नेशनल डॉक्टर्स डे पर शारदा अस्पताल के अधीक्षक डॉ.ए.के. गडपायले ने साझा किया स्वस्थ रहने का मूल मंत्र

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (05 जुलाई 2023): भारत में चिकित्सकों को ईश्वर का दर्जा दिया जाता है। चिकित्सकों को भगवान का दूसरा रूप माना गया है। चिकित्सक एक अस्वस्थ व्यक्ति को स्वस्थ बनाते हैं और रोगी के मन में भी जीने की ललक और जिजीविषा पैदा कर देते हैं। चिकित्सक मायूस चेहरे पर मुस्कान बिखेरने का हरसंभव प्रयास करते हैं। वैसे तो हमें सदैव चिकित्सकों का सम्मान करना चाहिए, लेकिन साल में एक दिन ऐसा आता है जब हम चिकित्सकों का विशेष सम्मान करते हैं, और वो दिन है ‘नेशनल डॉक्टर्स डे’ का दिन।

नेशनल डॉक्टर्स डे के अवसर पर टेन न्यूज की टीम ने ऐसे ही एक खास चिकित्सक से बात की, जिन्होंने लाखों लोगों को एक नया जीवन देकर उनके चेहरे पर मुस्कान बिखेरने का काम किया है। वो खास चिकित्सक हैं जानें-मानें और वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. आदेश किसनजी गडपायले।

डॉ.ए.के. गडपायले वर्तमान में शारदा अस्पताल ग्रेटर नोएडा में निदेशक चिकित्सा अधीक्षक और प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। पूर्व में डाॅ गडपायले केंद्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग में भी अपनी सेवा दे चुके हैं। टेन न्यूज से बात करते हुए डॉ. आदेश किसनजी गडपायले ने बताया कि डॉक्टर्स का कोई एक दिन नहीं होता, भारत में डॉ बिपिन चंद्र राय के जन्मदिवस पर डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। ये वेस्ट बंगाल के दूसरे मुख्य मंत्री थे। उन्होंने गरीब जनता, स्त्रियों, रोगियों के लिए बहुत काम किया। जब दूसरा विश्व युद्ध चल रहा था तो मेडिकल एजुकेशन बाधित ना हो इसीलिए उन्होंने सेपरेट शेड बनाकर डॉक्टर लोगों के लिए एजुकेशन शुरू किया। इसीलिए उन्हें भारत रत्न भी दिया गया है।

आगे उन्होंने कहा कि अभी जो परिस्थिति चल रही है, उसमें बहुत लोगों को बीमारियां हो रही है, स्ट्रेस बढ़ रहा है, डायबिटीज है। इन सभी बीमारियों से बचाव के लिए अपनी जीवन शैली में बदलाव लाना चाहिए। जैसे की मॉर्निंग वॉक करेंगे, संतुलित आहार लेंगे, एक्सरसाइज करेंगे, खुश रहेंगे ताकि अपना मस्तिष्क फ्री रहे। साथ ही धूम्रपान, अल्कोहल इन सब से दूर रहें। और जब भी आपको कोई बीमारी का लक्षण दिखे तो आप डॉक्टर से जरूर मिले और अपना इलाज करवाए।

रक्त दान और अंग दान के बारे में उन्होंने बताया कि लोगों को इसके बारे में ज्ञान नहीं है, शिक्षा का अभाव है। अगर खून की बात करे तो अगर 300 ml खून बॉडी से निकला तो खून बनने की प्रक्रिया बंद नहीं होती। इससे आपको बीमारियों का भी पता लगेगा और दूसरे का जीवन भी बचेगा। अगर अंग दान की बात की जाए तो वो आप मरणोपरांत कर सकते है। वर्तमान सरकार (बीजेपी) द्वारा स्वास्थ विभाग में डाॅक्टर्स की सीटों की संख्या बढाने पर बात करते हुए डॉ. आदेश किसनजी गडपायले ने कहा कि WHO के मुताबिक 1000 जनसंख्या के लिए 1 डॉक्टर होना चाहिए। जब की भारत की बात की जाए तो लगभग 5000 लोगों पर 1 डॉक्टर है। तो इसी वजह से भारत सरकार ने नई नीति अपनाई है। उन्होंने हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना बनाई है और जितने भी होमियोपैथी या आयुर्वेद के डॉक्टर हैं उन्हे भी मुख्य धारा में शामिल करना है। साथ ही नर्सिंग मेडिकल कॉलेज भी खोले जायेंगे।

