गलगोटिया विश्वविद्यालय में “इलैक्ट्रिक व्हीकल” टेक्नोलॉजी पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का हुआ समापन

गलगोटियास विश्वविद्यालय के मैकेनिकल विभाग द्वारा आयोजित और आईएसआई ई इन्डिया प्रा० लि० कम्पनी के द्वारा प्रायोजित इस पाँच दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य(ई०वी०) “इलैक्ट्रिक व्हीकल” टेक्नोलॉजी को बढावा देना था।
यहाँ पर हम आपको बताना चाहते हैं कि भारत सरकार भी और राज्य सरकारें भी “इलैक्ट्रिक व्हीकल्स” की योजना को बढावा दे रही हैं। और लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए निःशुल्क रजिस्ट्रेशन का भी प्रावधान रखा है।

इलैक्ट्रिक व्हीकल्स के उज्ज्वल भविष्य का महत्व महत्व बताते हुए विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के मल्लिकार्जुन बाबू ने कहा कि इलैक्ट्रिक व्हीकल्स के दो सबसे बडे लाभ होंगे, पहला पर्यावरण की सुरक्षा बढेगी और दूसरा ग्राहक को इन व्हीकल्स से कम क़ीमत पर अच्छी एवरेज मिलेगी। सुरक्षा की दृष्टि से भी इलैक्ट्रिक व्हीकल्स को अच्छा माना जा रहा है।

पिछले पाँच दिनों में इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में पहुँचे आईआईटी दिल्ली से प्रो० दिवाकर रक्षित ने इलैक्ट्रिक व्हीकल्स में उपयोग होने वाली बैटरी के उच्च कोटि के उत्पादन और अनेक महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया से अभिषेक कुमार ने इलैक्ट्रिक-वाहन के इंजन बियरिंग की सामग्री और इसके सीलने के माध्यमों पर चर्चा की। आईएसआईई के वरिष्ठ इलैक्ट्रिक वाहन प्रशिक्षक श्री कुमार ने इलैक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकी में एक महान दृष्टि कोण प्रदान किया। डॉ. बी.एस. रमेशा, जो एल्टेयर टेक्नोलॉजीज में शैक्षिक पहलों का नेतृत्व कर रहे हैं, ने बताया कि विद्युतीय वाहन बनाने के भंडारण को कैसे महत्वपूर्ण रूप से अनुकूलित किया जा सकता है।प्रो० डॉ.) संदीप कुमार साहा, आईआईटी मुंबई, ने विद्युतीय वाहन के लिए एक बैटरी थर्मल प्रबंधन प्रणाली की आवश्यकता पर चर्चा की। उन्होंने बैटरी पैक के भीतर गरमाहट समस्याओं को दूर करने के विभिन्न उपायों की व्याख्या की। अतुल गौर, वाइस-प्रेसिडेंट, पिकपर्ट , ने विशेष रूप से सामान्य वाहनों से इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए संक्रमण चरण की व्याख्या की।

गलगोटियास विश्वविद्यालय के चॉसलर सुनील गलगोटिया ने कहा कि आगे आने वाला समय इलैक्ट्रिक वाहनों (ई०वी०) का ही होगा। तेल आयात पर निर्भरता कम करके ऊर्जा विविधता लाने में इलैक्ट्रिक व्हीकल्स की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। शहरों में बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए इलैक्ट्रिक वाहनों की माँग भी तेजी से बढ रही है।

विश्वविद्यालय के सीईओ ध्रुव गलगोटिया ने कार्यक्रम की सफलता पर गलगोटिया विश्वविद्यालय के मैकेनिकल विभाग को अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित की और कहा कि भविष्य में तकनीकी प्रगति और रोज़गार सृजन में भी इलैक्ट्रिक व्हीकल्स की एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

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