ग्रेनो के नॉलेज पार्क स्थित शारदा यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च में इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि डॉ रिकार्डो लियोन बोरकेज वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ मेडिकल एजूकेशन के प्रेसिडेंट, आस्ट्रेलिया के डॉ रसेल फ्रेंको डी सूजा, दत्ता मेघे मेडिकल कॉलेज नागपुर के प्रो चांसलर डॉ वेद प्रकाश मिश्रा, शारदा यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर वाईके गुप्ता, वाइस चांसलर डॉ सिबाराम खारा, हॉस्पिटल के एमएस एके गडपायले ने दीप जलाकर किया। इस दौरान मेडिकल पढ़ाई कर रहे पोस्ट ग्रेजुएट और अंडर ग्रेजुएट स्टूडेंट्स मेडिकल एथिक्स की जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ मेडिकल एजूकेशन के नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ रिकार्डो लियोन बोरकेज ने मेडिकल पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स और वहां बैठे डॉक्टर्स को उनके नैतिक मूल्यों के बारे में जानकारी दी।एक डॉक्टर का प्रमुख उद्देश्य मानवता की सेवा होना चाहिए। उसे धन या पुरस्कार की चाह को गौण रखते हुए चरित्र को ऊंचा रखना चाहिए। किसी भी चिकित्सक को कानून में प्रतिबंधित कार्यों को करने से बचना चाहिये, जैसे- जन्म पूर्व भ्रूण लिंग परीक्षण आदि। चिकित्सक को अपने व्यवसाय के उद्देश्य और मानवता की सेवा के लिए हर उस रोगी का इलाज करने की चेष्टा करनी चाहिए, जिससे रोग का इलाज करने में वह सक्षम हो। साथ ही चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता के बारे में बताया और डब्ल्यूएफएमई मेडिकल के पाठ्यक्रम क्या कर रही है उसके बारे में जानकारी दी।
शारदा यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर वाईके गुप्ता ने डब्ल्यूएफएमई के अध्यक्ष बनने पर डॉ रिकार्डो लियोन बोरकेज का बधाई दी। उन्होंने कहा कि हम कुछ ही सालों में देश के प्रमुख मेडिकल कॉलेज में शामिल होने का प्रयास कर है। इसके हमें डब्ल्यूएफएमई की सहयोग की जरूरत है। हमारी फैकल्टी देश के प्रमुख मेडिकल कॉलेज के साथ कार्य कर रही है। हमने विभिन्न देशों के मेडिकल कॉलेज के साथ एमओयू साइन किया है। जिससे हमारे स्टूडेंट्स और फैकल्टी को अच्छी जानकारी और शिक्षा मिल सके।