Galgotias University में दो दिवसीय प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय ऑप्टोमेट्री कॉन्फरेंस के आयोजन का हुआ शुभारंभ

आज गलगोटियास विश्वविद्यालय में दो दिवसीय प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय ऑप्टोमेट्री कॉन्फरेंस के आयोजन का शुभारम्भ किया गया। गलगोटियास विश्वविद्यालय ने इस आयोजन के माध्यम से भारत, नेपाल, साऊदी अरब और हॉगकॉग से प्रमुख ऑप्टोमेट्रिस्ट, शोधकर्ता, और नेत्र- ज्योति के विद्वानों को एक साझे मंच पर एकत्र किया था। ताकि वे नेत्र-ज्योति से संबंधित आने वाली चुनौतियों और बीमारियों के निदान पर एक सफल परिचर्चा कर सकें।

प्रसिद्ध विशेषज्ञों ने दृष्टि देखभाल प्रौद्योगिकी में नवीनतम नवाचारों, म्योपिया प्रबंधन में उभरते प्रवृत्तियों और आँखों के स्वास्थ्य पर डिजिटलीकरण के प्रभाव जैसे विभिन्न विषयों पर गहराई से परिचर्चा की। आज के इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि “पद्म-श्री” विपिन बक्शी सर ने कहा कि नेत्र हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण आभूषण हैं। हमें सदैव उनकी सही प्रकार से देखभाल करनी चाहिये। आपके पास दृष्टि है तो जीवन है नहीं तो बिना दृटि के जीवन अँधकारमय और बहुत ही कष्टदायक होता है। प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक विचार-विमर्श किया, जिससे वैश्विक सहयोग और ज्ञान साझा करने की भावना को बढ़ावा मिला। जिससे आम जन मानस को वैज्ञानिक तकनीकों का लाभ पहुँच सके।

गलगोटियास विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. के. मल्लिखर्जुन बाबू ने सम्मेलन की सफलता पर अपनी खुशी व्यक्त की, उन्होंने कहा, “अंतरराष्ट्रीय ऑप्टोमेट्री कॉन्फरेंस ने ऑप्टोमेट्री के क्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए एक प्रेरक के रूप में कार्य किया है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण और मानवतावादी कदम है। आप सभी के उत्कृष्ट ज्ञान और सभी के निःस्वार्थ सहयोग से निःसंदेह ही ग़रीबी से गरीब व्यक्ति को भी लाभ मिलेगा। इस नेक कार्य की जितनी प्रसंशा की जाये उतनी ही कम है।

विद्यार्थियों को अलग अलग वर्कशॉपों के माध्यम से विजिन थैरॉपी, कॉंट्रेक्ट लैंस, लो विज़िन, ऑक्यूलर प्रोस्थिटिक्स के बारे में जानकारी दी गयी। ये वर्कशॉप दो दिन तक चलेंगे जिससे अनेक विद्यार्थियों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।

गलगोटियास विश्वविद्यालय के सीईओ डा० ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि वर्कशॉप, पैनल चर्चाएं, और इंटरैक्टिव सत्रों के रोचक मिश्रण के साथ, गलगोटियास विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय ऑप्टोमेट्री कॉन्फरेंस ने एक अमिट छाप छोड़ी है। जिससे यूनिवर्सिटी ने आँखों की सेवा के क्षेत्र में शोध और शिक्षा को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को मजबूती से साबित किया है।

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