात्मकता का प्रदर्शन कर रहे हैं। एक्सपो में 51 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों के छात्र-छात्राओं और एक लाख से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
विश्वगुरु के रूप में भारत का लक्ष्य
अपने उद्घाटन भाषण में उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने ग्रेटर नोएडा को नालंदा और तक्षशिला जैसे प्राचीन शिक्षा केंद्रों की उपमा दी और भारत शिक्षा एक्सपो 2024 के महत्व पर जोर दिया। उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (जीएनआईडीए) द्वारा समर्थित इस तीन दिवसीय आयोजन (11-13 नवंबर) में, भारत को “विश्वगुरु” बनाने की दिशा में एक नया मंच तैयार किया गया है। मंत्री ने इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के उद्देश्यों से मेल खाते हुए, समग्र और बहुविषयक शिक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का परिचायक बताया।
उच्च शिक्षा मंत्री ने उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति 2024 का भी अनावरण किया, जिससे भारतीय शिक्षा में नवाचार और समावेशिता के एक नए युग की शुरुआत हुई। यह नीति निजी निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से तैयार की गई है और शिक्षा क्षेत्र के विस्तार और विविधीकरण के लिए एक सहायक पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करती है। उपाध्याय ने कहा, “शिक्षा में निजी निवेश महत्वपूर्ण है और यह नीति हमारे शैक्षिक ढांचे को मजबूत करने, संस्थानों का समर्थन करने और भारत में एक शैक्षिक पुनर्जागरण की नींव रखने की दिशा में एक साहसिक कदम है।”
सीएम के शिक्षा सलाहकार धीरेन्द्र पाल सिंह: उत्तर प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में प्रगति
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार एवं यूजीसी के पूर्व चेयरमैन धीरेन्द्र पाल सिंह ने उत्तर प्रदेश को “उत्तम प्रदेश” की उपाधि देते हुए इसे निवेश के लिए एक आकर्षक राज्य बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और शिक्षा मंत्री की सराहना करते हुए कहा कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के नए मानक स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि प्रदेश में ए प्लस और नेक ए प्लस मान्यता वाले विश्वविद्यालयों की संख्या में वृद्धि हो रही है, जो शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार का संकेत है। उन्होंने कहा कि राज्य में निजी विश्वविद्यालयों का विकास भी अब बच्चों के भविष्य के साथ जुड़ा है, जिससे यूपी में शिक्षा के क्षेत्र में स्थायित्व और उत्कृष्टता की नींव मजबूत हो रही है।
महेंद्र प्रसाद अग्रवाल: रोजगारोन्मुख शिक्षा का महत्व
उच्च शिक्षा के प्रिंसिपल सचिव महेंद्र प्रसाद अग्रवाल ने युवा पीढ़ी की नई ऊर्जा और सकारात्मकता की सराहना की। उन्होंने शिक्षा प्रणाली में बदलाव की आवश्यकता पर बल देते हुए रोजगारोन्मुख शिक्षा का महत्व बताया। उनके अनुसार, आज की शिक्षा प्रणाली में नवाचार के साथ रोजगार की संभावनाओं को भी शामिल करना आवश्यक है ताकि छात्रों को सशक्त और सही करियर के अवसर मिल सकें।
डॉ. राकेश कुमार: शिक्षा और आधुनिक तकनीक का संगम
इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने शिक्षा को पर्यावरण, प्रदूषण, और आर्थिक अस्थिरता जैसी चुनौतियों का समाधान बताया। उन्होंने कहा कि इस एक्सपो का उद्देश्य आधुनिक तकनीकों को शिक्षा का हिस्सा बनाना और छात्रों को नई खोजों से अवगत कराना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा जगत के प्रमुख लोगों को एक मंच पर लाकर सार्थक संवाद स्थापित करना इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य है, जिससे समाज और देश को इन चुनौतियों का सामना करने में मदद मिल सके।
हरिवंश चतुर्वेदी का दृष्टिकोण: शिक्षा का महाकुंभ
भारत शिक्षा एक्सपो के चेयरमैन डॉ. हरिवंश चतुर्वेदी ने इसे शिक्षा का महाकुंभ करार देते हुए कहा कि ऐसे आयोजन हर साल मई में आयोजित किए जाने चाहिए। उनका मानना है कि इससे लाखों छात्र और उनके माता-पिता करियर के सही विकल्प चुन सकेंगे। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से उन जिलों में निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया, जहाँ शिक्षा संस्थानों की कमी है। उनका सपना है कि अगले 5 वर्षों में भारत शिक्षा एक्सपो, देश का सबसे बड़ा शिक्षा आयोजन बने।
प्रमुख आकर्षण: नॉलेज हब, इंटरैक्टिव लर्निंग, और तकनीकी नवाचार
इस वर्ष के एक्सपो में नॉलेज हब, इंटरैक्टिव लर्निंग, और एक्सहिबिशन और नेटवर्किंग प्रमुख आकर्षण रहे। कार्यक्रम में हैकथॉन, आइडियाथॉन, डिज़ाइन थिंकिंग सेशन, काउंसलिंग सेशन, और पैनल चर्चाएँ आयोजित की गईं। स्कूल जोन में प्राइमरी से सेकेंडरी एजुकेशन के लिए विशेष कार्यक्रम हुए, जबकि कॉलेज और विश्वविद्यालय जोन में उच्च शिक्षा, वोकेशनल ट्रेनिंग, और रिसर्च के अवसरों पर ध्यान दिया गया। इसके अतिरिक्त, स्किल डेवलपमेंट, फिजिकल एजुकेशन और स्पोर्ट्स जोन में प्रतिभागियों को आधुनिक तकनीक से जुड़ी जानकारी मिली।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति और रोजगारोन्मुख शिक्षा पर फोकस
डॉ. हरिवंश चतुर्वेदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप शिक्षा पद्धतियों को सुदृढ़ करने पर जोर दिया, जिससे शिक्षा रोजगार के अवसरों से जुड़ सके। इस आयोजन में प्रधानमंत्री का सन्देश भी शामिल हुआ कि रोजगार चाहने वालों की संख्या घटाने और रोजगार देने वालों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है।
उत्तर प्रदेश में शिक्षा का भविष्य
उत्तर प्रदेश में हुए इन प्रयासों का उद्देश्य राज्य को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है। यह एक्सपो न केवल छात्रों और शिक्षा संस्थानों के लिए एक मंच है, बल्कि प्रदेश में शिक्षा में नवाचार और विकास के नए आयाम खोलने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत शिक्षा एक्सपो 2024 ने न केवल शिक्षा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा दिया है बल्कि छात्रों के लिए रोजगार, तकनीकी विकास, और मूल्य आधारित शिक्षा की दिशा में एक मंच प्रदान किया है। इस प्रकार का आयोजन देश को शिक्षा महाशक्ति बनाने के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जो भविष्य में देश की शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ और रोजगार परक बनाएगा।।
छात्रों और संस्थानों को सशक्त बनाना
अपने संबोधन में, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अतिरिक्त सीईओ प्रेरणा सिंह ने छात्रों को एक्सपो में विविध शैक्षिक और करियर अवसरों की खोज करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “यह पारंपरिक शिक्षा से बाहर निकलने और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में नए मार्ग खोजने का एक अनोखा अवसर है। इस प्रथम भारत शिक्षा एक्सपो ने पहले ही उच्च मानक स्थापित कर दिए हैं, छात्रों को एक विशेष अनुभव प्रदान किया जा रहा है।”
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