गलगोटियास विश्वविद्यालय में वर्चुअल लैब्स पर एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन

गलगोटियास विश्वविद्यालय में आज विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग स्कूल ने “वर्चुअल लैब्स पर एक दिवसीय कार्यशाला” का सफलतापूर्वक आयोजन किया, यह कार्यक्रम भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की एक पहल के अन्तर्गत किया गया। यह कार्यक्रम आईआईटी कानपुर द्वारा संचालित किया गया।

आईआईटी कानपुर से प्रोफेसर (डॉ.) कांतेश बलानी इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में पहुँचे। डा० बलानी वर्चुअल लैब्स परियोजना के प्रमुख अन्वेषक भी हैं, उन्होंने इस कार्यक्रम में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और ज्ञानवर्धक सत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने शिक्षण वातावरण में वर्चुअल प्रयोगशालाओं के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सीखने और निर्माण करने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जब हम भौतिक कक्षाओं में सैद्धांतिक ज्ञान प्राप्त करते हैं, तो प्रयोगशालाएं हमें वास्तविक दुनिया की समस्याओं पर अपने ज्ञान को लागू करने और व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करती हैं।
वर्चुअल प्रयोगशालाएं हमें एक सिम्युलेटेड वातावरण में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने और प्रयोग करने की अनुमति देती हैं।

प्रतिभागियों ने अनेक विशेषज्ञों सुमन त्रिपाठी, विनय त्रिपाठी और धनंजय उमराव द्वारा संचालित तकनीकी सत्रों से भी काफी ज्ञान अर्जित किया। इस कार्यशाला ने वर्चुअल लैब्स के नवाचारी उपयोग के माध्यम से छात्रों और संकायों के बीच व्यावहारिक ज्ञान और तकनीकी कौशल को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। इस कार्यक्रम ने विभिन्न इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में वर्चुअल लैब्स के अनुप्रयोगों की गहरी समझ को बढ़ावा देते हुए सीखने और सहयोग के लिए एक इंटरैक्टिव प्लेटफॉर्म प्रदान किया है।

गलगोटियास विश्वविद्यालय के सीईओ डा० ध्रुव गलगोटिया ने वर्चुअल लैब कार्यशाला के महत्व पर बोलते हुए कहा कि
वर्चुअल लैब वातावरण में पेश किए गए इंटरैक्टिव सिमुलेशन और वास्तविक समय फीडबैक तंत्र ने जटिल अवधारणाओं के बारे में हमारी समझ को काफी हद तक बढ़ाया है। शिक्षा में वर्चुअल लैब प्रौद्योगिकी के महत्वपूर्ण लाभों और अनुप्रयोगों को रेखांकित करता है। आईसीटी के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा मिशन के माध्यम से शिक्षा मंत्रालय की यह पहल देश भर में शिक्षार्थियों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुलभ, सुरक्षित और आकर्षक बनाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।

कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वन्दना और दीप प्रज्वलन से की गयी। कार्यक्रम में गलगोटियास विश्वविद्यालय के प्रो० वाइस चांसलर डा० अवधेश कुमार, रजिस्ट्रार डा० नितिन गौड और कंप्यूटर साइंस की डीन प्रोफेसर (डॉ.) सुनीता यादव विशेष रूप से उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का समन्वय डॉ. सौरभ सिंह, डॉ. पूजा सिंह, और सुश्री प्रज्ञा तिवारी द्वारा किया गया।

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