दिनांक 22 से 23 अगस्त, 2024 तक आई0टी0एस0 डेंटल काॅलेज, हाॅस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर, ग्रेटर नोएडा में नई क्लिनिकल परीक्षण, नैतिकता और फार्माकोविजिलेंस पर दो दिवसीय गहन कार्यशाला और व्यावहारिक कार्यक्रम एथिकल कमेटी के द्वारा आयोजित किया गया।
यह कार्यशाला चिकित्सा अनुसंधान में नैतिकता और सुरक्षा के महत्व पर केंद्रित था। इस कार्यशाला मे ंडाॅ0 हरमीत सिंह रेहान एमडी फार्माकोलाॅजी विभाग, लेडी हार्डिंग मेडिकल काॅलेज, नई दिल्ली और पी0वी0पी0आई0, गुणवत्ता नियंत्रण पैनल के अध्यक्ष डाॅ0 ज्योत्सना गुप्ता, वैज्ञानिक गे्रड ट, पी0एचडी0 बायोटेक्नोलाॅजी, क्लिनिकल ट्रायल्स रजिस्ट्री इंडिया, आई0सी0एम0आर0 नई दिल्ली के विशेषज्ञ के तौर पर शामिल हुये।
इस अवसर पर डाॅ0 रेहान ने क्लिनिकल परीक्षण में नैतिकता और सुरक्षा के बारे में विस्तार से बताया। परीक्षण करने या भाग लेने के बारे में और उसके नविनतम् दिशानिर्देशों का भी उल्लेख किया। यदि आप किसी परीक्षण या अनुसंधान में भाग लेने के लिए सहमत हो जाते है तो इसकी जांच की जाती है। शोधकर्ता इस दौरान संज्ञानात्मक या शारीरिक परीक्षण करते हैं। परीक्षण समाप्त होने के बाद डेटा का विश्लेषण कर निष्कर्ष निकालते हैं।
इस अवसर पर डाॅ0 ज्योत्सना गुप्ता ने कहा कि गुणवत्ता हेतु विषयों के चयन एवं उससे संबंधित सम्पूर्ण साक्ष्यों का संग्रहण में एथिकल कमेटी की बहुत अहम भूमिका होती है।
इस अवसर पर संस्थान की एथिकल कमेटी की मैम्बर सेर्केटरी डाॅ0 मौसमी गोस्वामी ने बीते वर्ष शोध हुए विषयों के चयन के बारे में विस्तारपूर्वक बताया तथा कमेटी के सदस्यों की भूमिका का भी उल्लेख किया।
संस्थान के प्रधानाचार्य डाॅ0 सचित आनंद अरोरा ने कहा कि संस्थान शोध विषय-वस्तु पर विशेष ध्यान देता है तथा हमारा उद्देश्य शोधकर्ताओं को नवीनतम दिशानिर्देशों से अवगत कराना है तांकि वे अपने काम में नैतिक और सुरक्षित दृष्टिकोण लागू कर सकें।
आई0 टी0 एस0 – द एजूकेशन गु्रप के उपाध्यक्ष सोहिल चड्ढा ने इस अवसर पर कहा कि संस्थान के छात्रों को विषयों के चयन करने, शोध करने एवं निर्धारित समय में कुशलतापूर्वक समापन करने में काफी सहायता मिलती है।