स्वस्थ भारत के सपने को पूरा करने में शारदा अस्पताल के योगदान पर बातचीत करते हुए डॉ गडपायले ने कहा कि एक भारत स्वस्थ भारत एक भारत स्वच्छ भारत का जो स्लोगन है वो बिलकुल सही है, और जबतक ये भावना नहीं आती अपने मन में तो कुछ नहीं हो सकता। सरकार अकेली कुछ नहीं कर सकती। सरकार की योजना सफल करने के लिए सरकारी तंत्र, कम्युनिटी और पॉसिबिलिटी ये तीन चीजों की जरूरत होती है। अगर एक भी फेल होती है तो कोई प्रोग्राम सफल नहीं होता। शारदा अस्पताल स्वस्थ भारत के सपने को साकार करने में विभिन्न कार्यक्रम के द्वारा सहयोग कर रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गौतम बुद्धनगर में दी जाने वाली मेडिकल सेवाओं के बारे में बात करते हुए डाॅ गडपायले ने बताया कि जहां तक गौतम बुद्ध नगर जिले की बात है, यहां पर अभी काफी अच्छी सेवाएं चल रही है। तीन, चार मेडिकल कॉलेज यहां चल रहे हैं। 20% सेवाएं सरकारी संस्थान देती है और 80% सेवाएं प्राइवेट संस्थान देती है। तो सरकार द्वारा भी काफी अच्छी सेवाएं मुहैया कराई जा रही है।

कोविड जैसी महामारी पर बातचीत करते हुए डॉ. गडपायले ने कहा कि कोविड एक ऐसी महामारी आ गई है, जिसके बाद काफी बड़े स्तर पर जांच चल रही है। अमेरिका में ये देखा गया है कि जिन्हे भी कोविड हुआ उन्हें हार्ट अटैक आ जाता है। उनकी किडनी खराब हो गई, किसी की लंग्स खराब हो गई। इस पर अभी स्टडी चल रही है। टेन न्यूज नेटवर्क के साथ डॉ. आदेश किसनजी गडपायले ने अपनी मेडिकल शिक्षा और सेवा के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि मैं 1973 में मेडिकल कॉलेज में आया था और 1977 में मेरा MBBS पूरा हो गया फिर मैंने MD किया। उसके बाद मैं केंद्रीय स्वास्थ्य सेवाओं में काम कर रहा था , फिर राम मनोहर लोहिया में काम किया उसके बाद मैं डायरेक्ट बना फिर डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विस गवर्मेंट आफ इंडिया बना। अब रिटायरमेंट के बाद मैं शारदा अस्पताल में प्रोफेसर ऑफ मेडिसिन हूं।

डॉ. आदेश किसनजी गडपायले ने इस बार डॉक्टर्स डे कैसे मनाया, बातचीत करते हुए कहा कि किसी कारणवश हमने 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे नहीं मनाकर 3 जुलाई को मनाया, और उसका विषय था संवाद। कई बार देखा गया है की डाक्टर अपने मरीज के साथ संवाद नहीं कर पाते है। इससे विश्वास बढ़ेगा और इस विचार के माध्यम से संवाद के माध्यम से लोगों से जुड़ने की कोशिश की। इस वर्कशॉप में डॉ इंदु अतेजा आई थी जो इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ केयर में कम्युनिकेशन विभाग की फाउंडर प्रेसिडेंट है। उनके मार्गदर्शन में हमने ये प्रयोगशाला रखी थी। आने वाले दिनों में इसका परिणाम अच्छा होगा। अंत में डॉक्टर गडपायले ने सभी लोगों को स्वस्थ रहने के कई उपाय बताए। साथ ही जीवनशैली में कैसे बदलावा लाया जाए और कैसे बीमारियों से बचा जाए। एक चिकित्सक और मरीज के बीच संवाद कितना महत्वपूर्ण है इस बारे में भी बताया।

टेन न्यूज नेटवर्क ये आशा करता है कि डॉ आदेश किसनजी गडपायले द्वारा दिए गए स्वस्थ रहने के मूल मंत्र आपके लिए लाभदायक साबित होगा। जिसको आप अपने जीवन में उपयोग कर स्वस्थ और निरोगी रह सकेंगे। अगर आप भी वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ आदेश किसनजी गडपायले से स्वास्थ्य संबंधी प्रश्न पूछना चाहते हैं तो आप अपने प्रश्न कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं, और आपको उसका जबाब भी अवश्य मिलेगा।।

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