GL Bajaj में “जेंडर संवेदनशीलता” विषय पर एक दिवसीय विशेषज्ञ वार्ता सत्र का हुआ आयोजन

ग्रेटर नॉएडा स्थित जीएल बजाज इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेनेजमेंट एंड रिसर्च के महिला प्रकोष्ठ ने पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (BPR&D) गृह मंत्रालय के सहयोग से ” जेंडर संवेदनशीलता” विषय पर एक दिवसीय विशेषज्ञ वार्ता सत्र का आयोजन किया। कार्यक्रम में पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो की पुलिस उपाधीक्षक शीला चौधरी मुख्य अथिति रहीं। जीएलबीआईएमआर की निदेशक डॉ० सपना राकेश ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए अपने प्रेरक संबोधन में आज के युवाओं के लिए ऐसे संवेदनशील सत्रों के महत्व पर प्रकाश डाला। मानव तस्करी और महिला अपराध विशेषज्ञ डीएसपी महोदया ने सत्र की शुरुआत करते हुए बताया कि कैसे जेंडर से संबंधित मुद्दों और चुनौतियों को सम्भाला जा सकता है। उन्होंने किसी भी जेंडर के खिलाफ अपराध को रोकने के लिए सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों का भी उल्लेख किया और इस बात पर भी जोर दिया कि लैंगिक समानता न केवल मानव का एक मौलिक अधिकार है बल्कि एक शांतिपूर्ण और समृद्ध दुनिया बनाने के लिए एक आवश्यक आधार भी है। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि लैंगिक भेदभाव परिवार के अंदर से शुरू होता है और समाज में फैलता है। अब छात्रों को अधिक जागरूक होने और अपराध को कम करने के लिए अपने संबंधित अधिकारों के बारे में ज्ञान होना चाहिए। उन्होंने छात्राओं से कहा कि “नारी अबला नहीं है नारी शक्ति का स्वरूप है” सावित्रीबाई फुले, सरोजनी नायडू, इंदिरा गांधी और किरण बेदी जैसी महान महिलाओं ने इस बात को साबित करते हुए महिला रोजगार का रोल मॉडल तैयार किया हैं। अंत में उन्होंने धारा 377 संशोधन और लैंगिक समानता पर छात्रों के द्वारा पूछे गए सवालों के बड़ी उत्सुकता से जवाब दिए। इस दौरान विभाग के छात्रों के साथ-साथ सभी अध्यापक गण भी मौजूद रहे

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