भारत के किसान धरती को मां कहते है और धरती पर उगने वाली फसल को वह अपने बच्चे के जैसे पालन-पोषण और निगरानी करते हैं। लेकिन जब किसानों की कड़ी मेहनत से तैयार हो गई फसल प्राकृतिक आपदा बाढ़ से नष्ट हो जाती है तो आप अनुमान लगा सकते हैं कि उस किसान की आंखों में आसूंओं के सिवाए कुछ और नज़र नहीं आता है। बता दें पिछले कुछ दिनों लगातार बारिश होने और यमुना का जल स्तर अचानक गौतम बुद्ध नगर जिले में कई जगह बाढ़ की स्थिति बनी हुई है।
जेवर विधानसभा क्षेत्र के लगभग 8 से 10 गांवों की फसलें पूरी तरह से बाढ़ में डूब चुकी है और करीब 8 गांवों में कुछ-कुछ जगह पर फसले डूबी चुकी है।
गौतम बुद्धनगर के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा जेवर विधानसभा क्षेत्र के बाढ से प्रभावित गांवों जेवर बांगर, जेवर खादर, गोविंदगढ़, कानीगढी़, पूरननगर, झुप्पा, चैरोली आदि गांवों का दौरा कर क्षेत्रवासियों से मुलाकात की और बाढ़ पीड़ितों किसानों को सरकार द्वारा हर संभव मदद के साथ मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया।
किसानों कड़ी धूप, तेज बारिश होने के साथ कड़ी मेहनत करते हुए अपनी फसल को बोता है और फ़सल कटने तक
फसल को अपने कलेजे से लगाकर बच्चें की तरफ रखता है। किसान के आस उसकी आय और जीवन व्यापन करने का एक मात्र साधन उसकी फसल से आया हुआ धन होता है। किसान ऐसी आश में फसल को बुनोने के लिए खरीदें गए बीज और खाद में अपनी जमा पूंजी भी निवेश कर देता है ताकि उसकी फसल को किसी चीज की कमी ना हो और फसल जब आए तो उससे अच्छा मुनाफा कमा सके। लेकिन जब किसान की फसल में उसकी कड़ी मेहनत और जमा पूंजी लगने के बाद उसकी फसल बाढ से नष्ट हो जाती है तो भगवान और सरकार की ओर मदद के लिए देखता है।
आज सांसद डॉ महेश शर्मा ने कड़ी मेहनत से लोगों को अन्न देने वाले अन्नदाता किसानों और महिला किसानों के साथ चूल्हे की रोटी खाकर बाढ पीड़ित किसानों को अपनापन का परिचय दिखाया ।
सरकार की ओर से हर संभव मदद दिखाने का भी आश्वासन दिया। सांसद डॉ महेश ने चूल्हे के पास महिलाओं के साथ बैठकर कहा कि मैं भी किसान का बेटा हूं मुझे पता है जब किसी किसान की फसल नष्ट हो जाती है तो इसके दिल पर क्या गुजरती है मै सब का दर्द समझ सकता हूँ ।
जेवर विधानसभा क्षेत्र के बाढ़ पीड़ित किसानों और महिला किसानों ने कहा कि प्राकृतिक आपदा बाढ़ से अपनी फसलें नष्ट जरूर हुई। लेकिन सांसद डॉ महेश शर्मा ने सरकार से मदद दिलाने के आश्वासन के बाद सभी के टूटें मन में उम्मीद का दीया रोशन हुआ है।
“हम पूरी उम्मीद है कि सांसद डॉ महेश शर्मा हमारे इस बुरे समय में हमारा साथ नहीं छोड़ेंगे। आज सांसद डॉ महेश शर्मा ने अपनी हाथ चूल्हे की रोटी खाकर हमारे विश्वास को ओर अटूट किया है कि डॉ महेश शर्मा जैसा जनप्रतिनिधि होना वह जेवर वासियों के लिए सौभाग्य की बात है।”