विशेष ओलंपिक विश्व ग्रीष्मकालीन खेलों में भारतीय खिलाड़ी दिखाएंगे अपना दमखम | खिलाड़ी की तैयारियों पर क्या बोली डॉ मल्लिका नड्डा

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (27/04/2023): ग्रेटर नोएडा के एमिटी यूनिवर्सिटी के प्रांगण में मंगलवार को स्पेशल ओलंपिक भारत द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस वार्ता में जून 2023 में बर्लिन में आयोजित होने वाले विशेष ओलंपिक विश्व ग्रीष्मकालीन खेलों के लिए विशेष ओलंपिक भारत तैयारी शिविर पर प्रकाश डाला। स्पेशल ओलंपिक भारत के प्रतिनिधिमंडल की घोषणा भारतीय हॉकी टीम की पूर्व कप्तान पद्म श्री रानी रामपाल, लोकसभा सांसद डॉ. महेश शर्मा, डॉ. अशोक के. चौहान, संस्थापक, एमिटी यूनिवर्सिटी, डॉ. मल्लिका नड्डा, अध्यक्ष, स्पेशल ओलंपिक भारत सहित विशिष्ट अतिथियों और स्पेशल ओलंपिक कोच के साथ-साथ एथलीटों की उपस्थिति में की गई।

बता दें कि 17 से 25 जून 2023 तक बर्लिन, जर्मनी में स्पेशल ओलंपिक व ग्रीष्मकालीन खेलों का आयोजन होने जा रहा है। वहीं बर्लिन, जर्मनी में आयोजित होने वाले स्पेशल ओलंपिक व ग्रीष्मकालीन खेलों में भारत की भागीदारी के लिए यह तीसरा Preparatory Camp है। यह Camp एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा, उत्तर प्रदेश में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें सभी खेल विधाओं का आयोजन विश्वविद्यालय के विशाल परिसर में किया जा रहा है और गोल्फ खेल का आयोजन नोएडा गोल्फ कोर्स में किया जाएगा।

शिविर का उद्देश्य व्यक्तिगत रूप से और साथ ही एथलीटों के प्रतिस्पर्धी कौशल को अंततः वैश्विक प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए तैयार करना है। कोच ब्रीफिंग और एथलीटों के प्रशिक्षण के सत्र दोनों के लिए एक समग्र अनुभव सुनिश्चित करने के लिए समानांतर चल रहे हैं, साथ ही दोनों के बीच जुड़ाव के विस्तारित करने के अवसर भी प्रदान कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त 28 अप्रैल को नियमित चिकित्सा जांच के माध्यम से Dental, Eye और overall fintess जांच भी आयोजित की जा रही है जिसका उद्देश्य जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए स्वास्थ्य मानकों को बनाए रखना है।

स्पेशल ओलम्पिक भारत की चेयरपर्सन डॉ मल्लिका नड्डा ने कहा कि 17 से 25 जून 2023 तक बर्लिन, जर्मनी 26 खेलों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए 190 देशों के 7,000 स्पेशल ओलंपिक एथलीटों का स्वागत करेगा। एथलीटों को 3,000 से अधिक प्रशिक्षकों और 20,000 स्वयंसेवकों द्वारा प्रोत्साहित किया जाएगा। यह बहुत गर्व की बात है कि भारत के 23 राज्यों के 202 से अधिक स्पेशल एथलीट, 59 कोच और स्पेशल एथलीटों के कुल 301 प्रतिनिधिमंडल और उनके एकीकृत साथी, कोच और अधिकारी सम्मिलित होंगे व 16 खेलों में भाग लेंगे। जिसमें फुटबॉल में 43, बास्केटबॉल में 35, हैंडबाल में 31, रोलर स्केटिंग में 24, वॉलीबॉल में 29, एथलेटिक्स में 22, तैराकी में 18, फुटसल में 15, साइकिलिंग में 13, पॉवरलिफ्टिंग में 11, टेबल टेनिस में 10, टेनिस में 7, जूड़ो में 7 और गोल्फ में 5 खिलाड़ी भाग लेंगे।

