जीआई फेयर इंडिया में जीआई हस्तशिल्प और कृषि उत्पादों ने बड़ी संख्या में भीड़ का खींचा ध्यान

ग्रेटर नोएडा/ दिल्ली एनसीआर – 22 जुलाई 2023 – जीआई फेयर इंडिया अपने दूसरे संस्करण में 20 से 24 जुलाई 2023 तक इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे में आयोजित किया जा रहा है। यह आयोजन न केवल भारत और विदेशों से व्यापारिक ग्राहकों और आगंतुकों को आकर्षित कर रहा है, बल्कि गुड़गांव और फ़रीदाबाद सहित दिल्ली एनसीआर के स्थानीय उपभोक्ता भी उत्साह के साथ इसमें हिस्सा ले रहे हैं।

आगंतुकों में कई गणमान्य अतिथि भी शामिल हुए। महाराष्ट्र के हिंगोली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के सांसद माननीय हेमन्त पाटिल; किसान नेता एवं राष्ट्रीय कृषि मूल्य आयोग के अध्यक्ष पूर्व विधायक पाशा पटेल और डॉ. रजनी कांत, पदमश्री सम्मान, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर / जनरल सेक्रेटरी, ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन, वाराणसी; ने भी मेले का दौरा किया। अन्य गणमान्य व्यक्तियों में भारत सरकार के प्रतिनिधि और विशिष्ट अतिथियों में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय में संयुक्त सचि राजीव सक्सेना; भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में निदेशक – डीपीआईआईटी, रजत कुमार सैनी; भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय में हस्तशिल्प विकास आयुक्त कार्यालय के वरिष्ठ निदेशक सोहन कुमार झा;राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम में अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक एवं आईआरएस अधिकारी डॉ. आभा रानी सिंह; एवं इसी निगम के उपनिदेशक अनिल कुमार ने आयोजन में प्रमुख से शिरकत की।

जीआई फेयर इंडिया का यह आयोजन भारत के सबसे उत्कृष्ट, सबसे कीमती और कुछ दुर्लभ उत्पादों का एक भव्य प्रदर्शन कर रहा है। हस्तशिल्प, कृषि उपज, मसालों, चाय और मसालों के उत्पादों के साथ यह उच्च-स्तरीय और प्रीमियम कॉर्पोरेट उपहारों की सोर्सिंग के लिए सबसे बेहतरीन मुकाम साबित हो रहा है। सजावट और उपहारों के विकल्प के तौर पर इस आयोजन में लकड़ी के शिल्प, कांच के बर्तन, पत्थर के शिल्प से लेकर पिपली, हाथ से चित्रित कलाकृतियाँ,वस्तुओं मसाले, चाय और धूप में सुखाई गई कृषि उपज तक के उत्पादों की एक पूरी श्रृंखला मौजूद है। संग्रहणीय उपहारों की पैकेजिंग में से बहुत से उपहारों को उपभोक्ता की जरुरतों के हिसाब से अनुकूलित भी किया जा सकता है। मिठाइयों,पेय पदार्थों, फलों और पान के कुछ प्रदर्शक अपने उत्पादों का स्वाद चखने की पेशकश कर रहे हैं और इन प्रदर्शकों के यहां बड़ी संख्या में भीड़ देखी जा सकती है।

बनारसी ब्रोकेड, असम के समृद्ध मुगा सिल्क, जीवंत जामनगरी बंधनी, गुजरात के पाटन पटोला, आंध्र के पोचमपल्ली इकत, बंगाल के बालूचरी और विभिन्न राज्यों के विभिन्न प्रकार के रेशम जैसे पट्टस (मुख्य रूप से शादियों के लिए), लखनऊ के चिकन शिल्प, मध्य प्रदेश के बाग प्रिंट, पंजाब की फुलकारी, कश्मीर की सोजानी कढ़ाई के साथ त्योहारी साड़ियों और पोशाक सामग्री को भी बड़ी संख्या में खरीदार मिल रहे हैं। बिहार की मधुबनी पेंटिंग, आंध्र प्रदेश की श्रीकालहस्ती कलमकारी, पश्चिम बंगाल की नक्शी कांथा, राजस्थानी कठपुतली, उत्तर प्रदेश की संभल सींग शिल्प आदि जैसे जीआई टैग वाले शिल्पों का लाइव प्रदर्शन भी आगंतुकों का ध्यान आकर्षित कर रहा है।

दुनिया वर्तमान वर्ष को ‘2023 – बाजरा वर्ष (द इयर ऑफ द मिलेट)’ के तौर पर मना रही है, इसी उपयुक्त अवसर पर जीआई फेयर इंडिया भी अन्न थाली के माध्यम से इस जादुई भोजन को विभिन्न रूपों में पेश करता है। ऐसे में हर आगंतुक बाजरे के व्यंजनों का स्वाद ले सकता है, उन्हें बनते हुए देख सकता है और घर पर खाना पकाने के लिए अन्न और अन्न कच्चा माल घर पर भी ले जा सकता है।

‘निर्यात व्यवसाय का परिचय: मूल बातें, अवसर और चुनौतियाँ’ और ‘निर्यात लक्ष्य बाजारों के लिए पैकेजिंग सुविधा को अनलॉक करके उपयोगकर्ता अनुभव और पहुंच को बढ़ाने” पर सेमिनार आयोजित किया गया और इसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। डोमेन विशेषज्ञों ने निर्यात व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं और दस्तावेज़ीकरण, ऑनलाइन और ऑफलाइन मार्केटिंग रणनीतियाँ; ब्रांडिंग रणनीतियाँ कैसे विकसित करें; कारीगरों और उद्यमियों के लिए आईएमएल के इ नर्चर कार्यक्रम के लाभ के साथ-साथ ब्रांडिंग, बबल रैप के विकल्प, स्थिरता, नए बाजार की पहचान आदि पर विस्तार से चर्चा की।

जीआई फेयर इंडिया 2023 सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है और इसमें प्रवेश निःशुल्क है।

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर.के. वर्मा ने बताया हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद देश से हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ावा देने और देश के विभिन्न शिल्प समूहों में घर, जीवन शैली, वस्त्र, फर्नीचर और फैशन आभूषण और सहायक उपकरण उत्पादों के उत्पादन में लगे लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के प्रतिभाशाली हाथों की जादू की ब्रांड छवि बनाने के लिए एक नोडल संस्थान है I

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