लीगल एण्ड क्लिनिक, स्कूल ऑफ लॉ, गलगोटियास यूनिवर्सिटी ने जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, गौतमबुद्ध नगर के सहयोग से जिला गौत्तम बुद्ध नगर के ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव ऋचा उपाध्याय जी के संरक्षण में “राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का आयोजन किया गया। इसके अंतर्गत जिला गौतम बुद्ध नगर के “जिला कारागार” में महिला कैदियों और उनके बच्चों के साथ एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जो जेल के परिसर में ही किया गया।
गलगोटियास विश्वविद्यालय के लॉ स्कूल और नर्सिंग स्कूल के छात्रों ने, और उनके संबंधित डीन डॉ. नमिता सिंह मलिक और डॉ. एस.पी. सुबाशिनी के साथ, गलगोटियास विश्वविद्यालय के शिक्षक भी विद्यार्थियों के साथ इस कार्यक्रम में “ज़िला कारागार” में पहुँचे। यह कार्यक्रम मुख्य अतिथि रिचा उपाध्याय, एडीजे (एफ०टी०सी०) और सचिव डीएलएसए, गौतम बुद्ध नगर के संरक्षण में किया गया।
इस कार्यक्रम की शुरुआत आदरणीय ऋचा उपाध्याय ने एक तेज आइस ब्रेकिंग सत्र के साथ की, उन्होंने सभी महिला क़ैदियों से उनकी परेशानियों के बारे में बात की। और उनके निराकरण के लिये तुरंत प्रभाव से जरूरी कदम भी उठाये। उन्होंने आगे कहा कि आप को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी है तो आप मुझे अवश्य बताएँ। उन्होंने आगे कहा कि हम आपके दुख को अच्छी प्रकार से समझते हैं कि ये आपके जीवन का एक बहुत ही कष्ट दायक पहलू है। परन्तु फिर भी आप यहाँ पर अनुशासन में और शांति बनाकर आपस में प्रेम से रहें।
उन्होंने कैदियों को ज़िला कारागार में आयोजित होने वाले अतिरिक्त पाठ्यक्रियाओं में भाग लेने की सलाह भी दी, जैसे कि सिलाई, पार्लरिंग आदि।
इसके बाद, डॉ. नमिता मलिक ने गलगोटियास विश्वविद्यालय का परिचय कराते हुए बताया कि संस्थान बच्चों को पुस्तकों से बाहर जाकर अधिग्रहण करने वाले व्यावासिक कौशल सिखाने का उद्देश्य रखता है।
गलगोटियास विश्वविद्यालय के नर्सिंग के छात्रों और शिक्षकों ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए डॉ. सोनिया सिंह ने महिला कैदियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए कुछ छोटी छोटी गतिविधियों आयोजित की।
नर्सिंग के छात्रों ने आगे बढ़कर स्वस्थ खाने की आदतों और बुरी खाने की आदतों को पोस्टरों के माध्यम से प्रस्तुत किया।
विद्यार्थियों ने व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में जागरूक किया गया, सुबह की पहली किरणों से विटामिन डी प्राप्त करने के लिए, आवश्यक मात्रा में स्वस्थ भोजन और पानी पीने के बारे में, स्वस्थ खाने के बाद उनके शिशुओं को स्वस्थ आहार प्रदान करने के बारे में सिखाया गया।
उन्हें अच्छी नींद पाने की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी गई और यह बताया गया कि पौष्टिक आहार खाने से अच्छी नींद आती है और अंत में यह बेहतर शारीरिक स्वास्थ्य का परिणाम देता है।
इस सभी सूचना के बाद, मिस्टर थान सिंह ने महिला कैदियों को उनके भोजन से पहले और उसके बाद बेहतर संख्या और अच्छी शारीरिक मेटाबॉलिज्म के लिए किस प्रकार की योग आसनों का पालन करने की जानकारी दी। उन्होंने उन्हें कुछ आसनों को सिखाया और ध्यान के सकारात्मक प्रभावों के बारे में भी जागरूक किया।
कार्यक्रम के अंत में, गलगोटियास विश्वविद्यालय के छात्रों ने महिला कैदियों और बच्चों को फल, पेय पदार्थ, बिस्किट्स और अन्य “पौष्टिक आहार” के पैकेटें भी वितरित की गईं। महिला कैदियों को नीन द्वारा स्पॉन्सर किए गए सैनेटरी नैपकिन भी प्रदान किए गए। और जीवन में स्वच्छता के महत्व पर भी विस्तार से परिचर्चा की गयी।
इस कार्यक्रम का समापन में क़ैदियों की ज़ोरदार प्रतिभाओं को भी देखने का मौका मिला। मूर्तिकार क़ैदियों की मूर्तियाँ अपने आप में बहुत ही अद्भुत थी। संगीत के एक रंगारंग कार्यक्रम क़ैदियों ने जन्माष्टमी के पावन पर्व पर भगवान के जन्मोत्सव के अद्भुत भजन सुनाये। दर्शकों ने बहुत सराहना की और उनके भजनों को सुनकर मन भावुक हो गया और आँखों में आँसू भी बहने लगे।