ग्रेटर नॉएडा स्थित जीएल बजाज एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस में “राइट टू एक्सीलेंस” एजुकेशन समिट-2024 का आयोजन किया गया। समिट में पूर्व आईएएस और यूपी सीएम के सलाहकार अवनीश अवस्थी, इग्नू के वीसी नागेश्वर राव, नीति आयोग की निदेशक उर्वशी प्रसाद, बॉलीवुड अभिनेता विक्रांत मैसी और प्रतिष्ठित उद्योगपति श्रीकांत बोला, दिव्या गंडोत्रा टंडन, डॉ एम शशिकुमार, डॉ प्रतापसिंह देसाई, संजीव बंजल और श्रुति कपूर ने भाग लिया। इन सभी ने राइट टू एक्सीलेंस एजुकेशन समिट में उन प्रमुख योजनाओं को उजागर किया जिनसे शिक्षा और रोजगार के बीच के अंतर को भरा जा सकें और सुनिश्चित किया जा सके कि युवा सही कौशल के साथ आगे बढ़कर रोजगार पा सके। और समझें कि वे भारत में शिक्षा और रोजगार के भविष्य को कैसे आकार दे रहे हैं। इस दौरान प्रश्नोत्तर सत्र में छात्रों के पूछे गए सवालों का सभी ने बड़ी उत्सुकता से जवाब दिये।
मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने शिखर सम्मेलन में बोलते हुए अवस्थी ने समावेशी और न्यायसंगत शिक्षा को बढ़ावा देने में सरकारी नीतियों और संस्थागत ढाँचों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। अवस्थी ने समावेशी और न्यायसंगत शिक्षा के कार्यान्वयन में बाधा डालने वाली चुनौतियों पर चर्चा की और इस सवाल का जवाब दिया कि भारत में शिक्षा की गुणवत्ता बाज़ार के पीछे क्यों चली गई है। अवस्थी ने कहा, प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा के “छात्रों के नामांकन में 2018 में 44% से 2022 में 59% तक 18% की उछाल आई है। उत्तर प्रदेश में कक्षा 6 स्कूल प्रणाली में पूरे भारत में सबसे ज़्यादा नामांकन हुआ है। कहा प्राथमिक स्कूली शिक्षा विकास की नींव रखती है। इसलिये शिक्षा के प्रारंभिक वर्षों के दौरान एक मजबूत आधार प्रदान करने के महत्व पर बल दिया, क्योंकि यह भविष्य में सीखने और विकास के लिए आधार तैयार करता है।उत्तर-प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों में लगभग 2 करोड़ छात्र है जो सरकार की मुख्य प्राथमिकता में से एक है। इसीलिए सरकार का प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक पूरा ध्यान है और शिक्षा का स्तर बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए प्रदेश सरकार ने रास्ते पर भीख मांग रहें बच्चों की एक बड़ी संख्या को स्कूल भेजने का प्रावधान किया है। उन्होंने छात्रों से कहा कि अगर आप अपना स्टार्टअप शुरू करना चाहते है तो सरकार पूरी मदद करेगी।
विक्रांत मैसे ने अपनी पहचान और पृष्ठभूमि को गरिमा और गर्व के साथ स्वीकार करने के महत्व पर जोर दिया कहा चाहे आपकी सामाजिक स्थिति या व्यवसाय कुछ भी हो। अपना आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास बनाए रखिये। मायने नहीं रखता है कि आप कौन हैं और कहाँ से आए हैं बस अपनी जड़ों और विरासत को सम्मान के साथ अपनाएँ और खुद को गर्व के साथ आगे बढ़ाएँ।
श्रीकांत बोल्ला ने समिट में कहा कि एक लीडर के रूप में दूसरों की मदद करने से अंततः खुद को ही लाभ होता है। बाधाओं के खिलाफ खड़े होने और व्यक्तिगत विकास, समुदाय और व्यावसायिक सफलता के लिए संघर्ष करने के लिए चुनौतियों का सामना करना आवश्यक है। उद्यमिता की तुलना एक आध्यात्मिक यात्रा से की जाती है, जिसमें कड़ी मेहनत, जोखिम उठाने और अद्वितीय मानसिकता और समर्पण की आवश्यकता के कारण अलगाव की भावना शामिल होती है। अंत में उन्होंने नेतृत्व, व्यक्तिगत विकास और उद्यमिता के परस्पर संबंध पर जोर देते हुए दृढ़ता, निस्वार्थता और उद्यमशीलता की खोज की एकान्त प्रकृति को समझने के महत्व पर प्रकाश डाला।
जीएल बजाज शिक्षण संस्थान के सीईओ कार्तिकेय अग्रवाल ने समिट में सुझाव दिया कि छात्रों को अपनी अकादमिक पढ़ाई के साथ-साथ व्यावहारिक अनुभव भी लेना चाहिए। उन्होंने कहा किसी प्रसिद्ध कंपनी में इंटर्नशिप करने से पेशेवर दुनिया का अच्छा अनुभव मिल सकता है। उन्होंने छात्रों से कॉलेज की गतिविधियों में भाग लेने, मेंटर से जुड़ने और मौजूदा कौशल से अपडेट रहने पर जोर दिया और समय प्रबंधन, मल्टीटास्किंग एवं तनाव प्रबंधन जैसे आवश्यक कौशल विकसित करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कौशल की कमी को कम करने के लिए समय प्रबंधन, मल्टीटास्किंग और तनाव प्रबंधन महत्वपूर्ण हैं। छात्र आत्म-देखभाल और मानसिक स्वास्थ्य की उपेक्षा ना करें। सफलता के लिए छात्रों को एक महत्वपूर्ण सलाह देते हुए कार्तिकेय अग्रवाल ने कहा अपनी इंटर्नशिप और नौकरी को एक करीबी रिश्ते की तरह ही गंभीरता से लें। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सफलता के लिए समर्पण और जुनून की आवश्यकता होती है।
संस्थान के चेयरमैन पंकज अग्रवाल ने अथितियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया और कहा कि इस एजुकेशन समिट से हमारे छात्रों और शिक्षकों को शिक्षा और इसके विभिन्न क्षेत्रों की अमूल्य समझ हासिल करने का एक अनूठा अवसर मिला।