टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (29 अक्टूबर 2023): गलगोटिया विश्वविद्यालय एवं पर्यावरण और सामाजिक विकास संघ दिल्ली द्वारा संयुक्त रूप से चौथे विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन 2023 का आयोजन किया जा रहा है। इस बाबत शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया गया।
गलगोटिया विश्वविद्यालय के प्रो.वाइस चांसलर अवधेश कुमार ने कहा कि आगे होने वाले इस विशाल अधिवेशन की खास बात ये है कि इसमें सीएसआईआर-एनईईआरआई, डॉ. भीम राव अंबेडकर कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, कोलकाता, एमओईएफ एंड सीसी, भारत सरकार, जीआरसी इंडिया, एमएसएमईसीसीआई के साथ सहयोग और विला कॉलेज मालदीव, त्रिभुवन विश्वविद्यालय, और काठमांडू, नेपाल के साथ विदेशी साझेदारी में 4-6 नवंबर 2023 को (4 और 5 नवंबर को हाइब्रिड मोड द्वारा) और (6 नवंबर को ऑनलाइन मोड द्वारा) गलगोटिया यूनिवर्सिटी, यमुना एक्सप्रेसवे, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश (भारत) के साथ जूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ बांग्लादेश भी शामिल हो रहे हैं।
कार्यक्रम के संयोजक और गलगोटिया विश्वविद्यालय के मार्केटिंग विभाग के डायरेक्टर राज भाटी ने बताया कि इस कार्यक्रम में हमें दुनियाभर से शिक्षाविद, वैज्ञानिक, चिकित्सक, नीति निर्माता, शोधकर्ता, पर्यावरणविद, शिक्षाविद, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, सिविल सोसायटी, औद्योगिक जगत के प्रतिष्ठित व्यक्तियों और छात्रों के बड़ी संख्या में भागीदारी की उम्मीद हैं। भारत की जी-20 की प्रेसिडेंसी वर्ष और आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर गलगोटिया यूनिवर्सिटी और ESDA इंडिया संगठन समिति की प्राधिकृत प्राधिकरण आपके आगमन की कामना करता है।
डॉ. जितेंद्र नागर (उपाध्यक्ष, ईएसडीए इंडिया) ने पत्रकारों के सवालों के जबाव देते कहा कि आज पूरी दुनिया के लिये पर्यावरण एक गंभीर समस्या बन चुकी है। उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण दोनों ही इसके महत्वपूर्ण कारण हैं। पर्यावरण की सुरक्षा के लिये आज पूरी दुनिया को जमीनी स्तर पर बहुत ही ईमानदारी के साथ ठोस कदम उठाने होंगे। इस सम्मेलन में भी पर्यावरण की सुरक्षा के लिये विशेष सत्र रखा गया है। जिसमें व्यापक स्तर पर बातचीत होगी।
गलगोटिया विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डा० के० मल्लिकार्जुन बाबू ने कहा कि वृद्धि, शहरीकरण, और औद्योगीकरण से उत्पन्न वैशिष्ट्य ग्रोथ के परिपरिणाम स्वरूप बढ़ती वातावरण प्रदूषण, और जलवायु परिवर्तन जैसी वैशिष्ट्य ग्रोथ से उत्पन्न होने वाली वैशिष्ट्य समस्याओं को तेजी से समाधान की आवश्यकता है। 2030 के लिए संवर्द्धनशील विकास और पेरिस समझौता ने उद्देश्यों को निर्धारित किया है, लेकिन प्रगति सीमित रह गई है। विश्व पर्यावरण सम्मेलन मिलन 2023 इन समस्याओं का समाधान करने के लिए हिस्सेदारों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है।
गलगोटिया विश्वविद्यालय के डायरेक्टर ऑपरेशन आराधना गलगोटिया ने कहा कि चार महाद्वीपों के प्रतिनिधियों और 22 भारतीय राज्यों से सक्रिय प्रतिभागी जुटे हुए हैं। कुल प्रतिभागी गणना 600 से अधिक हो चुकी है, जिससे यह भारत के पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किए गए एक सबसे बड़े संगठन में से एक बन गया है। इस सम्मेलन ने अपने 20 विविध उपविषयों के साथ वैश्विक महत्व प्राप्त किया है।।