ग्रेटर नोएडा में दोहरे हत्याकांड का हुआ बड़ा खुलासा, कारण जानकर चौंक जाएंगे आप!

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टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (10/09/2023): ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के गांव बब्लू खेड़ा में बीते 7 सितंबर को दोहरे हत्याकांड (चाचा-भतीजे हत्याकांड ) को अंजाम दिया गया था। वहीं आज रविवार, 10 सितंबर को थाना दनकौर पुलिस ने नृशंस दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाले आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया है।

एडिशनल डीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि बीते 7 सितंबर को वादी द्वारा थाना दनकौर पर अपने पिता रामकुमार की अज्ञात आरोपी द्वारा फावड़े से हमला कर नृशंस हत्या व अपने पारिवारिक चचेरे भाई वीर विक्रमाजीत राव के गंभीर रूप से घायल किये जाने के सम्बन्ध में मुकदमा दर्ज कराया था। इलाज के दौरान गंभीर रूप से घायल वीर विक्रमाजीत राव की भी अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी। पुलिस अधिकारियों द्वारा इस दोहरे हत्याकाण्ड के शीघ्र अनावरण हेतु पुलिस टीमो का गठन किया गया था।

आगे एडिशनल डीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि दोहरे हत्याकाण्ड के अनावरण के लिए गठित टीमो द्वारा निरन्तर अथक प्रयास करते हुए इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस, मैनुअल इंटेलिजेंस व तकनीकी साक्ष्यों की मदद से सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न लोगो से पूछताछ व मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर मृतक वीर विक्रमाजीत राव के बड़े पुत्र जैसमीन उम्र करीब 21 वर्ष को गिरफ्तार कर घटना का सफल अनावरण किया। अभियुक्त जैसमीन द्वारा उक्त दोहरे हत्याकाण्ड किया जाना कबूल किया गया है। अभियुक्त की निशादेही पर घटना के समय इसके द्वारा पहने हुए खून लगे हुये कपड़े जिनको इसने धो दिया था, को बरामद किया गया है। घटना में प्रयुक्त आलाकत्ल घटना स्थल से ही पूर्व में बरामद हो चुका है।

बटवारे को लेकर हुआ था बाप-बेटे में विवाद

आरोपी जैसमीन द्वारा दोहरे हत्याकाण्ड को अकेले अंजाम दिये जाने का इकबाल करते हुए बताया गया कि वह एवं उसका परिवार अपने पिता वीर विक्रमाजीत राव नोएडा में एक साथ रहता था। जहाँ पर उसके पिता वीर विक्रमाजीत राव द्वारा उसकी मां को प्रताड़ित व परेशान किया जा रहा था जिसके पश्चात उसकी माँ बच्चो को लेकर गाँव आ गयी थी। उसके दादा-दादी द्वारा गाँव में रहने के लिये मकान दे दिया गया था। आरोपी जैसमीन अपनी माता व बहन के साथ गाँव में रहने लगा था तथा मृतक वीर विक्रमाजीत राव परिवार से अलग नोएडा में रहता था दोनो पति-पत्नी के मध्य आपसी विवाद के कारण तलाक की प्रक्रिया चल रही थी। मृतक वीर विक्रमाजीत राव कहानियां भी लिखते थे और अभी डेढ़-दो महीने से उन कहानियों पर शार्ट फिल्म बनाने के लिये गाँव में पड़े अपने पैतृक घेर में एक छोटे फिल्म स्टूडियो का निर्माण करा रहे थे जिसके निर्माण के लिये वीर विक्रमाजीत राव के द्वारा टप्पल, अलीगढ़ स्थित अपनी जमीन बेची गयी थी और जमीन से प्राप्त पैसे को स्टूडियों बनाने में एंव पैसे को घर में प्रयोग ना करके इधर उधर खर्च कर रहा था। रक्षाबंधन के दिन बटवारे और इन सभी बातों को लेकर मृतक वीर विक्रमाजीत राव का आरोपी जैसमीन व अपनी पत्नी के साथ विवाद हुआ था जिसके बाद से ही अपने पिता के प्रति नफरत व घृणा से भरे आरोपी जैसमीन द्वारा वीर विक्रमाजीत राव को मारने की ठान ली थी।।

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