श्री राम भक्त डॉक्टर राजेंद्र खेड़ेकर ने बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने में कैसे निभाई भूमिका | टेन न्यूज की विशेष रिपोर्ट

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (13 जनवरी 2024): ‘राम की नगरी’ अयोध्या धाम में भव्य एवं दिव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन एवं मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। इस प्रांजल अवसर पर संपूर्ण विश्व राममय हो चुका है। सभी सनातनी भव्य राम मंदिर के निर्माण से आह्लादित हैं। ऐसे में उन रामभक्तों एवं सनातनियों को कैसे भुलाया जा सकता है जिन्होंने राम मंदिर की लड़ाई लड़ने में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। आज की इस कहानी में एक ऐसे ही प्रभु श्री राम के परमभक्त एवं राम मंदिर की लड़ाई के सच्चे सिपाही के विषय में बात करेंगे।

1992 की लड़ाई के सच्चे सिपाही

मूल रूप से महाराष्ट्र के पुणे के निवासी डॉ राजेंद्र खेडेकर, जिन्होंने 1992 की लड़ाई में एक सच्चे रामभक्त और सिपाही की भांति सक्रिय भूमिका निभाई। वो भी कार सेवकों के उस जत्था में शामिल थे जिन्होंने बाबरी मस्जिद पर चढ़कर उसे ध्वस्त किया। खेडकर स्वयं बाबरी मस्ज़िद के ऊपरी गुंबद पर चढ़ गए थे। इतना ही नहीं उन्होंने महंत नृत्य गोपालदास की सेवा में जुट गए और इस पुनीत कार्य के लिए उन्हें प्रामनपत्र भी दिया गया।

टेन न्यूज से खास बातचीत में राजेंद्र खेडेकर ने क्या कहा

टेन न्यूज नेटवर्क से खास बातचीत में डॉ राजेंद्र खेडेकर ने कहा कि “1992 में नासिक के आयुर्वेद विश्वविद्यालय में नामांकन हुआ। जिसके बाद मैंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुआ। वहीं से वर्ष 1992 में नासिक से हम दो लोग अयोध्या चले गए। 30 नवंबर 1992 को हमलोग वहां पहुंच गए। वहां कुल 16 दिन मैं रुका। जिस कार्य की मुझे जिम्मेदारी सौंपी गई मैं वो करता रहा और पूजा पाठ करते रहा।”

अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि “पूरा परिसर स्पष्ट रूप से यह इंगित कर रहा था कि यहां पूर्व में मंदिर था। दिसंबर 1992 में आपसी बैठक में यह तय हुआ था कि कौन -कौन ऊपर जाएंगे। उसमें मेरा नाम था। बताया गया था कि 12 बजे से 4 बजे के बीच में ऊपर चढ़कर ढांचा गिराना है। और संध्याकाल में मूर्ति स्थापित करेंगे।” आगे कहा कि “हमें ऊपर चढ़ने और ऊपर का ढांचा गिराने की अनुमति दी गई थी। सभी लोगों ने ढांचा गिराना शुरू कर दिया। तत्कालीन कल्याण सिंह की सरकार और पूरा प्रशासन हमारे समर्थन में थी। वहां के स्थानीय लोगों ने हमलोगों को प्रसाद ग्रहण कराया।”

“बाद में ये खबर आई कि फैजाबाद में कुछ कार सेवकों को काट दिया गया और यह बात फैलते ही दंगा भड़क गया। फिर हमलोग वापस आ गए। 16-17 दिनों के प्रवास के बाद हमलोग वापस अपने घर आ गए।

भव्य राम मंदिर के निर्माण को लेकर क्या कहा

अयोध्या में भव्य एवं दिव्य राम मंदिर के निर्माण पर डॉ राजेंद्र खेडेकर ने कहा कि ” हमारे पुरखों ने छत्रपति शिवाजी की सेवा की है। मुझे गर्व होता है इस बात का कि विश्व के सबसे जटिल समस्याओं के निदान में एक कार सेवक के रूप में मैनें अपनी अहम भूमिका निभाया। आज उसका स्वर्ण क्षण आया है, भगवान राम वहां विराजित होंगे हम सभी लोग दिवाली के रूप में इस दिन को मनाएंगे।”

प्रधानमंत्री मोदी के योगदान को लेकर उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कार्य किया है दूसरा कोई नेता होता तो शायद ये नहीं कर पाते। वो अपनी बात सुनते हैं और आज इस समस्या का स्थाई समाधान हो गया।

वर्तमान में क्या करते हैं राजेंद्र खेडेकर

डॉ राजेंद्र खेडेकर ईशान आयुर्वेदिक चिकित्सा संस्थान, ग्रेटर नोएडा में बतौर प्रोफेसर कार्यरत हैं और साथ ही महाराष्ट्र के पवित्र श्री मार्तंड देव संस्थान जेजुरी के ट्रस्टी भी हैं।।

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