आगे डॉ मल्लिका नड्डा ने कहा कि स्पेशल ओलंपिक, समावेशी खेल के माध्यम से बौद्धिक दिव्यंगता वाले और सामान्य खिलाड़ियों को साथी के रूप में प्रशिक्षित करने और प्रतिस्पर्धा में भाग लेने का अवसर प्रदान करता है। यूनिफाइड स्पोर्ट्स दिव्यांग एथलीटों और सामान्य खिलाड़ियों के मध्य समन्वय स्थापित करने में सहयोग करता है। साथ ही स्पेशल ओलंपिक विश्व खेल दुनिया को एकजुट करने का अद्वितीय अवसर प्रदान करते है। यहां दिव्यांग और सामान्य खिलाड़ी, विभिन्न राष्ट्रों, संस्कृतियों, राजनीतिक विचारों और धार्मिक विश्वासों से ऊपर उठकर मिलते हैं और खेल की शक्ति के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाने का कार्य करते हैं।

साथ ही स्पेशल ओलम्पिक भारत की चेयरपर्सन डॉ मल्लिका नड्डा ने कहा कि विश्व खेल एथलीटों के लिए क्षमता, सकारात्मकता और आत्मविश्वास प्रदर्शित करने का एक अवसर है। दुनिया को विविधता और समावेशन की सुंदरता देखने को मिलती है। यहां एमिटी यूनिवर्सिटी में आयोजित हो रहे राष्ट्रीय शिविर में हमारे एथलीट अपने प्रशिक्षकों के सक्षम मार्गदर्शन में अपनी शक्ति को और भी अधिक बढ़ा रहे हैं, और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के स्तर पर अधिक आत्मविश्वास प्राप्त कर रहे हैं। हम इस तरह के आयोजनों द्वारा पूरे समुदाय के लिए, समावेशन का दृष्टिकोण विकसित करने के उदेश्य से व दिव्यांग एथलीटों की क्षमताओं को पहचानने और सम्मान देने का संदेश फैलाने की उम्मीद करते हैं।

क्या है स्पेशल ओलंपिक भारत

स्पेशल ओलंपिक भारत एक राष्ट्रीय खेल महासंघ है, जिसे पूरे भारत में खेल और दिव्यांग एथलीटों के विकास कार्यक्रम आयोजित करने के लिए स्पेशल ओलंपिक यू.एस.ए. द्वारा मान्यता प्राप्त है। स्पेशल ओलंपिक 1968 से शुरू हुआ एक वैश्विक समावेशन आंदोलन है, जो दुनिया भर में हर दिन खेल, स्वास्थ्य, शिक्षा और नेतृत्व कार्यक्रमों का उपयोग करके बौद्धिक दिव्यांग व्यक्तियों के साथ हो रहे भेदभाव को समाप्त करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

1980 के दशक में शुरू किए गए स्पेशल ओलंपिक भारत को भारत सरकार के युवा मामलों और खेल मंत्रालय द्वारा बौद्धिक और विकासात्मक दिव्यांग व्यक्तियों के लिए खेल के विकास के लिए एक राष्ट्रीय खेल संघ के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक दिव्यंगता की श्रेणी के लिए अलग ओलिंपिक खेल का आयोजन किया जाता है जैसे की शारीरिक दिव्यंगता के लिए पैरा ओलंपिक दृष्टिबाधित के लिए ब्लाइंड ओलंपिक, श्रवण बाधित के लिए बधिर ओलंपिक, 2 और बौद्धिक और विकासात्मक दिव्यंगता के लिए स्पेशल ओलंपिक है।

स्पेशल ओलंपिक भारत दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम है, जिसमें भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 15 लाख से अधिक एथलीट पंजीकृत हैं। 1987 से भारत के 1266 स्पेशल एथलीटों ने 9 वर्ल्ड समर गेम्स और 6 वर्ल्ड विंटर गेम्स (कुल 15 स्पेशल ओलंपिक विश्व खेलों) में भाग लिया है व 444 स्वर्ण, 504 रजत और 551 कांस्य पदक जीतकर कुल 1519 पदक प्राप्त किए।

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