ग्रेटर नॉएडा स्थित जीएलबीआईएमआर कॉलेज के सेंटर ऑफ सस्टेनेबिलिटी और जीएचआरओडीसी ने ‘उत्पादकता सप्ताह समारोह 2024’ के अवसर पर भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय एवं राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद और ग्रेटर नोएडा के उत्पादकता परिषद के साथ “नवीकरणीय ऊर्जा समाधान के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता” विषय पर एक अंतर-कॉलेज वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस वाद-विवाद प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों के बीच आलोचनात्मक सोच को जगाना और इस बात पर चर्चा शुरू करना है कि आर्थिक उत्पादकता को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए एआई का उपयोग कैसे किया जा सकता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिव नादर यूनिवर्सिटी के एसोसिएट डीन-स्टूडेंट्स डॉo बालामुर्गन बालुसामी थे और मुख्य वक्ता फेडरेशन ऑफ लोकल प्रोडक्टिविटी काउंसिल्स ग्रेटर नॉएडा के निदेशक और प्रमुख डॉ. आर. डी. मिश्रा थे।
कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना और निदेशक डॉ. सपना राकेश का स्वागत भाषण के साथ हुई। उन्होंने कहा इस तरह की चर्चा एआई और नवीकरणीय ऊर्जा के एक साथ काम करने की संभावनाओं को प्रदर्शित करती है। उसके बाद मुख्य वक्ता एवं मुख्य अतिथि ने पत्रिका “जेनेसिस” का उद्घाटन किया। डॉ. आर.डी. मिश्रा ने नवीकरणीय ऊर्जा और इसके महत्व के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने अपने वक्तव्य में इस बात का भी जिक्र किया कि कैसे भारत और अन्य देश कार्बन उत्सर्जन के कारण नवीकरणीय ऊर्जा को अपना रहे हैं।
डॉ. बालमुर्गन बालुसामी ने एआई के बारे में बात की और पूछा कि क्या एआई ने मानव की जगह ले ली है। उन्होंने एआई की कमियों का भी उल्लेख किया और कहा कि जनसंख्या क्षेत्र के कारण अधिकांश डेटा उत्तरी और दक्षिणी एशिया से उत्पन्न होता है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि प्रत्येक प्रबंधन छात्र को डेटा का विश्लेषण सीखना चाहिए।
कार्यक्रम के संकाय समन्वयक डॉ. निधि श्रीवास्तव, डॉ. सुचिता सिंह और डॉ. सुनीता चौधरी थीं। कार्यक्रम के निर्णायक डॉ. अमृता जैन और डॉ. शरत शर्मा थे। प्रतियोगिता में विभिन्न कॉलेजों से कुल 10 टीमें थीं, जिनमें से 4 को पुरस्कृत किया गया।जेआईएमएस से टीम प्रांजलि चौधरी प्रतियोगिता की विजेता रहीं।जीएलबीआईएमआर से खुशबू मिश्रा पहली रनरअप रही। गलगोटिया यूनिवर्सिटी की टीम तरूणा अग्रवाल दूसरी रनरअप रही एनआईईटी की टीम गुड्डु कुमार प्रतियोगिता की तीसरी रनरअप रही।